बाड़मेर-जैसलमेर में सूरज की तपिश ने ढाया कहर: 4 दिन तक हीट वेव का अलर्ट, क्या आप तैयार हैं?"

बाड़मेर और जैसलमेर में मौसम विभाग ने अगले चार दिनों (5-8 अप्रैल 2025) तक भीषण हीट वेव की चेतावनी जारी की है। तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में तप घाट और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ेगा। चिकित्सा विभाग हाई अलर्ट पर है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। गर्मी से बचने के लिए पानी, हल्के कपड़े और धूप से दूरी जैसे उपाय सुझाए गए हैं।

Apr 5, 2025 - 17:13
बाड़मेर-जैसलमेर में सूरज की तपिश ने ढाया कहर: 4 दिन तक हीट वेव का अलर्ट, क्या आप तैयार हैं?"

रिपोर्ट/जसवंत सिंह - बाड़मेर/जैसलमेर, 5 अप्रैल 2025: राजस्थान के बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक जबरदस्त हीट वेव की चेतावनी जारी की है। सूरज की तपिश इस कदर बढ़ने वाली है कि थार के रेगिस्तान में गर्मी का रेतीला तूफान लोगों की मुश्किलें बढ़ा सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के लिए हालात खतरनाक हो सकते हैं। इस बीच, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि तप घाट (हीट स्ट्रोक) और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं से निपटा जा सके। 

सूरज का तांडव: क्या है मौसम विभाग का अनुमान?

मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक, 5 अप्रैल से शुरू होकर 8 अप्रैल तक बाड़मेर और जैसलमेर में हीट वेव का कहर बरपेगा। गर्म हवाओं के साथ-साथ दिन का तापमान 42 डिग्री तक पहुंच सकता है, जबकि रातें भी खास राहत नहीं देंगी। हवा में नमी की कमी और तेज धूप के कारण गर्मी का असर दोगुना महसूस होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर-पश्चिमी हवाओं का कमजोर पड़ना इस भीषण गर्मी की बड़ी वजह है। ऐसे में घर से बाहर निकलना किसी जंग लड़ने से कम नहीं होगा!

बच्चों और बुजुर्गों पर खतरे की घंटी

गर्मी का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ने की आशंका है। डॉक्टरों के अनुसार, इस मौसम में शरीर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है, जिससे तप घाट (हीट स्ट्रोक) का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डिहाइड्रेशन की वजह से कमजोरी, चक्कर आना और बेहोशी जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। एक स्थानीय डॉक्टर, डॉ. रमेश शर्मा ने बताया, "बच्चों का शरीर जल्दी गर्मी को सहन नहीं कर पाता, और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वे भी जोखिम में हैं। पानी पीते रहें और धूप से बचें।"

चिकित्सा विभाग हाई अलर्ट पर: "हम तैयार हैं!"

बढ़ते खतरे को देखते हुए बाड़मेर और जैसलमेर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। अस्पतालों में अतिरिक्त बेड, ओआरएस (Oral Rehydration Solution), और दवाइयों का इंतजाम किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने ग्रामीण इलाकों में भी जागरूकता अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, "हमारी टीमें हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। लोगों से अपील है कि लू से बचने के लिए सावधानी बरतें और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें अगर कोई परेशानी हो।"

गर्मी से बचने के लिए क्या करें?

पानी है जिंदगी: दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी और नारियल पानी भी फायदेमंद रहेगा।

धूप से दूरी: सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर निकलने से बचें। छाता या टोपी का इस्तेमाल जरूर करें।

हल्के कपड़े: सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें, जो पसीने को सोख सकें।

खानपान का ध्यान: तैलीय और मसालेदार खाने से परहेज करें। फल और हरी सब्जियां खाएं।

रोचक तथ्य: थार का तपन और इतिहास

क्या आपको पता है कि बाड़मेर और जैसलमेर का इलाका गर्मी के लिए हमेशा से मशहूर रहा है? मई 2016 में जैसलमेर का तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया था, जो राजस्थान के सबसे गर्म दिनों में से एक था। लेकिन अप्रैल में ही ऐसी तपिश! यह जलवायु परिवर्तन का असर हो सकता है, जो हमें सोचने पर मजबूर करता है।

आपकी तैयारी क्या है?

तो क्या आप तैयार हैं इस रेगिस्तानी आग से निपटने के लिए? अगर नहीं, तो अभी से कमर कस लें, क्योंकि सूरज देवता इस बार कोई रहम नहीं दिखाने वाले! अपनी सेहत का ख्याल रखें और अपनों को भी सावधान करें। गर्मी के इस तांडव से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ