किसान से मारपीट करने पर तीन साल की सजा: बकाया मजदूरी मांगने पर कुल्हाड़ी से किया था जानलेवा हमला
बीकानेर में 2019 में बिजाई की 15 हजार रुपये मजदूरी मांगने पर समुद्र सिंह ने किसान जेठाराम पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया था। अदालत ने आरोपी को 3 साल कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
बीकानेर, 27 नवंबर 2025: राजस्थान के बीकानेर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने किसानों की असुरक्षा को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यहां एक अदालत ने एक किसान को खेत में बिजाई की मजदूरी के बकाया पैसे मांगने पर कुल्हाड़ी से पीटने के आरोपी को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने आरोपी पर भारी जुर्माना भी लगाया है। यह मामला साल 2019 का है, जब एक साधारण मजदूरी विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया था। अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं, लेकिन सभी सजाएं एक साथ चलेंगी, जिससे आरोपी को अधिकतम तीन साल की जेल काटनी होगी।
घटना का पूरा विवरण: मजदूरी का विवाद, कुल्हाड़ी का हमला यह घटना 6 सितंबर 2019 को बीकानेर के मालू सिंह की ढाणी में घटी थी। परिवादी जेठाराम (उम्र लगभग 50 वर्ष), जो एक गरीब किसान और मजदूर हैं, ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जेठाराम का आरोप था कि वह आरोपी समुद्र सिंह (उम्र 45 वर्ष) के खेत में बिजाई (बीज बोने का काम) का काम करता था। इस काम के बदले उसे 15 हजार रुपये मिलने थे, लेकिन समुद्र सिंह ने पैसे देने में टालमटोल किया।जेठाराम ने कई दिनों तक बकाया मजदूरी की याद दिलाई, लेकिन समुद्र सिंह ने आश्वासन देकर टालता रहा। आखिरकार, 6 सितंबर को जेठाराम ने समुद्र सिंह से फोन पर बात की और पैसे मांगे। समुद्र सिंह ने कहा, "खेत पर आ जाओ, वहां पैसे दे दूंगा।" भोले-भाले जेठाराम को शक न हुआ और वह खेत की ओर चल पड़े। लेकिन जैसे ही वह खेत पहुंचा, समुद्र सिंह ने कुल्हाड़ी से उस पर जानलेवा हमला बोल दिया।चश्मदीदों के अनुसार, हमला इतना खतरनाक था कि जेठाराम के सिर और हाथों पर गहरी चोटें आईं। वह जमीन पर गिर पड़े और खून से लथपथ हो गए। आसपास के ग्रामीणों ने उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई। जेठाराम को कई टांके लगे और उन्हें कई दिनों तक भर्ती रखा गया। हमले के बाद जेठाराम ने तुरंत स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें समुद्र सिंह पर हत्या के प्रयास, मारपीट और अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया।
पुलिस जांच और अदालती प्रक्रिया पुलिस ने तुरंत समुद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पाया गया कि आरोपी के पास कुल्हाड़ी थी, जो हमले के समय उसके हाथ में थी। फॉरेंसिक रिपोर्ट में चोटों की गहराई और कुल्हाड़ी के निशान साफ दिखे। मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया, जिसमें धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकी) और अन्य शामिल हैं।केस कोर्ट पहुंचा तो अभियोजन पक्ष ने मजबूत साक्ष्य पेश किए। जेठाराम की मेडिकल रिपोर्ट, चश्मदीद गवाहों के बयान और आरोपी की गिरफ्तारी के समय बरामद कुल्हाड़ी प्रमुख सबूत बने। बचाव पक्ष ने दावा किया कि यह आपसी झगड़ा था, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया। जज ने फैसले में कहा, "मजदूरी का विवाद इतना हिंसक रूप न ले, यह समाज के लिए शर्मनाक है। किसान और मजदूर हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है।"
सजा का विवरण: तीन साल जेल और जुर्माना अदालत ने 26 नवंबर 2025 को फैसला सुनाया। विभिन्न धाराओं के तहत सजाएं इस प्रकार हैं:धारा 307 (हत्या का प्रयास): 3 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना। धारा 323 (मारपीट): 1 साल साधारण कारावास और 5,000 रुपये जुर्माना। धारा 506 (आपराधिक धमकी): 2 साल कारावास और 3,000 रुपये जुर्माना। हालांकि, अदालत ने सभी सजाओं को एक साथ चलाने का आदेश दिया, जिससे कुल सजा 3 साल की हो गई। जुर्माना न चुकाने पर अतिरिक्त जेल की सजा का प्रावधान है। समुद्र सिंह को तुरंत जेल भेज दिया गया है।
सामाजिक प्रभाव: किसानों में भय और न्याय की मांग यह घटना बीकानेर के ग्रामीण इलाकों में सनसनी फैला रही है। किसान संगठनों ने इसे मजदूरों पर बढ़ते अत्याचार का प्रतीक बताया है। जेठाराम ने फैसले के बाद कहा, "मैंने सिर्फ अपने पैसे मांगे थे, लेकिन मौत के घाटे उतार दिया गया। अदालत का फैसला न्याय है, लेकिन ऐसे अपराध रोकने के लिए सख्त कानून चाहिए।" स्थानीय किसान नेता रामस्वरूप ने बताया कि ढाणी क्षेत्र में ऐसे विवाद आम हैं, लेकिन हिंसा दुर्लभ है। उन्होंने सरकार से मजदूरी भुगतान को अनिवार्य बनाने की मांग की।