11 साल की उम्र में बाल विवाह, 20 साल की करिश्मा प्रेमी के साथ लिव-इन में: क्या है पूरी कहानी?
नागौर की 20 वर्षीय करिश्मा चौधरी का बाल विवाह 11 साल की उम्र में हुआ, लेकिन प्रेमी सहदेव भाकर के साथ लिव-इन में रहने के फैसले से नाराज परिवार ने 13 जून को सहदेव की अपहरण के बाद हत्या कर दी। करिश्मा अब इंसाफ की मांग कर रही है, क्योंकि उसे भी जान का खतरा है।

राजस्थान के नागौर जिले के रातंगा गांव में 28 वर्षीय सहदेव भाकर की हत्या ने एक बार फिर ऑनर किलिंग की क्रूरता को उजागर किया है। सहदेव की प्रेमिका, 20 वर्षीय करिश्मा चौधरी के परिवार वालों पर आरोप है कि उन्होंने 13 जून को अजमेर बस स्टैंड से सहदेव का अपहरण किया और अगले दिन 14 जून को पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। शव को तेजासर गांव के मेहरवास रोड के पास एक खेत में फेंक दिया गया। करिश्मा ने अपने परिवार वालों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा, “मेरे घरवालों को फांसी दो, वरना वो मुझे भी मार डालेंगे।”
बाल विवाह से शुरू हुई करिश्मा की कहानी
करिश्मा चौधरी, धारणा गांव की रहने वाली, महज 11-12 साल की थीं जब उनके परिवार ने उनका बाल विवाह तय कर दिया। बड़ी होने पर उन्हें इसकी जानकारी हुई, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। नर्सिंग की पढ़ाई के लिए तरनाऊ गांव के कॉलेज में दाखिला लिया, जहां उनकी मुलाकात उनके शिक्षक सहदेव भाकर से हुई। पहली नजर में ही दोनों को प्यार हो गया और उन्होंने साथ जीने की कसमें खाईं।
जटिल रिश्तों का जाल
सहदेव पहले से शादीशुदा थे। उनकी शादी 2018 में खुशिया गांव की चंदा देवी से हुई थी, लेकिन उनका रिश्ता तनावपूर्ण था। सहदेव, करिश्मा के लिए चंदा को तलाक देना चाहते थे। दूसरी ओर, करिश्मा के परिवार वाले उनके बालिग होने का इंतजार कर रहे थे ताकि उनका मुकलावा (ससुराल भेजने की रस्म) कर सकें। करिश्मा ने साफ कर दिया कि वह सिर्फ सहदेव से ही शादी करेंगी, जिससे उनके परिवार में तनाव बढ़ गया।
भागकर शुरू किया लिव-इन रिलेशन
2024 में, 18-19 साल की होने पर करिश्मा ने अपने परिवार को सहदेव के साथ अपने रिश्ते की बात बता दी। परिवार के विरोध के बावजूद, 9 महीने पहले करिश्मा सहदेव के साथ घर से भाग गईं। जयपुर में दोनों ने लिव-इन रिलेशन के कागजात तैयार किए और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। करिश्मा ने पुलिस को परिवार से मिल रही धमकियों के बारे में बताया और सुरक्षा की मांग की, लेकिन पुलिस ने कोई प्रोटेक्शन नहीं दिया। करिश्मा के चाचा रामकिशोर ने दोनों को जान से मारने की धमकी दी थी।
दिनदहाड़े अपहरण और हत्या
सहदेव, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, 12 जून को अपने दोस्त हरेंद्र के साथ अजमेर में नर्स भर्ती परीक्षा देने गए। 13 जून को दोपहर 1 बजे, जब वे अजमेर रोडवेज बस स्टैंड से घर लौटने की तैयारी कर रहे थे, करिश्मा के परिवार वाले वहां पहुंचे। करिश्मा के पिता बस्तीराम, चाचा रामकिशोर, रामप्रसाद, बहन ललिता, जीजा महिपाल, राजू और फूफा हड़मान ने सहदेव से विवाद किया। इसके बाद एक कैंपर गाड़ी में आए लोगों ने सहदेव को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर किडनैप कर लिया। हरेंद्र डर के मारे भाग गया और बाद में सहदेव के पिता रामदेव को घटना की जानकारी दी।
14 जून की शाम को तेजासर गांव के एक खेत में सहदेव का शव मिला। पुलिस ने शव की पहचान रामदेव से करवाई, जिसके बाद हत्या की धारा जोड़कर जांच शुरू की गई। प्रारंभिक जांच में शव पर चोट के निशान और खून के धब्बे मिले, जो पीट-पीटकर हत्या की पुष्टि करते हैं।
पुलिस जांच और आरोप
अजमेर सिविल लाइन थाने के सीआई शंभू सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में करिश्मा के परिजनों की संलिप्तता सामने आई है। आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है, क्योंकि सहदेव और करिश्मा के रिश्ते से न केवल करिश्मा के परिवार, बल्कि सहदेव की पत्नी चंदा के परिजन और करिश्मा के ससुराल वाले भी नाराज थे।
करिश्मा की मांग: “न्याय दो, वरना मुझे भी मार डालेंगे”
करिश्मा, जो अभी सहदेव के परिवार के साथ रह रही हैं, ने अपने दर्द को बयां करते हुए कहा, “सहदेव मेरे लिए सबकुछ थे। वो मेरे साथ जिंदगी बिताने के लिए अपनी पत्नी को तलाक देना चाहते थे। मेरे परिवार वालों ने उन्हें मार डाला और अब मुझे भी धमकी दे रहे हैं। जब तक उन्हें फांसी नहीं मिलेगी, मुझे इंसाफ नहीं मिलेगा।”