श्री राम अस्पताल की लापरवाही से मरीज की मौत,परिजनों का धरना जारी.....

जोधपुर के पाल रोड स्थित श्री राम हॉस्पिटल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका दावा है कि दो घंटे तक मरीज की सुध नहीं ली गई और पर्ची में दर्ज डॉक्टर का नाम वास्तविक डॉक्टर से भिन्न था। आक्रोशित परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। पुलिस और प्रशासन जांच में जुटे हैं, लेकिन अस्पताल ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।

Oct 6, 2025 - 09:38
श्री राम अस्पताल की लापरवाही से मरीज की मौत,परिजनों का धरना जारी.....

जोधपुर, 6 अक्टूबर 2025: पाल रोड स्थित श्री राम हॉस्पिटल में एक मरीज की संदिग्ध मौत के बाद परिजनों और स्थानीय समाज के लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है। मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है। घटना के बाद परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए हैं, जिससे इलाके में तनाव का माहौल है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

घटना का विवरण

जानकारी के अनुसार, मृतक व्यक्ति को कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते श्री राम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का दावा है कि मरीज को समय पर उचित इलाज नहीं दिया गया। विशेष रूप से, मरीज की हालत बिगड़ने के बाद लगभग दो घंटे तक अस्पताल स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस दौरान न तो कोई डॉक्टर ने मरीज का निरीक्षण किया और न ही कोई आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई गई। जब परिजनों ने शिकायत की, तो उन्हें पर्ची (प्रिस्क्रिप्शन) पर एक डॉक्टर का नाम दिखाया गया, लेकिन जब वे मरीज को देखने आए डॉक्टर से मिले, तो उनका नाम अलग निकला। इस विसंगति ने परिजनों को और अधिक संदेह में डाल दिया।परिजनों के मुताबिक, मरीज को भर्ती करने के समय जो डॉक्टर ने जांच की थी, उसी का नाम पर्ची पर दर्ज था, लेकिन मौत के बाद जब जांच हुई, तो देखने वाले डॉक्टर का नाम भिन्न पाया गया। यह आरोप अस्पताल की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। मृतक के भाई ने बताया, "हमने भरोसा करके मरीज को यहां भर्ती कराया था, लेकिन स्टाफ की लापरवाही से हमारा अपना खो बैठे। दो घंटे तक कोई सुधि न ली गई, और डॉक्टरों के नामों में भी खेल लगता है।" मृतक की पहचान गोपनीय रखी गई है, लेकिन परिजन स्थानीय निवासी हैं।

विरोध प्रदर्शन और मांगें

मौत की खबर मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। धीरे-धीरे स्थानीय समाज के लोग भी इकट्ठा हो गए। उन्होंने अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरना देना शुरू कर दिया है। धरने में शामिल लोग नारेबाजी कर रहे हैं और हाथों में बैनर थामे हुए हैं, जिन पर लिखा है - "अस्पताल की लापरवाही बंद करो", "न्याय दो, कार्रवाई करो"। परिजनों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:

अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। 

मरीज की मौत की स्वतंत्र जांच कराई जाए।

जिम्मेदार डॉक्टरों और स्टाफ पर सख्त कार्रवाई हो।

मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन परिजन अपनी मांगें मनवाने के लिए अड़े हुए हैं। यदि जल्द समाधान न हुआ, तो विरोध को और विस्तार देने की चेतावनी दी गई है।

अस्पताल का पक्ष

श्री राम हॉस्पिटल प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, कुछ सूत्रों के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई और सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था। लेकिन परिजनों के आरोपों के मद्देनजर, अस्पताल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल जोधपुर के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में से एक है, जो विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे सीजीएचएस, ईसीएचएस और आरजीएचएस से जुड़ा हुआ है।

प्रशासनिक कार्रवाई

जोधपुर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को घटना की सूचना दी गई है। सिविल सर्जन डॉ. एक्सवाई (काल्पनिक नाम, वास्तविक जांच के अधीन) ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच शुरू हो चुकी है। एक मेडिकल टीम गठित की गई है, जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अस्पताल रिकॉर्ड की पड़ताल करेगी। पुलिस ने भी धरने को शांतिपूर्ण रखने के निर्देश दिए हैं। यदि लापरवाही साबित हुई, तो आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।यह घटना जोधपुर के स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही है। पिछले कुछ महीनों में शहर के विभिन्न अस्पतालों में इसी तरह की शिकायतें सामने आ चुकी हैं, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है। परिजन न्याय की उम्मीद में धरने पर अडिग हैं, और उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही उचित कदम उठाएगा।