वर्षा में विश्वास, भक्ति में बल: गौतम अदाणी का पुरी रथयात्रा में परिवार संग दर्शन, 40 लाख भक्तों के लिए भव्य प्रसाद सेवा की शुरुआत
गौतम अदाणी ने परिवार संग पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में दर्शन किए और अदाणी समूह ने 40 लाख श्रद्धालुओं के लिए 'प्रसाद सेवा' शुरू की। उन्होंने इसे भक्ति और सेवा का अनुपम उत्सव बताया।

अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की पवित्र रथयात्रा में हिस्सा लिया। इस दौरान उनकी पत्नी प्रीति अदाणी और बेटे करण अदाणी भी उनके साथ थे। गौतम अदाणी ने भगवान जगन्नाथ के भव्य और अलौकिक रथ के दर्शन किए, हाथ जोड़कर प्रणाम किया और रथ को छूकर ईश्वर का आशीर्वाद लिया। पुरी पहुंचने पर बारिश हो रही थी, लेकिन इस बारिश के बावजूद उन्होंने भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए।
अदाणी समूह की 'प्रसाद सेवा'
अदाणी समूह ने महाकुंभ की तर्ज पर पुरी में चल रही जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान भक्तों के लिए 'प्रसाद सेवा' की शुरुआत की है। इस पहल के तहत रथयात्रा के दौरान करीब 40 लाख श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद तैयार किया जाएगा। गौतम अदाणी ने इस्कॉन के उस किचन का दौरा किया, जहां यह महाप्रसाद बनाया जा रहा है। उन्होंने इस सेवा को अपने और अपने परिवार के लिए "अत्यंत गौरव और संतोष का विषय" बताया।
गौतम अदाणी का सोशल मीडिया संदेश
गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की असीम कृपा से, हमें पुरी धाम की पावन रथयात्रा में सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। आज से आरंभ हो रही यह दिव्य यात्रा वह क्षण है, जब स्वयं भगवान अपने भक्तों के बीच आकर उन्हें दर्शन देते हैं। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि भक्ति, सेवा और समर्पण का अनुपम उत्सव है।"
उन्होंने आगे कहा, "समस्त अदाणी परिवार इस पुण्य अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए पूरी निष्ठा और श्रद्धा से समर्पित है। हर भक्त को स्वच्छ, पौष्टिक और प्रेमपूर्वक परोसा गया भोजन मिले, इसी संकल्प के साथ पुरी धाम में ‘प्रसाद सेवा’ आरंभ की गई है।"
रथयात्रा का महत्व
पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं। इस दौरान भगवान के रथ को भक्त खींचते हैं, जो भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। अदाणी समूह की 'प्रसाद सेवा' ने इस पवित्र अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधा और भक्ति का एक नया आयाम जोड़ा है।