पत्नी ने 4 बच्चों संग जहर खाकर की आत्महत्या, पति से विवाद बना कारण.....
सीकर, राजस्थान में एक दिल दहलाने वाली घटना में किरण नाम की महिला ने अपने चार बच्चों—दो बेटों और दो बेटियों—के साथ अनिरुद्ध रेजिडेंसी के फ्लैट में जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। पति से लंबे समय से चला आ रहा विवाद और आर्थिक तंगी इस त्रासदी का संभावित कारण मानी जा रही है। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और पति से पूछताछ शुरू की। यह घटना समाज में मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याओं की गंभीरता को उजागर करती है।

सीकर, 11 अक्टूबर 2025:राजस्थान के सीकर शहर में एक ऐसी त्रासदी सामने आई है, जिसने पूरे समुदाय को झकझोर कर रख दिया। एक 35 वर्षीय महिला किरण ने अपने चार नाबालिग बच्चों—दो बेटों (8 और 6 वर्ष) और दो बेटियों (10 और 4 वर्ष)—के साथ अनिरुद्ध रेजिडेंसी के अपने फ्लैट में जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जांच के अनुसार, किरण का अपने पति के साथ लंबे समय से चल रहा पारिवारिक विवाद इस दुखद घटना का प्रमुख कारण हो सकता है।
घटना का विवरण
यह दर्दनाक घटना शुक्रवार देर रात सीकर के पॉश इलाके अनिरुद्ध रेजिडेंसी में हुई। किरण अपने पति से अलगाव के बाद पिछले छह महीनों से इस फ्लैट में अपने चार बच्चों के साथ रह रही थी। पड़ोसियों के मुताबिक, किरण अक्सर तनाव में दिखाई देती थी और बच्चों की परवरिश में आर्थिक व भावनात्मक समस्याओं से जूझ रही थी। शुक्रवार रात को फ्लैट से असामान्य चुप्पी और एक अजीब गंध ने पड़ोसियों का ध्यान खींचा। शनिवार सुबह तक कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने पुलिस को सूचित किया।पुलिस ने फ्लैट का दरवाजा तोड़ा तो अंदर का मंजर देखकर सभी स्तब्ध रह गए। किरण और उनके चारों बच्चों की लाशें फर्श पर पड़ी थीं। पास में जहर की खाली बोतलें मिलीं, जो इस बात की पुष्टि करती थीं कि सभी ने जहरीला पदार्थ खाया था। अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन पुलिस को कुछ लिखित सामग्री मिली है, जिसकी जांच की जा रही है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सीकर के सरकारी अस्पताल भेजा गया है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि और विवाद
पुलिस सूत्रों के अनुसार, किरण का अपने पति से कई वर्षों से मनमुटाव चल रहा था। पति, जो एक निजी कंपनी में कर्मचारी है, परिवार से अलग रहता था और कभी-कभी ही संपर्क करता था। रिश्तेदारों ने बताया कि किरण और उनके पति के बीच आर्थिक तंगी, घरेलू हिंसा और आपसी अविश्वास के कारण रिश्ता पूरी तरह टूट चुका था। किरण ने बच्चों की पढ़ाई और भविष्य को लेकर काफी चिंता जताई थी, लेकिन हाल के दिनों में उनके और पति के बीच कोई बड़ा विवाद हुआ था, जिसने शायद उन्हें यह आत्मघाती कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।एक पड़ोसी ने बताया, "किरण बहुत कम बोलती थी। वह बच्चों को स्कूल भेजने और उनकी देखभाल में लगी रहती थी, लेकिन उसका चेहरा हमेशा उदास रहता था। कई बार वह आर्थिक मदद मांगती थी, लेकिन कोई खुलकर उसकी मदद नहीं कर पाया।" परिवार के एक करीबी रिश्तेदार ने कहा, "हमें नहीं पता था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगी। अगर वह अपनी परेशानी साझा करती, तो शायद यह नौबत न आती।"
पुलिस जांच और कार्रवाई
सीकर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। एसपी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने प्रेस को बताया, "यह एक दुखद और जटिल मामला है। हम हर कोण से जांच कर रहे हैं। पति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, और उनके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। अभी तक आत्महत्या के सटीक कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन पारिवारिक विवाद और मानसिक दबाव की भूमिका साफ दिख रही है।" पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया है और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
यह घटना सीकर और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, सामाजिक समर्थन की अनुपस्थिति और पारिवारिक दबाव ऐसी घटनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। एक स्थानीय मनोवैज्ञानिक, डॉ. शालिनी शर्मा, ने कहा, "पारिवारिक विवाद और आर्थिक तनाव लोगों को अकेला और हताश कर देते हैं। अगर समय पर काउंसलिंग या मदद मिल जाए, तो ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकता है।"सीकर में पिछले एक साल में 15 से अधिक आत्महत्या के मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि पारिवारिक समस्याओं को हल करने के लिए बेहतर तंत्र और जागरूकता की कितनी जरूरत है।
प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवार के लिए सहायता का वादा किया है। स्थानीय एनजीओ और सामाजिक संगठनों ने इस घटना के बाद मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान शुरू करने की बात कही है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की पारिवारिक या मानसिक समस्या होने पर हेल्पलाइन नंबर 104 (मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन) या 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन) पर संपर्क करें।
यह दुखद घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर सवाल भी खड़ा करती है। किरण और उनके बच्चों की मौत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे सीकर को शोक में डुबो दिया है।