सपनों की कार, मेहनत की कमाई, दिल्ली की नीति ने सब छीन लिया: 85 लाख की मर्सिडीज 2.5 लाख में बिकी
दिल्ली की नई 'एंड ऑफ लाइफ' वाहन नीति के तहत 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर पाबंदी ने वाहन मालिकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। दिल्ली के वरुण विज को अपनी 85 लाख रुपये की मर्सिडीज बेंज एमएल 350 को मात्र 2.5 लाख रुपये में बेचना पड़ा। नीति के कारण पुरानी गाड़ियों को ईंधन नहीं मिल रहा और जब्ती का खतरा है, जिससे लोग मजबूरन इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को काबू करने के लिए लागू की गई 'एंड ऑफ लाइफ' वाहन नीति ने कई लोगों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। इस नीति के तहत 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर सख्ती ने दिल्ली के वरुण विज जैसे लोगों को भारी भावनात्मक और आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। उनकी 85 लाख रुपये की मर्सिडीज बेंज, जो कभी उनके परिवार की खुशियों का प्रतीक थी, को मात्र 2.5 लाख रुपये में बेचना पड़ा।
मेहनत की कमाई से खरीदी कार
साल 2015 में वरुण विज ने अपनी मेहनत की कमाई से 85 लाख रुपये में मर्सिडीज बेंज एमएल 350 खरीदी थी। यह कार उनके लिए सिर्फ एक वाहन नहीं, बल्कि उनकी मेहनत, लगन और परिवार की खुशियों का हिस्सा थी। वरुण बताते हैं कि कार खरीदने के बाद परिवार में उत्साह की लहर थी। दस साल तक इस कार ने उनके साथ अनगिनत यादें बनाईं, जिससे परिवार का हर सदस्य इससे भावनात्मक रूप से जुड़ गया था।
कार थी फिट, फिर भी बेचनी पड़ी
1.35 लाख किलोमीटर का सफर तय करने के बावजूद वरुण की मर्सिडीज शानदार स्थिति में थी। नियमित मेंटेनेंस और देखभाल के कारण कार को सिर्फ समय-समय पर सर्विसिंग और टायर बदलने की जरूरत थी। लेकिन दिल्ली सरकार की नई नीति ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया। इस नीति के तहत पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं मिल रहा और सड़कों पर पकड़े जाने पर उन्हें जब्त किया जा रहा है।
खरीदार न मिलने से टूटा दिल
वरुण ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों में उनकी कार की 'लाइफ' खत्म हो चुकी थी, जिसके चलते कोई भी इसे खरीदने को तैयार नहीं था। कई कोशिशों के बाद आखिरकार उन्हें अपनी 85 लाख की कार को सिर्फ 2.5 लाख रुपये में बेचना पड़ा। इस नुकसान ने न सिर्फ उनकी जेब, बल्कि उनके दिल को भी तोड़ दिया। वे कहते हैं, "यह सिर्फ कार नहीं,बल्कि हमारे परिवार की यादों का हिस्सा थी।
"मजबूरी में लिया इलेक्ट्रिक कार का रास्ता
नई नीति के कारण दिल्ली में कई लोग अपनी कीमती गाड़ियों को औने-पौने दामों में बेचकर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रहे हैं। वरुण ने भी भविष्य की परेशानियों से बचने के लिए 62 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कार खरीदी। वे कहते हैं कि यह फैसला मजबूरी थी, ताकि भविष्य में फिर से ऐसा नुकसान न सहना पड़े।
दिल्ली की नीति: पर्यावरण की कीमत पर सपने टूटे1 जुलाई 2025 से लागू इस नीति का उद्देश्य दिल्ली में प्रदूषण को कम करना है। सरकार का कहना है कि पुरानी गाड़ियां पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं। लेकिन इस नीति ने वाहन मालिकों के सामने आर्थिक और भावनात्मक संकट खड़ा कर दिया है। वरुण जैसे लोग अपनी मेहनत की कमाई से बनी गाड़ियों को कौड़ियों के दाम बेचने को मजबूर हैं।
वरुण विज की कहानी दिल्ली के उन तमाम लोगों की व्यथा को बयां करती है, जिनके सपनों की गाड़ियां नई नीति की भेंट चढ़ गईं। यह नीति भले ही पर्यावरण के लिए जरूरी हो, लेकिन इसके अमल से पहले वाहन मालिकों के लिए उचित विकल्प या मुआवजे की कमी ने लोगों के दिलों में गहरी टीस छोड़ दी है।