5 जून से शुरू होगा ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’: राजस्थान में जल संरक्षण के लिए व्यापक पहल

राजस्थान सरकार 5 जून से 20 जून 2025 तक ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ शुरू कर रही है। यह अभियान विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा पर जल संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता के लिए जन-आंदोलन बनाएगा। तालाब, कुएं, और चेक डैम के निर्माण, जलाशयों की सफाई, और पौधारोपण पर जोर दिया जाएगा। जनभागीदारी के साथ जल स्वावलंबन पखवाड़ा मनाया जाएगा। अभियान केंद्र के ‘कैच द रेन’ से प्रेरित है और उत्कृष्ट कार्यों को सम्मानित किया जाएगा।

Jun 4, 2025 - 14:23
5 जून से शुरू होगा ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’: राजस्थान में जल संरक्षण के लिए व्यापक पहल

जयपुर, 4 जून 2025: राजस्थान सरकार 5 जून 2025 से प्रदेशव्यापी ‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ की शुरुआत करने जा रही है। यह अभियान 5 जून से 20 जून तक चलेगा और इसका उद्देश्य जल संरक्षण, भूजल स्तर में सुधार, और पर्यावरण संरक्षण को जन-आंदोलन का रूप देना है। अभियान की शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के शुभ संयोग पर होगी, जो जल और प्रकृति के प्रति राजस्थान की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

अभियान का उद्देश्य और महत्व

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान जैसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य में जल संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी से ही यह अभियान एक जन-आंदोलन का रूप लेगा। अभियान का मुख्य उद्देश्य है:

  • जल संचय संरचनाओं का निर्माण: तालाब, कुएं, चेक डैम, और अन्य जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण और जीर्णोद्धार।

  • जल स्रोतों की स्वच्छता: नदियों, तालाबों, और जलाशयों की साफ-सफाई।

  • परंपरागत जलाशयों का पुनरुद्धार: पुराने कुओं, बावड़ियों, और तालाबों को पुनर्जनन करना।

  • जल संरक्षण जागरूकता: जनभागीदारी के माध्यम से जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण को राजस्थान की परंपरा और संस्कृति से जोड़ेगा, जिससे यह एक सांस्कृतिक आंदोलन का रूप ले सके।

अभियान की प्रमुख गतिविधियां

‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ के तहत निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी:

  1. वंदे गंगा कलश यात्रा और जलाशय पूजन: 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा के अवसर पर प्रत्येक गांव और शहर में जल स्रोतों, नदियों, और तालाबों पर पूजन और कलश यात्रा का आयोजन होगा।

  2. जल संग्रहण संरचनाओं का लोकार्पण: विभिन्न जल संग्रहण संरचनाओं का उद्घाटन और नई संरचनाओं का शुभारंभ किया जाएगा। इसमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 10 नई जलग्रहण परियोजनाएं शामिल हैं।

  3. स्वच्छता और श्रमदान: जलाशयों और जल स्रोतों की साफ-सफाई के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, सरकारी कर्मचारियों, और आम नागरिकों द्वारा श्रमदान किया जाएगा। प्रत्येक जिले में अलग-अलग विभागों द्वारा संयुक्त श्रमदान आयोजित होगा।

  4. जल संरक्षण संकल्प कार्यक्रम: सरकारी कार्यालयों में जल संरक्षण के प्रति संकल्प लेने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

  5. पौधारोपण और हरियालो राजस्थान मिशन: अभियान के तहत पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाएगा। पिछले वर्ष राजस्थान ने 7 करोड़ पौधे लगाने का रिकॉर्ड बनाया था, और इस वर्ष 11 करोड़ पौधों का लक्ष्य रखा गया है।

  6. कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान: 10 जून को इस अभियान के तहत हुए कार्यों का लोकार्पण होगा और नए कार्यों की स्वीकृति दी जाएगी। भामाशाहों और सीएसआर फंडिंग के माध्यम से आर्थिक सहयोग लिया जाएगा।

जनभागीदारी और सम्मान

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों, स्वयंसेवी संगठनों, और सरकारी कर्मचारियों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि सभी खालों (नालों) की शत-प्रतिशत डिसिल्टिंग सुनिश्चित की जाएगी। अभियान में सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित भी किया जाएगा।

विशेष संयोग: विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा

इस वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस विशेष संयोग को देखते हुए अभियान की शुरुआत को और भव्य बनाया जाएगा। गंगा दशहरा के अवसर पर जल स्रोतों के प्रति श्रद्धा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन किए जाएंगे।

जल स्वावलंबन पखवाड़ा

5 जून से 20 जून तक ‘जल स्वावलंबन पखवाड़ा’ मनाया जाएगा, जिसमें जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इस दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल संरक्षण की तकनीकों, जैसे रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग, को बढ़ावा दिया जाएगा।

अभियान की तैयारियां

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त, और जिला कलेक्टर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने और जनभागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

जल संरक्षण का राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य

यह अभियान केंद्र सरकार के ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम और ‘जल संचय-जन भागीदारी’ पहल से प्रेरित है। गुजरात मॉडल की तर्ज पर राजस्थान में भी सामुदायिक भागीदारी और कम लागत वाली जल संरक्षण तकनीकों को अपनाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने 31 मई 2025 तक 10 लाख जल संरचनाएं बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 15 मई 2025 तक ही 13 लाख से अधिक संरचनाएं बनाई जा चुकी हैं।

‘वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान’ राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जल संकट से निपटने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। यह अभियान न केवल जल संरक्षण की तकनीकी पहल है, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलन भी है, जो राजस्थान की जनता को जल और प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और जनता को जल संरक्षण का संदेश देंगे।

Yashaswani Journalist at The Khatak .