बालोतरा-बाड़मेर में बजरी संकट का अंत: सस्ती बजरी की राह आसान, EC स्वीकृति से खुला खनन का रास्ता!"

बालोतरा-बाड़मेर में दो साल बाद वैध बजरी खनन को मंजूरी मिली। कनाना में 99 हैक्टेयर क्षेत्र में एक लीजधारक को पर्यावरण स्वीकृति (EC) जारी हुई, जिससे प्रति वर्ष 2,78,438 टन बजरी का खनन होगा। सरकार ने 200 रुपये प्रति टन कीमत तय की, जिससे सस्ती बजरी मिलेगी और अवैध खनन रुकेगा। पचपदरा में 8 और सिणधरी में 4 लीज स्वीकृत हैं।

Jun 20, 2025 - 19:38
बालोतरा-बाड़मेर में बजरी संकट का अंत: सस्ती बजरी की राह आसान, EC स्वीकृति से खुला खनन का रास्ता!"

बालोतरा और बाड़मेर जिलों में लंबे समय से चल रही बजरी की कमी अब जल्द ही खत्म होने वाली है। खनिज विभाग ने इस क्षेत्र में वैध बजरी खनन को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। बालोतरा के कनाना क्षेत्र में एक लीजधारक को पर्यावरण स्वीकृति (Environmental Clearance - EC) जारी कर दी गई है। यह स्वीकृति राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) ने प्रदान की है, जो दोनों जिलों के लिए राहत की बड़ी खबर है।

पिछले दो वर्षों से बालोतरा और बाड़मेर में वैध बजरी खनन पूरी तरह बंद था, जिसके कारण अवैध खनन ने जोर पकड़ा और आम लोगों को महंगी दरों पर बजरी खरीदनी पड़ रही थी। बाजार में बजरी की कीमतें 600 से 800 रुपये प्रति टन तक पहुंच गई थीं, जो आमजन के लिए भारी पड़ रही थी। लेकिन अब सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए नई नीति लागू की है, जिसके तहत बजरी की अधिकतम कीमत 200 रुपये प्रति टन तय की गई है। इससे न केवल बजरी सस्ती होगी, बल्कि अवैध खनन पर भी अंकुश लगेगा। 

खनन की स्वीकृति और विवरण:

क्षेत्र और मात्रा: कनाना में 99 हैक्टेयर के क्षेत्र में बजरी खनन की स्वीकृति दी गई है। इस क्षेत्र से प्रति वर्ष 2,78,438 टन बजरी का खनन संभव होगा, जो स्थानीय निर्माण कार्यों और सरकारी योजनाओं की मांग को पूरा करने में सहायक होगा।

लीज की स्थिति: बालोतरा और बाड़मेर जिलों में कुल 12 लीज स्वीकृत की गई हैं, जिनमें पचपदरा तहसील में 8 और सिणधरी तहसील में 4 लीज शामिल हैं। इनमें से कनाना की एक लीज को EC मिल चुकी है, जबकि अन्य लीज के लिए पर्यावरण स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है।

सरकार की रणनीति और प्रभाव:

सरकार ने नई बजरी नीति के तहत 100 हैक्टेयर से कम क्षेत्र की लीज को प्राथमिकता दी है, ताकि छोटे-छोटे ब्लॉकों में खनन शुरू हो सके। इसके लिए ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई, जिसके तहत अगस्त से अक्टूबर 2024 तक 11 लीज का ऑक्शन हो चुका है। हालांकि, पर्यावरण स्वीकृति में देरी के कारण अभी तक खनन शुरू नहीं हो सका था। अब कनाना में EC जारी होने से खनन कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

खनिज विभाग के अभियंता वेदप्रकाश के अनुसार, सिणधरी क्षेत्र में चार और लीज के लिए ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे क्षेत्र में वैध खनन को और बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि लीजधारक रॉयल्टी (51.30 रुपये प्रति टन) से चार गुना तक ही राशि वसूल कर सकते हैं, जिससे बजरी की कीमत 200 रुपये प्रति टन के आसपास रहेगी।

आमजन को लाभ और अवैध खनन पर लगाम:

वैध खनन शुरू होने से न केवल बजरी की कीमतें कम होंगी, बल्कि अवैध खनन पर भी प्रभावी रूप से रोक लगेगी। पहले अवैध खनन के कारण माफिया सक्रिय थे, जो मनमानी कीमतों पर बजरी बेच रहे थे। अब वैध लीज और सख्त नियमों के साथ सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान करने की दिशा में बढ़ रही है।

स्थानीय प्रभाव:

बाड़मेर और बालोतरा में बजरी की कमी के कारण सरकारी योजनाओं से लेकर निजी निर्माण कार्य तक प्रभावित हो रहे थे। लोग गुजरात के डीसा से महंगी बजरी मंगवाने को मजबूर थे। अब वैध खनन शुरू होने से स्थानीय स्तर पर सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बजरी उपलब्ध होगी, जिससे निर्माण कार्यों में तेजी आएगी और लोगों का आर्थिक बोझ कम होगा।

बालोतरा-बाड़मेर में बजरी खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृति का मिलना एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल स्थानीय लोगों को सस्ती बजरी प्रदान करेगा, बल्कि क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने में भी कारगर साबित होगा। सरकार की इस पहल से न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के नियमों का भी पालन सुनिश्चित होगा।