जैसलमेर में बोर्डर के पास मिला युवक और एक नाबालिक लड़की का शव, दोनों के पास पाकिस्तानी सिम और ID कार्ड

जैसलमेर के साधेवाला में भारत-पाक सीमा से 10-12 किमी भीतर एक 18 वर्षीय युवक और 15 वर्षीय अज्ञात नाबालिग लड़की के 7 दिन पुराने शव बरामद हुए। मौके से पाकिस्तानी सिम और युवक की आईडी मिली। तनोट पुलिस, जैसलमेर पुलिस और BSF की संयुक्त जांच शुरू। शव पोस्टमार्टम के लिए रामगढ़ सीएचसी भेजे गए। पाक सिम के कारण खुफिया एजेंसियां सतर्क, मृतकों की नागरिकता की जांच जारी।

Jun 29, 2025 - 09:13
Jun 29, 2025 - 10:29
जैसलमेर में बोर्डर के पास मिला युवक और एक नाबालिक लड़की का शव, दोनों के पास पाकिस्तानी सिम और ID कार्ड

जैसलमेर, 29 जून 2025: भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक जैसलमेर के साधेवाला क्षेत्र में एक सनसनीखेज घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। यहां रेतीले टीलों में दो शव बरामद हुए हैं, जिनमें एक 18 वर्षीय युवक और एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की शामिल हैं। दोनों शव करीब 7 दिन पुराने बताए जा रहे हैं और भारत-पाक तारबंदी से 10-12 किलोमीटर भीतर मिले हैं। इस मामले ने तब और गंभीर मोड़ ले लिया, जब घटनास्थल से एक पाकिस्तानी सिम कार्ड और एक आईडी कार्ड बरामद हुआ, जिसमें युवक का नाम रवि कुमार और उम्र 18 वर्ष दर्ज है। हालांकि, लड़की की शिनाख्त अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन उसकी उम्र लगभग 15 वर्ष आंकी जा रही है।

रहस्यमयी घटना की शुरुआत

तनोट थाना क्षेत्र के रेतीले टीलों में मिले इन शवों ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के बीच हड़कंप मचा दिया है। शवों के पास से मिले पाकिस्तानी सिम और आईडी कार्ड ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मृतक भारतीय नागरिक थे या पाकिस्तानी। इस सवाल ने खुफिया एजेंसियों की सक्रियता को और बढ़ा दिया है।

संयुक्त जांच में जुटीं टीमें

तनोट पुलिस, जैसलमेर पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इस मामले की संयुक्त जांच शुरू कर दी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए रामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की मोर्चरी में भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मृत्यु के कारणों और समय का खुलासा होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, घटनास्थल के आसपास के गांवों में भी पूछताछ की जा रही है ताकि मृतकों की पहचान और उनके वहां पहुंचने की वजह का पता लगाया जा सके।

खुफिया एजेंसियों की बढ़ी सक्रियता

पाकिस्तानी सिम और आईडी कार्ड मिलने के बाद खुफिया एजेंसियां इस मामले को संवेदनशील मान रही हैं। यह क्षेत्र भारत-पाक सीमा के करीब होने के कारण पहले से ही रणनीतिक रूप से संवेदनशील है। हाल के महीनों में जैसलमेर में कई संदिग्ध गतिविधियां और जासूसी के मामले सामने आए हैं, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां और सतर्क हैं। 

क्या है इस रहस्य का सच?

इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या ये दोनों मृतक सीमा पार करने की कोशिश में थे? क्या यह किसी जासूसी नेटवर्क से जुड़ा मामला है? या फिर इसके पीछे कोई और कहानी है? पाकिस्तानी सिम और आईडी कार्ड का मिलना इस मामले को और रहस्यमयी बनाता है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन शवों का संबंध हाल के दिनों में भारत-पाक सीमा पर बढ़ी तनावपूर्ण गतिविधियों से है।

क्षेत्र में पहले भी रही हैं संदिग्ध गतिविधियां

गौरतलब है कि जैसलमेर में भारत-पाक सीमा के पास पहले भी कई संदिग्ध गतिविधियां सामने आ चुकी हैं। हाल ही में, इस क्षेत्र में कई लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से कुछ के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध होने की बात सामने आई थी। इन घटनाओं ने सीमा क्षेत्र में सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत को रेखांकित किया है।

आगे की जांच पर टिकी नजरें

फिलहाल, इस मामले में जांच तेजी से चल रही है। खुफिया एजेंसियां मृतकों के मोबाइल रिकॉर्ड, सिम कार्ड की डिटेल्स और आईडी कार्ड की प्रामाणिकता की जांच कर रही हैं। आसपास के गांवों में भी लोगों से पूछताछ की जा रही है ताकि कोई सुराग मिल सके। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में दहशत पैदा की है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।

जैसलमेर की यह घटना न केवल एक रहस्यमयी आपराधिक मामला है, बल्कि सीमा पार से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को भी उजागर करती है।