रामबन में दर्दनाक हादसा: सेना का वाहन 600 मीटर गहरी खाई में गिरा, तीन जवान शहीद
एक दुखद हादसे ने देश को झकझोर दिया। उधमपुर से श्रीनगर की ओर जा रहे सेना के एक काफिले का वाहन बैटरी चश्मा इलाके में अनियंत्रित होकर लगभग 600 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। इस भीषण हादसे में सेना के तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गई।

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार, 4 मई 2025 को एक दुखद हादसे ने देश को झकझोर दिया। उधमपुर से श्रीनगर की ओर जा रहे सेना के एक काफिले का वाहन बैटरी चश्मा इलाके में अनियंत्रित होकर लगभग 600 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। इस भीषण हादसे में सेना के तीन जवानों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही सेना, पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमें तत्काल बचाव कार्य में जुट गईं।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, यह हादसा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैटरी चश्मा के पास हुआ। सेना का वाहन एक काफिले के साथ नियमित ड्यूटी पर श्रीनगर की ओर बढ़ रहा था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वाहन के चालक ने तीखे मोड़ पर नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण वाहन सड़क से फिसलकर गहरी खाई में जा गिरा। हादसे की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वाहन लगभग 200-300 मीटर नीचे गिरा, जिससे उसमें सवार जवानों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।
स्थानीय लोगों ने हादसे की सूचना प्रशासन को दी, जिसके बाद बचाव दल मौके पर पहुंचा। सेना और SDRF की टीमें ने कठिन परिस्थितियों में राहत कार्य शुरू किया। खाई की गहराई और दुर्गम इलाके के कारण बचाव कार्य में काफी चुनौतियां आईं, लेकिन टीमें लगातार प्रयासरत रहीं।
शहीद जवानों की संख्या और स्थिति
हादसे में तीन जवानों के शहीद होने की पुष्टि हुई है। शुरुआती खबरों में दो जवानों की मौत की सूचना थी, लेकिन बाद में एक और जवान की मृत्यु की पुष्टि हुई। अभी तक घायल जवानों की स्थिति या संख्या के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। सेना ने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
बार-बार हो रहे हादसों पर चिंता
यह हादसा पिछले छह महीनों में जम्मू-कश्मीर में सेना के वाहन के खाई में गिरने की तीसरी घटना है। इससे पहले:
24 दिसंबर 2024: पुंछ जिले में सेना का वाहन 300 फीट गहरी खाई में गिरा, जिसमें पांच जवान शहीद हुए।
4 जनवरी 2025: बांदीपोरा में खराब मौसम और कम दृश्यता के कारण सेना का ट्रक खाई में गिर गया, जिसमें चार जवान शहीद हुए।
इन घटनाओं ने सड़क सुरक्षा और सेना के वाहनों की तकनीकी स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में खराब सड़कें, तीखे मोड़, और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां इन हादसों के प्रमुख कारण हो सकते हैं।
अधिकारियों और नेताओं की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर शहीद जवानों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। सेना ने कहा, “हमारे बहादुर जवानों का बलिदान राष्ट्र कभी नहीं भूलेगा। हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।” जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी इस घटना पर दुख जताया और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “रामबन हादसे में शहीद हुए जवानों को मेरी श्रद्धांजलि। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।”
जांच और भविष्य के कदम
सेना और स्थानीय प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक अनुमान है कि वाहन की तकनीकी खराबी या सड़क की स्थिति इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। इसके अलावा, चालक की स्थिति और मौसम की भूमिका की भी जांच की जा रही है। सेना ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों की नियमित जांच और चालकों के प्रशिक्षण को और सख्त करने का संकल्प लिया है।