राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने कर्नल सोनाराम चौधरी को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

राजस्थान के राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने जैसलमेर के मोहनगढ़ में पूर्व सांसद और बायतु विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी की अंतिम यात्रा में पुष्पांजलि अर्पित की। कर्नल सोनाराम, एक वीर सैनिक और जननायक, का 21 अगस्त 2025 को दिल्ली में निधन हो गया। उनके निधन से राजस्थान में शोक की लहर है। विश्नोई ने शोकाकुल परिवार को सांत्वना दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। कर्नल के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

Aug 22, 2025 - 14:11
राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने कर्नल सोनाराम चौधरी को दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

जैसलमेर, 22 अगस्त 2025: राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के कद्दावर नेता, चार बार सांसद और बायतु के पूर्व विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी के निधन ने पूरे प्रदेश में शोक की लहर पैदा कर दी है। आज, 22 अगस्त 2025 को उनके पैतृक गांव मोहनगढ़, जैसलमेर में उनकी अंतिम यात्रा में राज्यमंत्री श्री कृष्ण कुमार विश्नोई (के.के. विश्नोई) ने पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोकाकुल परिवार को सांत्वना प्रदान की।कर्नल सोनाराम चौधरी का बुधवार, 21 अगस्त 2025 की रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। वे 85 वर्ष के थे। बताया जाता है कि वे एक मीटिंग में भाग लेने गए थे, तभी अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई। उन्होंने स्वयं गाड़ी चलाकर अस्पताल पहुंचकर भर्ती करवाया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद उन्होंने अपने बेटे डॉ. रमन चौधरी से फोन पर बात की और सोशल मीडिया पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति को ठीक बताते हुए एक पोस्ट भी साझा की। लेकिन कुछ ही घंटों बाद, रात लगभग 11:15 बजे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने न केवल बाड़मेर-जैसलमेर, बल्कि पूरे राजस्थान में शोक की लहर दौड़ा दी।

कर्नल सोनाराम चौधरी: एक वीर सैनिक और जननायक

कर्नल सोनाराम चौधरी का जन्म 31 मार्च 1940 को जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ कस्बे में हुआ था। उन्होंने 1966 में भारतीय सेना में शामिल होकर 1971 के भारत-पाक युद्ध में पूर्वी मोर्चे पर महत्वपूर्ण योगदान दिया। लगभग 25 वर्षों तक सेना में सेवा देने के बाद, 1994 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उनकी सैन्य सेवाओं के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा मेडल (वीएसएम) से सम्मानित किया गया था।राजनीति में कर्नल सोनाराम ने बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र से 1996, 1998, 1999 और 2014 में चार बार सांसद के रूप में जीत हासिल की। इसके अलावा, वे 2008 में बायतु विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे। शुरू में कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे कर्नल ने 2014 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा और उसी वर्ष लोकसभा चुनाव जीता। हालांकि, बाद में वे पुनः कांग्रेस में लौट आए और 2023 के विधानसभा चुनाव में गुड़ामालानी सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी के के.के. विश्नोई से हार गए।कर्नल सोनाराम को पश्चिमी राजस्थान में किसानों की मजबूत आवाज के रूप में जाना जाता था। उन्होंने हमेशा किसानों, ग्रामीणों और समाज के कमजोर वर्गों के हितों के लिए संघर्ष किया। उनकी सादगी, साहस और समर्पण ने उन्हें जनता का प्रिय नेता बनाया।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

कर्नल सोनाराम की पार्थिव देह को गुरुवार, 21 अगस्त को सुबह 11:30 बजे जैसलमेर के उतरलाई एयरबेस लाया गया। इसके बाद, बाड़मेर स्थित उनके आवास पर एक घंटे तक अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां हजारों समर्थकों और स्थानीय लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाद में, उनकी पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव मोहनगढ़ ले जाया गया, जहां शुक्रवार सुबह 11 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए, जिसने उनके प्रति जनता के अपार स्नेह और सम्मान को दर्शाया।

राज्यमंत्री के.के. विश्नोई की श्रद्धांजलि

राजस्थान सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल, कौशल, नियोजन उद्यमिता एवं नीति निर्धारण विभाग के राज्यमंत्री के.के. विश्नोई ने आज सुबह 10 बजे मोहनगढ़ पहुंचकर कर्नल सोनाराम की अंतिम यात्रा में भाग लिया। उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर कर्नल के योगदान को याद किया और कहा, "कर्नल सोनाराम चौधरी एक सच्चे जनसेवक और वीर सैनिक थे। उनका निधन राजस्थान की राजनीति और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी स्मृतियां हमेशा हमें प्रेरित करती रहेंगी।" उन्होंने शोकाकुल परिवार, जिसमें कर्नल की पत्नी विमला चौधरी और पुत्र डॉ. रमन चौधरी शामिल हैं, को सांत्वना दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

शोक की लहर और नेताओं की संवेदनाएं

कर्नल सोनाराम के निधन पर राजस्थान के कई प्रमुख नेताओं और सामाजिक संगठनों ने गहरा दुख व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर भी उनके समर्थकों और चाहने वालों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। एक यूजर ने लिखा, "कर्नल सोनाराम चौधरी जी का निधन न केवल राजनीति, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए एक गहरी क्षति है। वे सामाजिक न्याय के प्रखर प्रहरी थे।"कर्नल सोनाराम चौधरी का जीवन और उनका योगदान राजस्थान की राजनीति और समाज में हमेशा याद किया जाएगा। उनकी अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब और नेताओं की श्रद्धांजलि इस बात का प्रमाण है कि वे न केवल एक नेता, बल्कि जनता के दिलों में बसे एक सच्चे जननायक थे।

"विनम्र श्रद्धांजलि"