एनडीए में बेटियों का नया अध्याय: पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने पासिंग आउट परेड में लिया हिस्सा
एनडीए में महिलाओं की यह पहली बैच थी, जिन्हें तीन वर्षों की कठिन ट्रेनिंग के बाद पासिंग आउट परेड में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ। यह उपलब्धि उन तमाम युवतियों के लिए प्रेरणा है जो सेना में करियर बनाने का सपना देखती हैं।

भारत की सैन्य तैयारियों में इतिहास रचते हुए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की 148वीं पासिंग आउट परेड में पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने भाग लिया। शुक्रवार को पुणे स्थित एनडीए परिसर में आयोजित इस परेड में जब बेटियों ने गर्व से कदम मिलाए, तो उनके माता-पिता की आंखें गर्व से भर आईं। जिन बेटियों की कड़ी ट्रेनिंग को लेकर एक समय पर माता-पिता चिंतित थे, उन्होंने आज यह कर दिखाया।
एनडीए में महिलाओं की यह पहली बैच थी, जिन्हें तीन वर्षों की कठिन ट्रेनिंग के बाद पासिंग आउट परेड में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ। यह उपलब्धि उन तमाम युवतियों के लिए प्रेरणा है जो सेना में करियर बनाने का सपना देखती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में खोला था एनडीए का दरवाजा
पहला कदम: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में एक ऐतिहासिक फैसले के तहत महिला उम्मीदवारों के लिए एनडीए के द्वार खोले थे। सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए अधिकारियों की तैयारी करने वाली इस संस्था में पहले केवल पुरुषों को प्रवेश मिलता था।
महिला समानता की ओर बड़ा कदम: यह फैसला केवल लॉजिकल नहीं बल्कि प्रतीकात्मक रूप से भी बड़ा कदम था, जिसने सैन्य सेवाओं में लैंगिक समानता को नई दिशा दी।
यूपीएससी परीक्षा में शामिल: 2022 में UPSC परीक्षा के जरिए इन 17 महिला कैडेट्स ने एनडीए में प्रवेश पाया और पुरुष कैडेट्स की तरह ही तीन साल की सख्त ट्रेनिंग को पूरा किया।
राजस्थान की बेटी ईशिता भी बनी हिस्सा
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के डूंगराना गांव की ईशिता सैनी भी इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनीं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद ईशिता ने दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर एनडीए में जगह बनाई और अब पासिंग आउट परेड में देश का गौरव बढ़ाया। उनकी यह उपलब्धि राज्य की बेटियों के लिए भी नई प्रेरणा बनकर सामने आई है।