अवैध शराब तस्करी के शक में ड्राइवर की निर्मम हत्या: अहमदाबाद से दोनों मालिक गिरफ्तार, चंडीगढ़ से लाकर गुजरात सप्लाई करते थे शराब

चंडीगढ़ से गुजरात अवैध शराब तस्करी करने वाले दो मालिकों ने चोरी के शक में अपने ड्राइवर पेमाराम को अगवा कर बेरहमी से पीटा और मेगा हाईवे पर फेंक दिया। इलाज के दौरान ड्राइवर की मौत हो गई, खलासी गंभीर रूप से घायल। 10 दिन बाद राजस्थान पुलिस ने दोनों आरोपियों घेवरचंद और अनिल को अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया।

Nov 27, 2025 - 11:11
अवैध शराब तस्करी के शक में ड्राइवर की निर्मम हत्या: अहमदाबाद से दोनों मालिक गिरफ्तार, चंडीगढ़ से लाकर गुजरात सप्लाई करते थे शराब

बाड़मेर (राजस्थान)। अवैध शराब की तस्करी के दौरान चोरी के शक में ट्रक मालिकों ने अपने ही ड्राइवर और खलासी को अगवा कर लिया, दोनों को बेरहमी से पीटा और घायल ड्राइवर को मेगा हाईवे पर फेंक दिया। इलाज के दौरान ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि खलासी अभी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। घटना 17 नवंबर 2025 की है और पुलिस ने 10 दिन बाद यानी 27 नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद से दोनों मुख्य आरोपियों को धर-दबोचा।

क्या है पूरा मामला? घटना स्थल: बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी थाना क्षेत्र के डाबड़ गांव के पास मेगा हाईवे। मृतक ड्राइवर: पेमाराम (उम्र करीब 35-40 वर्ष), निवासी मांगता (राजस्थान)। गंभीर रूप से घायल खलासी: मुकेश कुमार, अभी बाड़मेर के सरकारी अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर। मुख्य आरोपी:घेवरचंद (मुख्य सरगना) – गुजरात के राजकोट में रहता था, पहले इमिटेशन ज्वेलरी का काम करता था। अनिल (घेवरचंद का साथी) – राजकोट का ही रहने वाला।

कैसे शुरू हुआ शराब तस्करी का धंधा? पुलिस पूछताछ में जो खुलासे हुए, वे चौंकाने वाले हैं:घेवरचंद पहले राजकोट में नकली ज्वेलरी का कारोबार करता था।कारोबार में लगातार घाटा होने के बाद उसने कमाई का आसान रास्ता चुना – पंजाब (चंडीगढ़) से अवैध शराब लाकर गुजरात में सप्लाई करना। इसके लिए उसने अपने पुराने साथी अनिल को शामिल किया। दोनों मिलकर चंडीगढ़ से ट्रक में भारी मात्रा में शराब लोड करते और गुजरात के अलग-अलग इलाकों में बेचते थे। मुनाफा लाखों में था, इसलिए जोखिम भी उठाते थे। 

ड्राइवर-खलासी को क्यों बनाया शिकार? घटना से करीब 20-25 दिन पहले ही घेवरचंद और अनिल ने पेमाराम (ड्राइवर) और मुकेश कुमार (खलासी) को नौकरी पर रखा था। दोनों को अच्छी सैलरी और बोनस का लालच दिया गया था। एक ट्रिप के दौरान दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र में शराब की बड़ी खेप गायब हो गई (या चोरी की सूचना मिली)। मालिकों को शक हुआ कि इन्हीं दोनों ने पुलिस या किसी गैंग को खबर दी है। बस फिर क्या था – दोनों आरोपियों ने अपने ही कर्मचारियों को अगवा कर लिया।

कैसे की गई हत्या? दोनों को ट्रक में बंद करके बेरहमी से पीटा गया। लाठी-डंडों, लात-घूंसों से मारते रहे। पेमाराम को इतनी बुरी तरह मारा गया कि वह बेहोश हो गया। फिर घायल अवस्था में दोनों को गुड़ामालानी मेगा हाईवे पर फेंक दिया। स्थानीय लोगों ने दोनों को देखा और अस्पताल पहुंचाया। पेमाराम ने कुछ घंटों बाद दम तोड़ दिया। मुकेश कुमार अभी वेंटिलेटर पर है।

पुलिस ने कैसे पकड़ा? परिजनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट और शव मिलने के बाद गुड़ामालानी पुलिस हरकत में आई। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पता चला कि दोनों आरोपी गुजरात भाग गए हैं। राजस्थान पुलिस की एक टीम अहमदाबाद पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से घेवरचंद और अनिल को 27 नवंबर को धर लिया। दोनों के पास से शराब तस्करी में इस्तेमाल कुछ दस्तावेज और नकदी बरामद हुई है। अभी रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है, हो सकता है कि शराब तस्करी का और बड़ा नेटवर्क पकड़ में आए।

कानूनी कार्रवाई;  धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 364 (अगवा), 120B (आपराधिक षड्यंत्र) सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज। दोनों आरोपियों को जल्द बाड़मेर कोर्ट में पेश किया जाएगा।