एसआई भर्ती 2021: रद्द होगी या बरकरार? राजस्थान हाई कोर्ट में आज फैसले पर टिकी नजरें"

राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच में आज सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 पेपर लीक मामले की निर्णायक सुनवाई होगी। सरकार के ठोस निर्णय न लेने पर परीक्षा रद्द होने की संभावना, अभ्यर्थियों के भविष्य पर फैसले की नजर।

Jul 1, 2025 - 11:24
एसआई भर्ती 2021: रद्द होगी या बरकरार? राजस्थान हाई कोर्ट में आज फैसले पर टिकी नजरें"

राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच में आज सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही है। इस मामले में भर्ती की वैधता, दोषी ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों की सेवा स्थिति और पूरे चयन पर संभावित कार्रवाई को लेकर कोर्ट की टिप्पणी और राज्य सरकार का रुख अहम होगा। कोर्ट ने पहले ही सरकार को ठोस निर्णय लेने की चेतावनी दी थी, और यदि आज सरकार स्पष्ट जवाब पेश नहीं कर पाई, तो परीक्षा रद्द होने की संभावना बढ़ सकती है। यह सुनवाई न केवल भर्ती प्रक्रिया, बल्कि हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए भी निर्णायक साबित हो सकती है।

साल 2021 में राजस्थान में 859 एसआई पदों के लिए आयोजित इस भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई थीं। पेपर लीक और डमी कैंडिडेट्स के उपयोग जैसे गंभीर आरोपों के बाद सरकार ने राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान दल (SOG) को जांच सौंपी थी। जांच में 50 ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के दो सदस्यों सहित कुल 150 लोगों की गिरफ्तारी हुई।

पुलिस मुख्यालय और राज्य के महाधिवक्ता ने परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की थी। इसके लिए 1 अक्टूबर 2024 को 6 मंत्रियों की एक मंत्रिमंडलीय समिति गठित की गई थी, जिसने भी अपनी रिपोर्ट में भर्ती रद्द करने की अनुशंसा की। हालांकि, मुख्यमंत्री की ओर से अंतिम निर्णय नहीं लिया गया, जिसके चलते मामला हाई कोर्ट पहुंचा। पिछली सुनवाई में सरकार ने निर्णय के लिए और समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 1 जुलाई तक का समय दिया था। आज अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह सरकार की ओर से जवाब पेश करेंगे। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि यदि सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती, तो प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों और पक्षकारों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा, "परीक्षा रद्द कर मेहनती युवाओं के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता। गड़बड़ी की जांच हो और दोषियों को सजा मिले।" वहीं, पिछले 70 दिनों से जयपुर में धरना दे रहे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने चेतावनी दी, "यदि हाई कोर्ट का फैसला युवाओं के हक में नहीं आया, तो हम न्याय के लिए दिल्ली कूच करेंगे।"

यह सुनवाई न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता के सवाल को लेकर महत्वपूर्ण है, बल्कि राजस्थान में भर्ती घोटालों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को भी दिशा दे सकती है। सभी की नजरें आज के फैसले पर टिकी हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .