टीचर्स की कमी से आक्रोशित ग्रामीणों ने स्कूल गेट पर जड़ा ताला, धरना-प्रदर्शन के बाद बनी सहमति
बाड़मेर के गुड़ामालानी ब्लॉक में बातों की ढाणी अरटवाव स्कूल में शिक्षकों की कमी के विरोध में ग्रामीणों और छात्रों ने गेट पर ताला जड़कर धरना दिया। शिक्षा विभाग के आश्वासन पर दो शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था के बाद ताला खोला गया।

बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी ब्लॉक में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बातों की ढाणी अरटवाव में शिक्षकों की कमी को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज ग्रामीणों और बच्चों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में बच्चे और स्थानीय लोग धरने पर बैठ गए, और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब दो घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों और छात्रों से बातचीत कर समझाइश की, जिसके बाद स्कूल का ताला खोला गया।
जानकारी के अनुसार, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बातों की ढाणी अरटवाव में 197 बच्चों का नामांकन है। स्कूल में प्रिंसिपल समेत कुल 14 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 4 शिक्षक ही कार्यरत हैं। 8 अगस्त 2023 को स्कूल को सीनियर सेकेंडरी में क्रमोन्नत किया गया था, लेकिन तब से लेकर अब तक शिक्षकों की कमी की समस्या बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार इस मुद्दे को शिक्षा विभाग के सामने उठाया गया, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
11वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने कहा, "हमारे स्कूल में शिक्षकों की बहुत कमी है। इस वजह से हमारी पढ़ाई ठीक से नहीं हो रही। हम परेशान होकर आज स्कूल के गेट पर ताला लगाकर और धरना देकर शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।" भावना की बात में उन तमाम बच्चों की आवाज़ थी, जो बेहतर शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने रखी अपनी बात
पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि चुतराराम ने बताया, "स्कूल में सिर्फ चार शिक्षक हैं। इनमें से एक या दो छुट्टी पर चले जाते हैं, और एक शिक्षक स्कूल के दस्तावेजों के काम में व्यस्त रहता है। ऐसे में दो शिक्षकों के भरोसे 12वीं तक की कक्षाएं चलाना असंभव है। हमने कई बार शिक्षा विभाग को इस बारे में सूचित किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब तक शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।"
चुतराराम ने आगे कहा, "हमारे बच्चों का भविष्य दांव पर है। शिक्षा विभाग को तुरंत इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।"
सूचना मिलने पर गुड़ामालानी के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) शंकर लाल योगी, गुड़ामालानी पुलिस, पीईईओ और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। सीबीईओ शंकर लाल योगी ने बताया, "हमने बच्चों और अभिभावकों से बात की है और तत्काल प्रभाव से दो शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। ग्रामीण दो और शिक्षकों की मांग कर रहे हैं। हम इस पर विचार करेंगे और ऐसी व्यवस्था करेंगे कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।"
विरोध प्रदर्शन का असर
करीब दो घंटे तक चले धरने और नारेबाजी के बाद अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीणों और छात्रों ने स्कूल का ताला खोल दिया। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो वे फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।
बाड़मेर जिले में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। बातों की ढाणी अरटवाव का यह मामला उन तमाम ग्रामीण क्षेत्रों की हकीकत को उजागर करता है, जहां शिक्षा की मूलभूत सुविधाएं तक पूरी नहीं हो पा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है, तो फिर स्कूलों में शिक्षकों की कमी जैसी समस्याएं क्यों बनी हुई हैं?