पाकिस्तान के लिए जासूसी: यूपी ATS ने वाराणसी से ISI एजेंट तुफैल को पकड़ा, ज्योति मल्होत्रा के बाद एक और खुलासा

May 23, 2025 - 08:24
May 23, 2025 - 08:27

भूमि यादव /जयपुर:  यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बाद पाकिस्तान के एक और जासूस तुफैल को उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS टीम ने पकड़ा ,जो कि पाकिस्तान के लिए उत्तरप्रदेश से जासूसी करता था वाराणसी के जयतपुर क्षेत्र का निवासी बनकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूस करने के मामले ने ATS ने हिरासत में ले लिया है । 

हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के बाद हाल ही में सामने आए जासूसी नेटवर्क का हिस्सा तुफैल भी है , जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। तुफैल पर आरोप है कि वह वाराणसी के संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें और गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी सेना के एक अधिकारी की पत्नी के जरिए ISI को भेज रहा था।

- फेसबुक से शुरू हुई जासूसी की साजिश

यूपी ATS के अनुसार, तुफैल की मुलाकात फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के फैसलाबाद की रहने वाली नफीसा नामक महिला से हुई थी, जिसका पति पाकिस्तानी सेना में अधिकारी है। जांच में पता चला कि तुफैल ने नफीसा के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा और उसके माध्यम से ISI को संवेदनशील जानकारी मुहैया कराई। ATS ने तुफैल के मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त किए, जिसमें 600 से अधिक पाकिस्तानी नंबरों के साथ उसकी बातचीत के सबूत मिले। यह मामला सोशल मीडिया के दुरुपयोग और डिजिटल जासूसी के बढ़ते खतरे को उजागर करता है।

- संवेदनशील स्थानों की करता था जानकारी लीक

तुफैल पर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट, नमो घाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, राजघाट, जामा मस्जिद, रेड फोर्ट और निजामुद्दीन औलिया जैसे संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें और जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजने का आरोप है। इसके अलावा, उसने व्हाट्सएप ग्रुप्स में पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लैबिक के नेता मौलाना शाह रिजवी के वीडियो साझा किए। इन ग्रुप्स में वह ‘गजवा-ए-हिंद’, बाबरी मस्जिद का बदला लेने और भारत में शरिया कानून लागू करने जैसे भड़काऊ संदेश भी फैला रहा था।

- ऑपरेशन सिंदूर के तहत सख्त कार्रवाई

यह गिरफ्तारी यूपी ATS के ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा है, जिसके तहत हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में 12 से अधिक संदिग्ध जासूसों को पकड़ा गया है। इससे पहले, हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तानी हाई कमीशन के कर्मचारी के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ज्योति ने अपने यूट्यूब चैनल “Travel with JO” के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के साथ संपर्क बनाए रखा था। तुफैल का मामला भी इसी तरह की साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।

- कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच

तुफैल को 22 मई 2025 को वाराणसी के आदमपुर से गिरफ्तार किया गया। उसे जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा। ATS तुफैल के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने और किन लोगों को इस जासूसी नेटवर्क में शामिल किया था।

- डिजिटल जासूसी का बढ़ता खतरा

तुफैल का मामला सोशल मीडिया के जरिए जासूसी के नए तौर-तरीकों को सामने लाता है। फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर ISI भारतीय नागरिकों को निशाना बना रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी गतिविधियां न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती हैं। यूपी ATS ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनजान व्यक्तियों के साथ ऑनलाइन संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें।

- सतर्कता और सुरक्षा की जरूरत

तुफैल की गिरफ्तारी ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सतर्कता की जरूरत को रेखांकित किया है। यूपी ATS ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों से सहयोग की अपील की है ताकि इस तरह के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जा सके। यह घटना डिजिटल युग में बढ़ते खतरों को दर्शाती है, जहां सोशल मीडिया का दुरुपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बन रहा है।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ