अंता विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस के प्रमोद जैन भैया ने दर्ज की शानदार जीत, भाजपा को 15,594 वोटों से हराया

अंता विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रमोद जैन भैया ने भाजपा के मोरपाल सुमन को 15,594 वोटों से हराया; निर्दलीय नरेश मीणा तीसरे स्थान पर रहे।

Nov 14, 2025 - 14:04
अंता विधानसभा उपचुनाव: कांग्रेस के प्रमोद जैन भैया ने दर्ज की शानदार जीत, भाजपा को 15,594 वोटों से हराया

 राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भैया ने बाजी मार ली है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार मोरपाल सुमन को 15,594 वोटों के बड़े अंतर से पराजित कर दिया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा तीसरे स्थान पर रहे। इस जीत के साथ कांग्रेस ने अंता सीट पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जबकि भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।

मतगणना के आंकड़े और परिणाम चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों के अनुसार:प्रमोद जैन भैया (कांग्रेस): कुल वोटों में भारी बढ़त हासिल की। 

मोरपाल सुमन (भाजपा): कांग्रेस से 15,594 वोट पीछे रहे।

नरेश मीणा (निर्दलीय): तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन कोई उल्लेखनीय प्रभाव नहीं डाल सके।

मतगणना प्रक्रिया सुबह से शुरू हुई और दोपहर तक परिणाम स्पष्ट हो गए। कुल मतदान प्रतिशत की जानकारी अभी आधिकारिक रूप से जारी नहीं हुई है, लेकिन उपचुनाव में मतदाताओं की उदासीनता और स्थानीय मुद्दों ने अहम भूमिका निभाई। अंता सीट पर यह उपचुनाव पूर्व विधायक की मृत्यु या इस्तीफे के कारण हुआ था, जिसने राजनीतिक दलों के लिए नई चुनौती पेश की।

काउंटिंग सेंटर का माहौल: निराशा और उत्साह का मिलाजुला दृश्य मतगणना केंद्र के बाहर का नजारा बेहद भावुक था। हार की खबर मिलते ही निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा गहरी निराशा में डूब गए। वे अपने समर्थकों के बीच पहुंचे और एक जीप के ऊपर चढ़कर बैठ गए। उनके चेहरे पर उदासी साफ झलक रही थी। समर्थक उन्हें सांत्वना दे रहे थे, लेकिन मीणा की आंखों में आंसू और निराशा का भाव था।दूसरी ओर, कांग्रेस खेमे में खुशी का ठांटा लगा हुआ था। प्रमोद जैन भैया के समर्थक नाच-गाना कर रहे थे, पटाखे फोड़ रहे थे और एक-दूसरे को मिठाई बांट रहे थे। जीत की घोषणा होते ही केंद्र के बाहर जश्न का माहौल बन गया। कांग्रेस कार्यकर्ता "जय कांग्रेस" और "प्रमोद भैया जिंदाबाद" के नारे लगा रहे थे।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं;  भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़: हार स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, "हम जनता का आदेश शिरोधार्य करते हैं। जनता ने जो फैसला दिया, उसे हम सम्मान देते हैं। पार्टी आगे की रणनीति पर विचार करेगी।" राठौड़ ने मतदाताओं का आभार जताया और कहा कि भाजपा जनसेवा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। 

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा: जीत पर उत्साहित डोटासरा ने प्रमोद जैन भैया को फोन कर बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह जीत कांग्रेस की नीतियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम है। अंता की जनता ने भ्रष्टाचार और झूठ के खिलाफ वोट दिया। प्रमोद भैया क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।"

नरेश मीणा की भावुक प्रतिक्रिया;  हार के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मीडिया से बातचीत में गहरी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा, "जनता ने हमें प्यार और आशीर्वाद दिया, उसके लिए मैं सिर झुकाता हूं। हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ थी। ईमानदारी हार गई, भ्रष्टाचार जीत गया।" अपने समर्थकों से मुखातिब होते हुए मीणा ने आगे कहा, "ईश्वर हमारी परीक्षा ले रहा है। शायद हमारी त्याग और तपस्या में कोई कमी रही होगी। अब हमें दोगुनी ताकत से काम करना पड़ेगा। हम हार नहीं मानेंगे और जनता की सेवा जारी रखेंगे।" मीणा ने स्थानीय मुद्दों जैसे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और विकास की कमी को अपनी चुनावी लड़ाई का मुख्य आधार बताया था, लेकिन वोटों में यह प्रभाव नहीं दिखा।

पृष्ठभूमि और चुनावी मुद्दे;  अंता विधानसभा सीट बारां जिले में स्थित है और यहां की राजनीति स्थानीय जातीय समीकरण, कृषि मुद्दों और विकास कार्यों पर टिकी हुई है। उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रमोद जैन भैया को मैदान में उतारा, जो एक अनुभवी नेता हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। भाजपा ने मोरपाल सुमन पर दांव लगाया, जबकि नरेश मीणा ने निर्दलीय के रूप में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाई। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की, जबकि भाजपा ने विकास और मोदी सरकार की योजनाओं को हाइलाइट किया। निर्दलीय मीणा ने दोनों बड़ी पार्टियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। मतदाताओं ने अंततः कांग्रेस के पक्ष में फैसला सुनाया, जो राज्य में कांग्रेस की मजबूती का संकेत देता है।