विश्वभर से हरि भक्त अक्षरधाम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोधपुर पहुंच रहे.

जोधपुर में काली बेरी के नवनिर्मित BAPS अक्षरधाम मंदिर में 25 सितंबर को 151 मूर्तियों की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होगी। विश्वभर से हरि भक्त और संत चार्टर विमानों से पहुंच रहे हैं, जिनका जोधपुर एयरपोर्ट पर उत्साहपूर्ण स्वागत हुआ। 23 सितंबर को विश्व शांति यज्ञ और 24 सितंबर को शोभा यात्रा का आयोजन होगा। यह मंदिर राजस्थानी कला और सनातन संस्कृति का प्रतीक बनेगा, जो जोधपुर को आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बनाएगा।

Sep 21, 2025 - 14:48
विश्वभर से हरि भक्त अक्षरधाम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जोधपुर पहुंच रहे.

जोधपुर, 21 सितंबर 2025: राजस्थान की सूर्य नगरी जोधपुर में धार्मिक उत्साह की लहर दौड़ पड़ी है। काली बेरी क्षेत्र में नवनिर्मित बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) के अक्षरधाम मंदिर में 25 सितंबर को होने वाली भव्य प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। यह राजस्थान का दूसरा अक्षरधाम मंदिर होगा, जो जयपुर के पहले अक्षरधाम के बाद मारवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर को नई ऊंचाई देगा। इस पावन अवसर पर 151 मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जो न केवल भारत बल्कि अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों से लाखों हरि भक्तों को एकजुट करेगी। चार्टर विमानों से पहुंच रहे संतों का एयरपोर्ट पर भक्तों ने जोरदार स्वागत किया, जो इस महोत्सव की भव्यता का संकेत दे रहा है।

अक्षरधाम का स्थापत्य: प्राचीन कला और आधुनिक भक्ति का अनुपम संगम

जोधपुर के सूरसागर क्षेत्र में काली बेरी की पहाड़ी पर बसा यह अक्षरधाम मंदिर 42 बीघा विशाल क्षेत्र में फैला है, जिसमें मुख्य मंदिर 10 बीघा में स्थित है। मंदिर का निर्माण नागर शैली और मरु-गुर्जर स्थापत्य का अनोखा मिश्रण है, जो राजस्थानी परंपराओं को जीवंत करता है। तीसरी मंजिल रणकपुर जैन मंदिर की शैली में तराशी गई है, जबकि निचली मंजिल में लीनकर्णी भगवान की प्रतिमा स्थापित की गई है। गर्भगृह की छत पर कोई स्तंभ नहीं है—सभी पत्थरों को बारीकी से काटकर जोड़ा गया है, ताकि संरचना स्वयं संतुलित और मजबूत बनी रहे। मंदिर की चारों ओर की दीवारें जोधपुरी छीतर पत्थर से बनी हैं, जिन पर हस्तशिल्प कलाकारों ने महीनों की मेहनत से बारीक नक्काशी की है। ये नक्काशियां भगवान स्वामीनारायण, अक्षरधाम और सनातन संस्कृति की कथाओं को उकेरती हैं, जो देखने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। मंदिर का आधार भूमि से 13 फीट ऊंचा रखा गया है, जो इसे प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित बनाता है।

BAPS संस्था के वरिष्ठ सदस्य आत्मतृप्त दास के अनुसार, "यह मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि सनातन धर्म की अमर विरासत का प्रतीक है। हर पत्थर की नक्काशी में वर्षों की साधना झलकती है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करेगी।" निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है, और 25 सितंबर को गुरुहरी महंत स्वामीजी महाराज के करकमलों से प्राण प्रतिष्ठा का लोकार्पण होगा।

संतों का भव्य स्वागत: चार्टर विमानों से पहुंचे भक्तों के स्वामी

महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है, और जोधपुर एयरपोर्ट पर एक के बाद एक चार्टर विमान उतर रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से दर्जनों संतों ने पदार्पण किया, जिनका हरि भक्तों ने पुष्प वर्षा, ढोल-नगाड़ों और भजन-कीर्तन से स्वागत किया। इन संतों में BAPS के प्रमुख आचार्य शामिल हैं, जो प्राण प्रतिष्ठा के वैदिक अनुष्ठानों का संचालन करेंगे। एयरपोर्ट से मंदिर तक का मार्ग भक्तों की भीड़ से गूंज रहा है, और स्थानीय प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व यातायात व्यवस्था की है।विश्वभर से हरि भक्तों की भारी संख्या में आमद हो रही है। अमेरिका के न्यूजर्सी से एक भक्त परिवार ने बताया, "हमने विशेष उड़ान भरी है, क्योंकि यह प्राण प्रतिष्ठा स्वामीनारायण भगवान की कृपा का प्रतीक है। जोधपुर का यह अक्षरधाम हमें अपनी जड़ों से जोड़ेगा।" अनुमान है कि सात दिवसीय महोत्सव में 5 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होंगे, जिसके लिए मंदिर परिसर में विशाल पंडाल, भोजनालय और पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

सात दिवसीय भव्य कार्यक्रम: शांति यज्ञ से शोभा यात्रा तक

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव सात दिनों का होगा, जो भक्ति, संस्कृति और सामूहिक एकता का उत्सव बनेगा। मुख्य कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

23 सितंबर: विश्व शांति यज्ञ – मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विश्व शांति के लिए हवन किया जाएगा। 101 आचार्यों के नेतृत्व में यह यज्ञ वैश्विक शांति की कामना करेगा, जिसमें भक्त 'ॐ शांति' के जाप से वातावरण को पवित्र करेंगे। 

24 सितंबर: शोभा यात्रा – जोधपुर शहर की सड़कों पर निकलेगी भव्य शोभा यात्रा। इसमें स्वामीनारायण भगवान की 151 मूर्तियों के अलावा सांस्कृतिक झांकियां, घोड़े-हाथी, बैंड और लोक नृत्य शामिल होंगे। यात्रा सूरसागर से शुरू होकर मुख्य बाजारों से गुजरेगी, जो शहर को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाएगी। स्थानीय कलाकारों की घूमर, कालबेलिया और मांड नृत्य प्रस्तुतियां इसे और आकर्षक बनाएंगी।

25 सितंबर: प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य समारोह – अभिजीत मुहूर्त में 151 मूर्तियों (मुख्यतः भगवान स्वामीनारायण, अक्षरदेव और सहयोगी देवताओं की) की प्राण प्रतिष्ठा होगी। गुरुहरी महंत स्वामीजी महाराज के नेतृत्व में वैदिक विधि-विधान से अनुष्ठान संपन्न होगा। शाम को लोकार्पण समारोह में आतिशबाजी और भजन संध्या होगी।

महोत्सव के दौरान दर्शन, प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और बच्चों के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। BAPS ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक-मुक्त अभियान भी चलाया है।

जोधपुर के लिए ऐतिहासिक क्षण: सूर्य नगरी बनेगी भक्ति का केंद्र

यह अक्षरधाम न केवल धार्मिक स्थल बनेगा, बल्कि पर्यटन का नया केंद्र भी। जोधपुर, जो राव जोधा द्वारा 1459 में स्थापित मेहरानगढ़ किले के लिए जाना जाता है, अब आध्यात्मिक पर्यटन के मानचित्र पर चमकेगा। स्थानीय व्यापारियों को इससे आर्थिक लाभ होगा, जबकि युवा पीढ़ी सनातन मूल्यों से जुड़ेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर कहा, "जोधपुर का अक्षरधाम राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पटल पर ले जाएगा। सभी भक्तों का हार्दिक स्वागत है।"यह महोत्सव भक्ति की लहर को नई दिशा देगा, जहां हर दिल में शांति का संदेश गूंजेगा। यदि आप भी इस पावन अवसर का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो BAPS की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कराएं।