पेपर लीक के मास्टरमाइंड की संदिग्ध मौत:परिवार बोला- जहर देकर हत्या, 5 साल में 100 लोग बने अफसर
राजस्थान पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी अमृत लाल मीणा की वाराणसी से जयपुर लाते समय संदिग्ध मौत, परिजनों ने जहर देकर हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया।

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की परीक्षाओं के पेपर लीक मामले के कुख्यात मास्टरमाइंड अमृत लाल मीणा (56) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। करौली के निवासी अमृत लाल की मौत ने एक बार फिर पेपर लीक कांड को सुर्खियों में ला दिया है। परिजनों ने इसे हत्या करार देते हुए नादौती थाने में मामला दर्ज कराया है, जिसमें जहर देने का गंभीर आरोप लगाया गया है। पुलिस ने इस मामले को वाराणसी के सिगारा थाने को जांच के लिए भेज दिया है।
अस्पताल में भर्ती से लेकर अंतिम यात्रा तक
जानकारी के अनुसार, अमृत लाल 21 से 23 अगस्त तक वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। 23 अगस्त को एक व्यक्ति, जिसकी पहचान आरके सिंह बिहारी के रूप में हुई, ने परिजनों को फोन कर उनकी हालत की जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि 24 अगस्त को वे वाराणसी पहुंचे, जहां से अमृत लाल को वेंटिलेटर पर जयपुर रेफर किया गया। लेकिन आगरा के पास उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन उन्हें करौली के हिंडौन सिटी जिला अस्पताल ले गए, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।
नादौती थानाधिकारी वीर सिंह गुर्जर ने बताया, "परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया है। चूंकि घटनाक्रम वाराणसी के सिगारा थाना क्षेत्र में हुआ, इसलिए इसे जीरो नंबर की FIR के तहत वहां की पुलिस को जांच के लिए भेजा गया है।" सूत्रों के मुताबिक, आरके सिंह बिहारी भी पेपर लीक गिरोह से लंबे समय से जुड़ा हुआ है, लेकिन जब पुलिस ने उससे संपर्क करने की कोशिश की, तो उसका फोन बंद पाया गया।
पेपर लीक का मास्टरमाइंड और उसका काला कारनामा
अमृत लाल मीणा करौली के गवर्नमेंट कॉलेज में लेक्चरर थे। उनकी कुख्याती 2014 में तब सामने आई, जब विशेष कार्य बल (SOG) ने RPSC की परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। 2009 से 2014 तक महज पांच साल में अमृत लाल ने 100 से अधिक लोगों को राजस्थान में गजेटेड अफसर बनवाया था। 2013 के RAS पेपर लीक मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। जांच में खुलासा हुआ कि उन्होंने एक अभ्यर्थी को प्री और मेन्स परीक्षा पास कराने के लिए 30 लाख रुपये का सौदा किया था।
SOG की जांच में यह भी सामने आया कि अमृत लाल ने अपने पांच रिश्तेदारों को मुफ्त में पेपर उपलब्ध कराए थे। हैरानी की बात यह थी कि 2013 की RAS परीक्षा की मेरिट लिस्ट में टॉप-50 में शामिल 50 में से 32 अभ्यर्थी अमृत लाल के क्षेत्र से थे। इसके अलावा, उनके परिवार और रिश्तेदारों के 20 लोग इस मेरिट में शामिल थे, जिसमें उनकी पत्नी भी थी। गिरोह में अमृत लाल के साथ उनके साथी संजीव मीणा, हंसराज मीणा और सुनील कुमार भी शामिल थे।
RPSC की शिकायत और जांच का दायरा
RPSC ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती और स्कूल ऑफ एजुकेशन फैकल्टी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके बाद SOG को गुप्त पत्र भेजा गया, जिसके आधार पर जांच शुरू हुई। जांच में अमृत लाल के गिरोह की गहरी जड़ें सामने आईं, जिसने कई भर्ती परीक्षाओं को प्रभावित किया था।