बाड़मेर: मंगला वैलपेड-7 के पास जमीन धंसने से हड़कंप, केयर्न ने बुलाई जियोलॉजिकल टीम; तेल अपशिष्ट पर शक

बाड़मेर के नागाणा थाना क्षेत्र में मंगला वैल पेड-7 के पास जमीन धंसने और गहरे गड्ढे बनने से दहशत फैल गई। नागाणा पुलिस ने मौके का मुआयना कर केयर्न कंपनी को सूचित किया, जो जोधपुर से जियोलॉजिकल सर्वेक्षण टीम बुला रही है। तेल उत्पादन के अपशिष्ट और ब्लास्टिंग को इसका संभावित कारण माना जा रहा है।

Jul 8, 2025 - 14:21
बाड़मेर: मंगला वैलपेड-7 के पास जमीन धंसने से हड़कंप, केयर्न ने बुलाई जियोलॉजिकल टीम; तेल अपशिष्ट पर शक

बाड़मेर जिले के नागाणा थाना क्षेत्र में मंगला वैल पेड-7 के पीछे जमीन धंसने और गहरे गड्ढे बनने की घटना से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। सूचना मिलते ही नागाणा पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने केयर्न कंपनी के अधिकारियों को सूचित किया, जिन्होंने जोधपुर से जियोलॉजिकल सर्वेक्षण टीम को बुलाया है। प्रशासन को भी इसकी जानकारी दे दी गई है।

नागाणा निवासी प्रेमाराम पुत्र केशराराम ने पुलिस को सूचना दी कि मंगला वैल पेड-7 के पीछे दीवार से सड़क तक जमीन धंस गई है। नागाणा थानाधिकारी जमील खान अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। निरीक्षण में पाया गया कि करीब 250 मीटर तक जमीन में दरारें पड़ गई हैं और कई जगह गहरे गड्ढे बन गए हैं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों से सावधानी बरतने और प्रभावित क्षेत्र से दूर रहने की अपील की। गड्ढों के पास लाल कपड़े की झंडियां लगाई गई हैं ताकि अनजान लोग नजदीक न जाएं।

संभावित कारण

प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, ऑयल प्रोडक्शन के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को जमीन में डालने और ब्लास्टिंग की वजह से जमीन में दरारें और गड्ढे बने हो सकते हैं। हालांकि, सटीक कारण का पता जोधपुर से आने वाली जियोलॉजिकल सर्वेक्षण टीम की जांच के बाद ही चल सकेगा।

बाड़मेर में केयर्न एनर्जी (अब वेदांता केयर्न ऑयल एंड गैस) का तेल और गैस परियोजना भारत की सबसे बड़ी ऑनशोर उत्पादन परियोजनाओं में से एक है। 2004 में बाड़मेर बेसिन में तेल की खोज के बाद 2009 से उत्पादन शुरू हुआ। मंगला तेल क्षेत्र इस परियोजना का हिस्सा है। कंपनी ने राजस्थान के कच्चे तेल को बाजार तक पहुंचाने के लिए 600 किलोमीटर लंबी गर्म पाइपलाइन बनाई है, जो मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से सलाया तक जाती है। कंपनी के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और सर्वेक्षण टीम को बुलाने की बात कही।

जैसलमेर में भी हुई थी ऐसी घटना

लगभग छह महीने पहले जैसलमेर के मोहनगढ़ में भी ऐसी ही घटना हुई थी। वहां ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान 850 फीट पर तेज प्रेशर के साथ पानी और गैस निकलने लगी। बोरिंग मशीन और ट्रक सहित कई उपकरण जमीन में समा गए। प्रशासन ने 500 मीटर के दायरे को खाली कराया था। ONGC के अधिकारियों ने जांच की और गैस को सामान्य बताया। उस समय भी बाड़मेर की केयर्न एनर्जी की टीम से संपर्क किया गया था।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

नागाणा पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कदम उठाए। प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। थानाधिकारी जमील खान ने बताया कि सर्वेक्षण टीम के आने के बाद ही घटना के सटीक कारणों का पता चल सकेगा। तब तक लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .