राजस्थान में पहली बार विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों में मची खलबली..

राजस्थान में पहली बार किसी विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। बागीदौरा से BAP विधायक जयकृष्ण पटेल को ACB ने जयपुर के ज्योति नगर में 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। पटेल ने विधानसभा में खनन से जुड़े सवाल वापस लेने के लिए 20 करोड़ की मांग की थी, जो 2.5 करोड़ में सेटल हुई। पैसे लेकर एक शख्स फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है। BAP सांसदों ने इसे साजिश बताया, जबकि ACB ने सबूतों के साथ कार्रवाई की पुष्टि की।

May 4, 2025 - 22:08
राजस्थान में पहली बार   विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा, भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों में मची खलबली..

रिपोर्ट/राजेंद्र सिंह : राजस्थान की सियासत में आज उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बांसवाड़ा के बागीदौरा से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के नवनिर्वाचित विधायक जयकृष्ण पटेल को रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा। यह राजस्थान के इतिहास में पहला मौका है, जब किसी विधायक को रिश्वतखोरी के आरोप में इस तरह गिरफ्तार किया गया। 20 करोड़ की मांग से शुरू हुई यह डील 2.5 करोड़ में सेटल हुई, और 4 मई को जयपुर के ज्योति नगर में विधायक के सरकारी क्वार्टर में 20 लाख रुपये की पहली किस्त लेते हुए ACB ने जाल बिछाकर पटेल को पकड़ लिया। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब पैसे लेकर एक अज्ञात शख्स मौके से फरार हो गया! 

कौन हैं जयकृष्ण पटेल?

जयकृष्ण पटेल बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने। 2024 के उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के दिग्गज प्रत्याशी सुभाष तंबोलिया को हराकर सनसनी मचा दी थी। आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में BAP की जीत ने पार्टी को नई ताकत दी थी। विधायक बनने के बाद पटेल ने खनन और जल संसाधनों की मरम्मत से जुड़े सवाल विधानसभा में उठाए। इतना ही नहीं, उन्होंने भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के खिलाफ विधानसभा के बाहर पोस्टर लेकर प्रदर्शन भी किया था। लेकिन ACB की कार्रवाई ने उनके इस "साफ-सुथरे" चेहरे पर सवालिया निशान लगा दिया।

20 करोड़ से 2.5 करोड़ तक की डील

कहानी तब शुरू हुई, जब एक ठेकेदार रविंद्र सिंह ने पटेल के विधानसभा में उठाए गए खनन से जुड़े सवालों को वापस लेने की गुहार लगाई। ये सवाल करौली के तोड़ा भीम क्षेत्र में खनन लीज से संबंधित थे, जो पटेल के निर्वाचन क्षेत्र से बाहर का मामला था। ACB के डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पटेल ने पहले 20 करोड़ रुपये की मांग की। लंबी बातचीत के बाद सौदा 2.5 करोड़ में तय हुआ। इन सवालों में दो तारांकित प्रश्न (5998 और 6284) और एक अतारांकित प्रश्न (950) शामिल थे, जो अभी विधानसभा में टेबल नहीं हुए थे।

4 अप्रैल को ठेकेदार ने ACB में शिकायत दर्ज की। इसके बाद ACB ने पटेल के फोन को सर्विलांस पर लिया और उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी। मेहरड़ा ने बताया, "पटेल बार-बार ठेकेदार को फोन कर पैसे की डिमांड कर रहे थे। 3 मई को उन्होंने ठेकेदार को जयपुर बुलाया और 4 मई को मुलाकात का समय तय किया।"

ज्योति नगर में हाई-वोल्टेज ड्रामा

4 मई की सुबह ज्योति नगर में पटेल के सरकारी क्वार्टर के बेसमेंट में यह सियासी ड्रामा चरम पर पहुंचा। ACB की पांच टीमें सुबह से ही इलाके में तैनात थीं। ठेकेदार 20 लाख रुपये लेकर करीब 11:30 बजे बेसमेंट में पहुंचा, जहां पटेल पहले से मौजूद थे। ठेकेदार ने कार में बैठकर पटेल को रुपये सौंपे, जिन्हें पटेल ने गिनकर किसी तीसरे व्यक्ति को दे दिया। लेकिन जैसे ही यह लेन-देन हुआ, ACB की टीमें हरकत में आईं।

पटेल को मौके पर डिटेन किया गया। उनके हाथ धुलवाए गए, तो रंग निकला—रिश्वत लेने का अकाट्य सबूत! लेकिन पैसे लेकर भागने वाला शख्स मौके से फरार हो गया। ACB ने बताया कि फरार व्यक्ति की तलाश में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और क्वार्टर परिसर में सर्च ऑपरेशन जारी है। मेहरड़ा ने दावा किया, "हमारे पास पैसे लेने और सौंपने का वीडियो सबूत है।"

BAP और विपक्ष का बयान: साजिश या सच?

इस गिरफ्तारी ने सियासी गलियारों में तूफान ला दिया। BAP सांसद राजकुमार रोत और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे "सियासी साजिश" करार दिया। रोत ने कहा, "यह आदिवासी नेताओं को बदनाम करने की कोशिश है। जयकृष्ण को फंसाया गया है।" वहीं, बेनीवाल ने ACB की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह सरकार की नाकामी छिपाने का हथकंडा है।" दूसरी ओर, उदयपुर के सांसद मन्ना लाल रावत ने BAP की आलोचना की और कहा, "यह घटना पार्टी के आदिवासी हितों के दावों की पोल खोलती है।"

ACB की प्रेस कॉन्फ्रेंस: सबूतों का खुलासा

ACB के डीजी रविप्रकाश मेहरड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्रवाई से पहले विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को सूचित किया गया था। मेहरड़ा ने कहा, "पटेल के हाथों से रंग निकला, और हमारे पास उनके पैसे छूने का वीडियो सबूत है। यह राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है।"

पटेल को दोपहर 3 बजे ACB मुख्यालय लाया गया, जहां मेडिकल जांच के बाद उनकी औपचारिक गिरफ्तारी हुई। मेहरड़ा ने बताया कि पटेल पूछताछ में चुप्पी साधे हुए हैं। सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी।

क्यों है यह मामला अनोखा?

ऐतिहासिक कार्रवाई: राजस्थान में पहली बार किसी विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।

सियासी उलटफेर: BAP की बढ़ती ताकत को यह मामला झटका दे सकता है, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में।

सवालों का दुरुपयोग: विधानसभा जैसे सम्मानित मंच का इस्तेमाल रिश्वत के लिए करना जनता के भरोसे पर चोट है।

फरार शख्स का रहस्य: 20 लाख लेकर भागने वाला शख्स कौन है? क्या वह इस सौदे का हिस्सा था?

आगे क्या?

ACB अब पटेल के गनमैन और अन्य संदिग्धों की तलाश में है। उनकी संपत्तियों की जांच भी शुरू हो गई है, क्योंकि संदेह है कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति हो सकती है। इस मामले ने राजस्थान की सियासत में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को नया आयाम दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है? क्या और बड़े खुलासे सामने आएंगे?

यह खबर न सिर्फ राजस्थान, बल्कि पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मिसाल बन सकती है। आपका क्या कहना है?

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ