बरेली हिंसा पर योगी का एक्शन: 'मौलाना भूल गया किसका राज है', तौकीर रजा पहुंचे जेल, दंगाइयों को मिलेगी ऐसी सज़ा कि पीढ़ियां याद रखेंगी
बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान को लेकर हिंसा के बाद तौकीर रजा समेत आठ लोग गिरफ्तार। योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि दंगाइयों को ऐसी सजा मिलेगी कि पीढ़ियां दंगे भूल जाएंगी। स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में, भारी पुलिस बल तैनात।

उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान को लेकर शुक्रवार को हुई हिंसा ने पूरे राज्य को हिला दिया। स्थानीय मौलवी तौकीर रजा खान द्वारा बुलाई गई प्रदर्शन के दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में लाठीचार्ज करना पड़ा। शनिवार सुबह तौकीर रजा समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि दंगाइयों को ऐसी मिसाल दी जाएगी कि आने वाली पीढ़ियां भी दंगे करने की हिम्मत न करें। आज की स्थिति में बरेली में तनाव बरकरार है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि हालात नियंत्रण में हैं।
'आई लव मुहम्मद' बोर्ड से शुरू हुई विवादास्पद जंग
यह विवाद 4 सितंबर को कानपुर में ईद-ए-मिलाद-उन-नबी जुलूस के दौरान लगा 'आई लव मुहम्मद' बोर्ड से शुरू हुआ। कुछ हिंदू संगठनों ने इसे परंपरा से विचलन और उकसावा बताया। 9 सितंबर को कानपुर पुलिस ने 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मामला उत्तर प्रदेश के कई जिलों, उत्तराखंड और कर्नाटक तक फैल गया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 'आई लव मुहम्मद' कहना कोई अपराध नहीं है।
बरेली में तौकीर रजा खान, जो इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख हैं, ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन बुलाया। रजा, जो बरेलवी संप्रदाय के संस्थापक अहमद रजा खान के वंशज हैं, पर पहले भी 2010 के दंगे और 2019-20 के सीएए/एनआरसी विरोध में भीड़ भड़काने का आरोप है।
पथराव, तोड़फोड़ और लाठीचार्ज
26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद कोतवाली क्षेत्र के एक मस्जिद के बाहर सैकड़ों लोग 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर लेकर इकट्ठा हो गए। प्रशासन ने धारा 163 बीएनएसएस के तहत अनधिकृत सभाओं पर रोक लगा रखी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इग्नोर कर दिया। भीड़ ने खलील तिराहा से इस्लामिया ग्राउंड तक तोड़फोड़ मचाई- गाड़ियां, बाइकें और दुकानों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस पर पथराव में कई जवान घायल हुए।
पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। वीडियो फुटेज में नाबालिगों को भीड़ में दिखाया गया। डीएम अविनाश सिंह और डीआईजी अजय कुमार सहनी ने इसे 'पूर्वनियोजित साजिश' बताया। कोई हिंदू-मुस्लिम संघर्ष नहीं हुआ, लेकिन मुस्लिम समुदाय और पुलिस के बीच टकराव रहा।
घर में छिपे थे, कोर्ट में भेजे गए जेल
27 सितंबर की सुबह विशेष टीम ने तौकीर रजा को गिरफ्तार किया। वे इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल नेता फरहत के घर छिपे थे, जबकि समर्थक दावा कर रहे थे कि वे दिल्ली चले गए। भारी सुरक्षा में कोर्ट पेश किया गया, जहां रजा समेत सरफराज, मनीफुद्दीन, अजीम अहमद, मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद आमिर, रेहान और मोहम्मद सरफराज सहित सात अन्य को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सुरक्षा कारणों से रजा को सीतापुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया।
गिरफ्तारी से पहले रजा ने वीडियो जारी कर पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'मुझे गिरफ्तार कर लो, जैसे अतीक अहमद को मारा गया, मुझे भी मार दो।' साथ ही घायल प्रदर्शनकारियों को बधाई दी। कुल 36 लोग हिरासत में, 2000 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर।
'बुलडोजर तैयार हैं, दंगों का पुराना चलन खत्म'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'विकसित यूपी विजन @2047' कार्यक्रम में बरेली हिंसा पर तीखा प्रहार किया। बिना नाम लिए तौकीर रजा पर निशाना साधते हुए कहा, "कल एक मौलाना भूल गया कि राज्य में किसका राज है।" उन्होंने चेतावनी दी, "वह सोच रहा था कि कब चाहे सिस्टम को रोक देगा, लेकिन हमने साफ कर दिया कि न सड़क जाम होगी, न कर्फ्यू। जो सीख दी है, वह आने वाली पीढ़ियों को दंगे करने की सोच तक भुला देगी।"
योगी ने कहा, "2017 से पहले यूपी में दंगे और कर्फ्यू आम थे, लेकिन अब हम दंगाइयों को उनकी भाषा में जवाब देते हैं। जाति-धर्म के नाम पर हिंसा भड़काने वालों के लिए बुलडोजर तैयार हैं।" उन्होंने जोर दिया कि विकास की कहानी शांति से शुरू होती है, और कोई सिस्टम को बंधक नहीं बना सकता।
तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रित, भारी पुलिस बल तैनात
27 सितंबर की शाम तक बरेली में स्थिति नियंत्रित बताई जा रही है, लेकिन तनाव बना हुआ है। भारी पुलिस फोर्स तैनात है, वीडियो सबूतों से और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। राज्य सरकार ने इसे 'शांति भंग करने की साजिश' करार दिया है। विपक्ष ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए, लेकिन योगी सरकार का संदेश साफ है- कानून का राज टूटने नहीं दिया जाएगा।