बच्चों के लिए गिफ्ट लाऊंगा' कहकर निकले रामराज की जली हुई लाश टुकड़ों में घर पहुंची,जयपुर हाईवे ब्लास्ट में गई रामराज की जान.

जयपुर-अजमेर हाईवे पर 7 अक्टूबर की रात एक भयानक हादसे में टोंक के ड्राइवर रामराज की जिंदा जलने से मौत हो गई। दीपावली के लिए बच्चों को गिफ्ट लाने का वादा करके निकले रामराज का टैंकर एलपीजी सिलेंडरों से भरे ट्रक से टकराया, जिससे 40 से ज्यादा सिलेंडर फटे और भीषण आग लगी। 8 घंटे की मशक्कत से आग पर काबू पाया गया, वरना केमिकल टैंकर फटने से बड़ा हादसा हो सकता था। रामराज की जली लाश के टुकड़े परिवार को सौंपे गए, जो सदमे में है।

Oct 11, 2025 - 18:30
बच्चों के लिए गिफ्ट लाऊंगा' कहकर निकले रामराज की जली हुई लाश टुकड़ों में घर पहुंची,जयपुर हाईवे ब्लास्ट में गई रामराज की जान.

जयपुर, 11 अक्टूबर 2025: राजस्थान के व्यस्त जयपुर-अजमेर हाईवे पर 7 अक्टूबर की उस काली रात ने एक परिवार का सब कुछ छीन लिया। टोंक जिले के निवासी रामराज मीणा (35 वर्ष) अपने बच्चों से वादा करके निकले थे कि इस दीपावली पर वे सबके लिए खास तोहफे लेकर लौटेंगे। लेकिन किस्मत ने उनका इरादा तोड़ दिया। गुजरात से जयपुर आ रहे केमिकल से लदे टैंकर को चला रहे रामराज की एक छोटी-सी चूक ने भयानक हादसे को जन्म दे दिया। एलपीजी सिलेंडरों से भरे ट्रक से टक्कर के बाद लगातार 40 से ज्यादा सिलेंडर फटे, आग की लपटें आसमान छूने लगीं और रामराज जिंदा जल गए। अगर फॉरेंसिक जांच की मानें, तो आग इतनी भयावह थी कि अगर 8 घंटे तक पानी की बौछारें न की जातीं, तो केमिकल टैंकर भी फट जाता—और यह हादसा सैकड़ों जिंदगियों का काल बन जाता।

हादसे की शुरुआत: RTO चेक से भागते टैंकर की घातक चूक

रात करीब 10:30 बजे, दूधू क्षेत्र के मोकहमपुरा के पास महावीर ढाबे के बाहर एक एलपीजी सिलेंडरों से लदा ट्रक पार्क था। ट्रक चालक शाहरुख खाना खाने के लिए उतर चुके थे और अवैध रूप से यू-टर्न लेने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच, गुजरात से जयपुर की ओर आ रहा पैराफिन केमिकल (बेंजीन जैसा ज्वलनशील पदार्थ) से भरा टैंकर अचानक लेन बदलता है। गवाहों के मुताबिक, रामराज को हाईवे पर RTO की चेकिंग टीम दिखी, जिससे घबराकर उन्होंने टैंकर को ढाबे की ओर मोड़ लिया। तेज रफ्तार में टैंकर ने पीछे से एलपीजी ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी।टक्कर का असर तुरंत दिखा—टैंकर के केबिन में आग लग गई, जो केमिकल की वजह से तेजी से फैलने लगी। आग एलपीजी सिलेंडरों तक पहुंची और फिर शुरू हुआ धमाकों का सिलसिला। लगभग दो घंटे तक 40 से ज्यादा सिलेंडर एक-एक करके फूटे। धमाकों की आवाज 6 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जबकि कुछ सिलेंडर 500 मीटर दूर खेतों में जाकर गिरे। लपटें इतनी ऊंची उठीं कि 2 किलोमीटर दूर से दिखाई दीं। आसपास के 5 वाहन भी आग की चपेट में आ गए।

रामराज का दर्दनाक अंत: जली लाश के टुकड़े, परिवार का सदमा

रामराज केबिन से बाहर नहीं निकल सके। आग की चपेट में वे जिंदा जल गए और उनकी बॉडी राख हो गई। पुलिस और FSL टीम को घटनास्थल से सिर्फ उनकी हड्डियों के टुकड़े मिले, जो टोंक उनके परिवार को सौंपे गए। रामराज दो बच्चों के पिता थे। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे हमेशा बच्चों को खुश रखने का वादा करते थे। दीपावली नजदीक थी, रामराज ने कहा था, "इस बार सबके लिए अच्छे गिफ्ट लाऊंगा।" लेकिन अब परिवार अंधेरे में डूबा है—बिना पिता, बिना सपनों के।बड़ा खतरा टला: 8 घंटे की जद्दोजहद, अगर टैंकर फटा तो...फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) की प्रारंभिक रिपोर्ट चौंकाने वाली है। एलपीजी ब्लास्ट से निकली आग इतनी तीव्र थी कि केमिकल टैंकर को फटने से रोकना मुश्किल हो गया। फायर ब्रिगेड की 20 से ज्यादा गाड़ियां दूधू, बगरू, किशनगढ़ और जयपुर से पहुंचीं। लगभग 8 घंटे तक पानी की बौछारें डालकर आग पर काबू पाया गया। अगर टैंकर फट जाता, तो यह हादसा भोपाल गैस त्रासदी जैसा बन जाता—क्योंकि पैराफिन का रिसाव हवा में फैलकर जहर बन जाता।जांच में सामने आया कि 42 सिलेंडर पूरी तरह नष्ट हो गए, जबकि 120 सुरक्षित बरामद हुए। धुंए और जहरीली गैसों की वजह से आसपास के रेस्तरां और ढाबों को खाली कराया गया। ट्रैफिक दोनों तरफ जाम हो गया, जो सुबह तक चला।

घायलों की हालत और बचाव अभियान

हादसे में 5 लोग घायल हुए, जिनमें टैंकर का हेल्पर और आसपास के लोग शामिल हैं। सभी को दूधू के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। एलपीजी ट्रक चालक शाहरुख बाल-बाल बच गए, क्योंकि वे खाना खाने बाहर थे। उन्होंने बताया, "टैंकर ड्राइवर ने RTO से बचने के चक्कर में अचानक ब्रेक लगाया और हमारी ट्रक से टकरा गया।"मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे को "अत्यंत दुखद" बताते हुए जिला प्रशासन को घायलों का समुचित इलाज और प्रभावितों को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए। जयपुर कलेक्टर जीतेंद्र सोनी और आईजी राहुल प्रकाश ने घटनास्थल का जायजा लिया। ट्रैफिक पुलिस ने वैकल्पिक मार्गों पर वाहनों को डायवर्ट किया।

राजनीतिक बवाल: विपक्ष का सरकार पर हमला

हादसा उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा के विधानसभा क्षेत्र में हुआ, जिस पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, "राजस्थान में ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं। सरकार प्रबंधन पर ध्यान नहीं दे रही। क्या वे जनसेवा करना चाहते हैं या सत्ता में बने रहना?" पायलट ने दूधू जैसे बड़े कस्बे में फायर ब्रिगेड की कमी पर सवाल उठाए।

पुरानी यादें ताजा: एक साल पहले भी यही हाईवे, यही आग

यह हादसा जयपुर-अजमेर हाईवे पर पहला नहीं है। दिसंबर 2024 में भांकरोटा के पास एलपीजी टैंकर की टक्कर से 19 लोगों की मौत हो गई थी। तब 40 से ज्यादा वाहन जल गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि हाईवे पर ओवरलोडिंग, अवैध पार्किंग और चेकिंग से भागने की प्रवृत्ति इन हादसों की जड़ है। अब प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं—क्या रामराज की मौत एक सबक बनेगी?