धर्मगुरु गिरफ्तार: 17 छात्राओं से छेड़छाड़, फर्जीवाड़े और यौन शोषण के आरोप
दिल्ली के स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा से गिरफ्तार किया गया है, उन पर 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई की और जांच में आश्रम से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के पूर्व संचालक और स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी को दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप हैं। यह गिरफ्तारी 28 सितंबर 2025 की देर रात को गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसने राजधानी में एक बार फिर स्वयंभू धर्मगुरुओं की काली करतूतों को उजागर किया है।
17 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न किया
दिल्ली के वसंत कुंज थाने में दर्ज प्राथमिकी (FIR) के अनुसार, चैतन्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट (PGDM) कर रही 17 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न किया। पीड़ित छात्राओं ने बताया कि आरोपी उन्हें देर रात अपने कमरे में बुलाता था, अश्लील मैसेज भेजता था, अभद्र भाषा का उपयोग करता था, और जबरन शारीरिक छेड़छाड़ करता था। कुछ छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि आश्रम की कुछ महिला कर्मचारी और वार्डन उनकी मांगों को मानने के लिए दबाव डालती थीं।
पुलिस ने 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए, जिनमें से 17 ने चैतन्यानंद के खिलाफ यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न के स्पष्ट आरोप लगाए। पीड़िताओं ने बताया कि आरोपी धार्मिक शिक्षा और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के नाम पर उनका शोषण करता था।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
दिल्ली पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि चैतन्यानंद सरस्वती आगरा में छिपा हुआ है। इसके आधार पर एक विशेष पुलिस टीम ने रणनीतिक कार्रवाई करते हुए 62 वर्षीय आरोपी को आगरा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, चैतन्यानंद गिरफ्तारी से बचने के लिए रोजाना अपना रूप बदल रहा था और मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग नहीं कर रहा था ताकि उसकी लोकेशन ट्रैक न हो सके। इसके बावजूद, दिल्ली पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर उसकी धरपकड़ सुनिश्चित की।
चैतन्यानंद सरस्वती कौन है?
चैतन्यानंद सरस्वती, जिन्हें पहले पार्थ सारथी के नाम से जाना जाता था, मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले हैं। वह पिछले 12 वर्षों से दिल्ली के वसंत कुंज में शृंगेरी मठ के आश्रम का संचालन कर रहे थे। यह आश्रम श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ है, जहां मैनेजमेंट की पढ़ाई करवाई जाती है। चैतन्यानंद पर पहले भी 2006 और 2016 में छेड़छाड़ के मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 2016 के मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
आरोपी का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह कथित तौर पर लग्जरी कारों का शौकीन था और एक वोल्वो कार पर फर्जी कूटनीतिक नंबर प्लेट लगाकर घूमता था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। इसके अलावा, पुलिस ने आश्रम के बेसमेंट से एक बीएमडब्ल्यू कार की भी तलाश तेज कर दी है।
जांच में क्या सामने आया?
पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। चैतन्यानंद ने अपने मोबाइल फोन के जरिए आश्रम और हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरों का एक्सेस ले रखा था, जिसके माध्यम से वह छात्राओं की हर गतिविधि पर नजर रखता था। यहां तक कि हॉस्टल के वॉशरूम के बाहर भी कैमरे लगे थे। पुलिस ने हॉस्टल का डीवीआर जब्त कर लिया है और पूरे मामले को रीक्रिएट करने की तैयारी में है।
पुलिस ने चैतन्यानंद से जुड़े बैंक खातों में 8 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन का भी पता लगाया है, जिन पर अब रोक लगा दी गई है। माना जा रहा है कि यह धनराशि अवैध गतिविधियों और प्रभाव बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। जांच में यह भी सामने आया है कि आश्रम के कुछ कर्मचारी और प्रशासनिक अधिकारी भी चैतन्यानंद के साथ मिले हुए थे।
आश्रम प्रशासन का रुख
श्री शृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने 4 अगस्त 2025 को दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ। शिकायत में कहा गया था कि चैतन्यानंद ने EWS छात्रवृत्ति पर पढ़ रही छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें कीं। मामले के उजागर होने के बाद आश्रम प्रशासन ने चैतन्यानंद को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया और आश्रम में रह रही करीब 75 छात्राओं को उनके घर भेज दिया गया। वर्तमान में हॉस्टल खाली पड़ा है।
दिल्ली पुलिस ने पीड़ित छात्राओं के बयान कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए हैं। पुलिस अब आरोपी को रिमांड पर लेने की तैयारी में है ताकि पूछताछ के दौरान और जानकारी हासिल की जा सके। साथ ही, पुलिस यह जांच कर रही है कि इस शोषण के नेटवर्क में और कितने लोग शामिल थे। जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच भी शुरू कर दी गई है।