कर्नाटक के कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र के घर ED की छापेमारी,12 करोड़ कैश,6 करोड़ की ज्वैलरी बरामद.
कर्नाटक के चित्रदुर्गा से कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र को ED ने सिक्किम से गिरफ्तार किया। उन पर अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। ED की छापेमारी में 12 करोड़ नकद, 6 करोड़ की ज्वैलरी, और गोवा के पांच कसीनो से जुड़े दस्तावेज मिले। वीरेंद्र गंगटोक में कसीनो लीज की योजना बना रहे थे। जांच में अंतरराष्ट्रीय सट्टेबाजी नेटवर्क का खुलासा हुआ।

कर्नाटक के चित्रदुर्गा से कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र उर्फ 'पप्पी' को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार, 23 अगस्त 2025 को सिक्किम की राजधानी गंगटोक से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत हुई, जिसमें उन पर अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ED की इस कार्रवाई ने कर्नाटक की सियासत में हलचल मचा दी है।
छापेमारी में क्या-क्या मिला?
ED ने 22 और 23 अगस्त को दो दिन की व्यापक छापेमारी की, जिसमें कर्नाटक, गोवा, राजस्थान, महाराष्ट्र और सिक्किम के 31 ठिकानों पर तलाशी ली गई। इनमें चित्रदुर्गा (6), बेंगलुरु (10), हुबली (1), जोधपुर (3), मुंबई (2) और गोवा (8) शामिल हैं। गोवा में पांच प्रमुख कसीनो - पप्पीज़ कसीनो गोल्ड, ओशन रिवर कसीनो, पप्पीज़ कसीनो प्राइड, ओशन 7 कसीनो और बिग डैडी कसीनो - पर भी छापे मारे गए, जो कथित तौर पर वीरेंद्र से जुड़े हैं। छापेमारी में ED ने निम्नलिखित बरामद किए:
12 करोड़ रुपये नकद, जिसमें 1 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा में।
6 करोड़ रुपये की सोने की ज्वैलरी और 10 किलोग्राम चांदी।
चार लग्जरी वाहन।
17 बैंक खातों और दो बैंक लॉकरों को फ्रीज किया गया।
वीरेंद्र के भाई केसी नागराज और उनके बेटे प्रुथ्वी एन राज के ठिकानों से संपत्ति से संबंधित कई दस्तावेज।
अंतरराष्ट्रीय कसीनो मेंबरशिप/रिवॉर्ड कार्ड्स (जैसे MGM, बेलागियो, मरीना कसीनो) और ताज, हयात, लीला जैसे लग्जरी होटलों के कार्ड्स।
अवैध सट्टेबाजी का जाल
ED की जांच में खुलासा हुआ कि वीरेंद्र और उनके सहयोगी कई अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट्स जैसे किंग567, राजा567, पप्पीज़003 और रत्ना गेमिंग चला रहे थे। उनके भाई केसी थिप्पेस्वामी दुबई से तीन कंपनियों - डायमंड सॉफ्टटेक, टीआरएस टेक्नोलॉजीज और प्राइम9 टेक्नोलॉजीज - के जरिए सट्टेबाजी और कॉल सेंटर सेवाओं का संचालन कर रहे थे। ये कंपनियां कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और सट्टेबाजी के कारोबार से जुड़ी थीं। जांच में पाया गया कि इस नेटवर्क में देशी-विदेशी खिलाड़ी शामिल थे, जो जटिल तरीके से धन की हेराफेरी कर रहे थे।
गंगटोक में क्यों थे वीरेंद्र?
ED के अनुसार, वीरेंद्र अपने सहयोगियों के साथ गंगटोक में एक भूमि-आधारित कसीनो को लीज पर लेने की योजना बना रहे थे। इस सिलसिले में वे बागडोगरा के रास्ते सिक्किम पहुंचे थे। छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों से मनी लॉन्ड्रिंग की जटिल प्रक्रिया का पता चला, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वीरेंद्र को गंगटोक के एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें बेंगलुरु की संबंधित अदालत में पेश करने के लिए ट्रांजिट रिमांड प्राप्त किया गया।
वीरेंद्र का अतीत और पृष्ठभूमि
50 वर्षीय केसी वीरेंद्र चित्रदुर्गा के चालकेरे से विधायक हैं और 2023 के विधानसभा चुनावों में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। इससे पहले वे जनता दल (सेक्युलर) में थे। वे कन्नड़ फिल्म अभिनेता डोड्डन्ना के दामाद हैं और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के करीबी माने जाते हैं। उनकी संपत्ति 134 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। वे पेशे से किसान हैं और 1999 में एचपीसीसी गवर्नमेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की थी। 2016 में भी वीरेंद्र विवादों में थे, जब आयकर विभाग ने उनके बाथरूम से 5.70 करोड़ रुपये की नई करेंसी, 32 किलोग्राम सोना और 90 लाख रुपये की पुरानी नोटें जब्त की थीं। उस समय उन पर बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा था।
सियासी हलचल और भविष्य
इस गिरफ्तारी ने कर्नाटक की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। ED की जांच अब भी जारी है, और माना जा रहा है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह मामला अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के व्यापक नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी शामिल हैं।