खेल-खेल में 11 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत, टाई फंसने से दम घुटा

11 साल के बच्चे की खेलते समय टाई खूंटी में फंसने से दम घुटने के कारण दर्दनाक मौत हो गई। परिवार ने उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

Jul 31, 2025 - 15:00
खेल-खेल में 11 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत, टाई फंसने से दम घुटा

बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गुसाईसर बड़ा गांव में बुधवार शाम एक हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। मात्र 11 साल का मासूम कानाराम कुम्हार अपने घर में भाई के साथ खेलते समय एक अनहोनी का शिकार हो गया। खेल-खेल में उसकी स्कूल की टाई एक खूंटी में फंस गई, जिसके बाद वह उसे निकालने की कोशिश में उलझता चला गया। टाई गले में कसती गई और मासूम का दम घुटने से उसकी जिंदगी छिन गई।

कानाराम के दादा पेमाराम प्रजापत ने गमगीन स्वर में बताया कि उनका पोता कानाराम अपने भाई-बहन के साथ गुसाईसर बड़ा के एक स्कूल में पढ़ता था। बुधवार को स्कूल से छुट्टी होने के बाद तीनों बच्चे घर लौटे। उनकी मां बच्चों के लिए खाना तैयार करने रसोई में चली गई, जबकि कानाराम और उसका भाई कमरे में खेलने लगे। इसी दौरान यह दुखद हादसा हो गया।

पेमाराम ने बताया, "कानाराम की टाई खूंटी में अटक गई। वह उसे निकालने की कोशिश में घूमता गया, लेकिन टाई गले में और कसती चली गई। उसकी चीख सुनकर उसकी मां रसोई से भागकर आई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।" परिवार ने तुरंत कानाराम को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया।

स्थानीय पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल देवाराम ने बताया कि उन्हें अस्पताल से इस घटना की सूचना मिली थी। हालांकि, परिवार ने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। उन्होंने कहा, "यह एक दुखद हादसा है, और परिवार इस समय गहरे सदमे में है।"

यह घटना न केवल कानाराम के परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरी चोट है। मासूम की हंसी-खुशी से भरी जिंदगी एक छोटी सी लापरवाही के कारण छिन गई। इस हादसे ने स्कूल यूनिफॉर्म और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। क्या एक साधारण टाई इतना बड़ा खतरा बन सकती है? इस त्रासदी ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

कानाराम का परिवार और गांववासी इस अपूरणीय क्षति से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसकी यादें और उसकी मासूम हंसी उनके दिलों में हमेशा जिंदा रहेगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .