बिश्नोई महासभा विवाद में नया तूफान: लॉरेंस बिश्नोई की धमकी या फर्जी पोस्ट का खेल?

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच विवाद गहराया, लॉरेंस बिश्नोई के नाम से वायरल पोस्ट ने 'तानाशाह' को धमकी दी, जिसे फर्जी बताया जा रहा है। हिसार पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली।

Jul 2, 2025 - 12:02
Jul 2, 2025 - 12:03
बिश्नोई महासभा विवाद में नया तूफान: लॉरेंस बिश्नोई की धमकी या फर्जी पोस्ट का खेल?

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में चल रहा विवाद अब एक नए और सनसनीखेज मोड़ पर पहुंच गया है। सोशल मीडिया पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम से एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया का समर्थन करते हुए एक 'तानाशाह' को अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है। हालांकि, इस पोस्ट में बीजेपी नेता और पूर्व संरक्षक कुलदीप बिश्नोई का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया गया, लेकिन इसे उनके खिलाफ माना जा रहा है। कुलदीप बिश्नोई के मीडिया प्रभारी ने इस पोस्ट को पांच-छह महीने पुराना और फर्जी आईडी से बनाया हुआ बताया है। हिसार पुलिस प्रवक्ता विकास कुमार ने कहा कि इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

वायरल पोस्ट का दावा

वायरल पोस्ट में लिखा गया है, "मैं लॉरेंस, राष्ट्रीय जीव रक्षा युवा मोर्चा अध्यक्ष, बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया के निर्णय का समर्थन करता हूं, क्योंकि एक तानाशाह ने उन पर दबाव बनाया और बदतमीजी की। समाज हित में कार्य न करने वाले तानाशाह को खत्म करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।" पोस्ट में बिश्नोई समाज के हित में स्वतंत्र और लोकतांत्रिक चुनाव कराने की वकालत की गई है। हालांकि, दूसरी ओर, लॉरेंस बिश्नोई और अनमोल बिश्नोई के नाम से एक अन्य पोस्ट भी वायरल हुई, जिसमें पहली पोस्ट को फर्जी बताया गया।

विवाद का इतिहास

देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच विवाद की शुरुआत दिसंबर 2024 में हुई, जब बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटाने का प्रस्ताव पास किया। बूड़िया ने इसके पीछे कारण बताया कि कुलदीप के बेटे चैतन्य बिश्नोई के अंतरजातीय विवाह से बिश्नोई समाज में रोष है। जवाब में, कुलदीप ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए बूड़िया को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर परसराम बिश्नोई को नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। इसके बाद, बूड़िया पर जनवरी 2025 में हिसार के आदमपुर थाने में एक 20 वर्षीय युवती ने रेप का मामला दर्ज कराया, जिसे बूड़िया ने कुलदीप बिश्नोई की साजिश करार दिया।

महापंचायत और बूड़िया की गिरफ्तारी

25 जून 2025 को राजस्थान के बीकानेर में मुकाम धाम में हुई महापंचायत में बिश्नोई समाज के संतों ने देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई दोनों को अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने का निर्देश दिया था। साथ ही, अक्टूबर 2025 तक महासभा के नए चुनाव कराने का फैसला लिया गया। इसके बाद, बूड़िया ने सरेंडर कर दिया, लेकिन 29 जून 2025 को हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच ने उन्हें जोधपुर से रेप के मामले में गिरफ्तार कर लिया। 1 जुलाई 2025 को हिसार कोर्ट ने बूड़िया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोर्ट से निकलते समय उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें मेडिकल सहायता दी गई।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

हिसार पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई की कथित पोस्ट को लेकर कोई औपचारिक शिकायत न मिलने की बात कही है। पुलिस प्रवक्ता विकास कुमार ने बताया, "हमें इस पोस्ट के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर शिकायत मिलती है, तो हम इसकी जांच करेंगे।" वहीं, कुलदीप बिश्नोई के मीडिया प्रभारी ने पोस्ट को फर्जी और पुराना बताते हुए दावा किया कि यह किसी फेक आईडी से बनाया गया है और इसका कोई आधार नहीं है।

सोशल मीडिया पर बंटा समाज

सोशल मीडिया, खासकर बिश्नोई समाज के व्हाट्सएप ग्रुपों में यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है। कुछ लोग इसे लॉरेंस बिश्नोई द्वारा बूड़िया के समर्थन के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे फर्जी और विवाद को भड़काने की कोशिश मान रहे हैं। एक एक्स यूजर ने लिखा, "बिना जांचे-परखे फर्जी पोस्ट पर पुलिस और मीडिया निर्णय लेने लगे हैं, जिससे विश्वसनीयता खत्म हो रही है।"

विवाद का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

यह विवाद अब सामाजिक संगठन की सीमाओं को पार कर राजनीतिक और आपराधिक क्षेत्र में प्रवेश कर चुका है। बिश्नोई समाज, जो प्रकृति संरक्षण और पशु कल्याण के लिए जाना जाता है, इस विवाद के कारण विभाजित नजर आ रहा है। कुलदीप बिश्नोई ने इस बीच महासभा के संरक्षक पद से इस्तीफा दे दिया और मुकाम धाम के पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को नया संरक्षक नियुक्त किया। उन्होंने स्वामी रामानंद की अध्यक्षता में 29 सदस्यीय समिति का गठन भी किया, जो आगामी चुनावों की प्रक्रिया को देखेगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .