फाइनेंस कंपनी मैनेजर की पुलिस चौकी में संदिग्ध मौत, परिजनों का मुआवजा और नौकरी की मांग
पाली में फाइनेंस मैनेजर विक्रमसिंह की मिलगेट पुलिस चौकी में पूछताछ के दौरान संदिग्ध मौत, परिजनों ने पोस्टमॉर्टम से इनकार कर मुआवजा और नौकरी की मांग की।

राजस्थान के पाली शहर में एक सनसनीखेज घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। एक निजी फाइनेंस कंपनी के मैनेजर की मिलगेट पुलिस चौकी में पूछताछ के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। मृतक की पहचान 45 वर्षीय विक्रमसिंह, पुत्र मदनसिंह, निवासी इंद्रा कॉलोनी, के रूप में हुई है, जो जंबो फिनवेस्ट इंडिया लिमिटेड में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार कर दिया है और मुआवजे के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, न्यू प्रताप नगर की एक महिला ने 14 अगस्त को औद्योगिक नगर थाने में विक्रमसिंह और जंबो फिनवेस्ट इंडिया लिमिटेड के दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। महिला ने आरोप लगाया कि उसने लोन के लिए कंपनी के ऑफिस में संपर्क किया था, जहां विक्रमसिंह और उनके साथियों ने दस्तावेज जांचने के बाद लोन का आश्वासन दिया। इसके लिए महिला से 25 हजार रुपये लिए गए, लेकिन लोन की राशि उसके खाते में जमा नहीं हुई। महिला ने यह भी दावा किया कि कंपनी ने उसके मकान के मूल दस्तावेज लेकर धोखाधड़ी की।
इस शिकायत के आधार पर 15 अगस्त को मिलगेट पुलिस चौकी प्रभारी सम्पतराज ने विक्रमसिंह को पूछताछ के लिए बुलाया। पूछताछ के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। चौकी प्रभारी ने तुरंत उन्हें टैक्सी से बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान कोई शारीरिक दबाव नहीं डाला गया था, और विक्रमसिंह की तबीयत अचानक बिगड़ने के कारण यह हादसा हुआ।
परिजनों का आक्रोश, पोस्टमॉर्टम से इनकार
विक्रमसिंह की मौत की खबर मिलते ही उनके परिजन और रिश्तेदार बांगड़ हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर जमा हो गए। परिजनों का कहना है कि विक्रमसिंह उनके परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे, और उनके दो छोटे बच्चे हैं। उन्होंने पुलिस पर पूछताछ के दौरान लापरवाही या गलत व्यवहार का आरोप लगाया है। परिजनों ने मांग की है कि जब तक उनकी मांगें—मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी—पूरी नहीं होतीं, तब तक वे शव का पोस्टमॉर्टम नहीं होने देंगे।
बांगड़ हॉस्पिटल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारी परिजनों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी गुस्सा पैदा कर दिया है, और कई लोग परिजनों के समर्थन में मॉर्च्युरी के बाहर जमा हो रहे हैं।
पुलिस का पक्ष और जांच की प्रक्रिया
मिलगेट पुलिस चौकी प्रभारी सम्पतराज ने बताया कि शिकायत के आधार पर विक्रमसिंह को केवल सामान्य पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी, और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने इस मामले में पारदर्शिता बरतने का दावा किया है और कहा है कि मामले की गहन जांच की जा रही है।
पाली पुलिस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर भी इस घटना की जानकारी साझा की है। पोस्ट में कहा गया कि पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ने पर विक्रमसिंह को तुरंत बांगड़ हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया। शव को मॉर्च्युरी में रखवाया गया है, और परिजनों को सूचित कर दिया गया है। पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।