चौहटन में प्राइवेट बस की चपेट में आया मासूम: पैर कुचलने से जांघ का हिस्सा फट गया, पुलिस पर परिजनों के साथ मारपीट और सबूत मिटाने का आरोप
चौहटन (राजस्थान), 23 अक्टूबर 2025: बाड़मेर जिले के चौहटन क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। एक प्राइवेट बस ने एक मासूम बच्चे के पैर कुचल दिए, जिससे उसके जांघ का बड़ा हिस्सा बुरी तरह फट गया। हादसे के बाद परिजनों ने बस को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस पहुंची तो उन्होंने परिजनों के बाल खींचे और मारपीट की। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि आरोपी बस चालक और उसके साथियों ने खून के धब्बों को धुलवा दिया, जबकि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह घटना न केवल सड़क सुरक्षा की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रही है।
हादसे की पूरी कहानी: मासूम की चीखें और परिजनों का संघर्ष
घटना गुरुवार शाम करीब 5 बजे चौहटन कस्बे के मुख्य बाजार इलाके में घटी। बताया जाता है कि 12 वर्षीय मासूम बच्चा, जिसका नाम मोतीराम पुत्र श्रवण कुमार निवासी चौहटन, अपने परिवार के साथ बाजार से लौट रहा था। वह सड़क किनारे खेलते-खेलते आगे निकल गया था। तभी तेज रफ्तार में आ रही एक प्राइवेट बस ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। बस के अगले पहिए ने बच्चे के दाएं पैर को बुरी तरह कुचल दिया, जिससे जांघ का निचला हिस्सा फट गया और खून की होली बहने लगी। दर्द से चीखने लगा और सड़क पर लेट गया। उसके पिता, जो पास ही दुकान पर खड़े थे, दौड़कर आए और बस को रोकने की कोशिश की।लेकिन बस चालक ने बस को और तेज किया। परिजनों ने चिल्लाकर बस रोकी, लेकिन तब तक बच्चे को गंभीर चोट लग चुकी थी। परिजन तुरंत बच्चे को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे जोधपुर के एमडीएम अस्पताल रेफर कर दिया। वर्तमान में बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे कई सर्जरी की नौबत आ सकती है।परिजनों ने बताया कि हादसे वाली जगह पर बच्चे का खून सड़क पर फैल गया था। उन्होंने तुरंत चौहटन थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कोई तवज्जो नहीं दी। जब परिजन साइट पर लौटे, तो पाया कि बस चालक और उसके दो सहयोगी खून के धब्बों को पानी से धो रहे थे। इससे सबूत मिटाने का शक हुआ।
पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल:बाल खींचे, मारपीट की परिजनों का आरोप है कि जब वे थाने पहुंचे और बस चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की, तो पुलिसकर्मियों ने उल्टा उनका ही उत्पीड़न किया। बच्चे की मां ने रोते हुए बताया, "हम दुखी थे, बच्चे का खून बह रहा था, लेकिन पुलिस वाले भड़क गए। उन्होंने मेरे बाल खींचे, धक्के मारे और कहा कि 'झूठी शिकायत मत करो, बस प्राइवेट है तो कुछ नहीं होगा।'" बच्चे के चाचा ने भी आरोप लगाया कि एक कांस्टेबल ने उनके साथ हाथापाई की और धमकी दी कि अगर शोर मचाया तो पूरा परिवार जेल भेज देंगे।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। चौहटन क्षेत्र में प्राइवेट बसें अक्सर ओवरलोडेड और तेज रफ्तार से चलती हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सख्ती नहीं होती। इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने थाने का घेराव करने की धमकी दी है।
आरोपी बस चालक का पक्ष: 'गलती बच्चे की, मैं निर्दोष'बस चालक ने सफाई देते हुए कहा कि बच्चा अचानक सड़क पर कूद पड़ा था, इसलिए हादसा हुआ। "मैं ब्रेक मार रहा था, लेकिन भीड़भाड़ में कुछ कर न सका। खून धोया क्योंकि जगह गंदी हो रही थी, सबूत मिटाने का इरादा नहीं था।" हालांकि, चश्मदीदों ने इसे झूठा बताया और कहा कि चालक नशे में था। पुलिस ने अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है, बस चालक को गिरफ्तार भी नहीं किया गया। यह विषय बड़ा गंभीर बनता जा रहा है। आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती है लेकिन प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।