धारा 144 के बीच नेताओं का दांव, भाटी का तंज- 'हकीकत सामने आएगी
जैसलमेर के बासनपीर में धारा 144 लागू होने के बाद कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी और सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल की सर्वधर्म प्रार्थना की योजना पर विवाद गहराया। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने तंज कसते हुए कहा कि प्रशासन उन्हें जाने दे ताकि उनकी "हकीकत" सामने आए और अल्पसंख्यक समुदाय के राजनीतिक उपयोग का सच उजागर हो।

जैसलमेर के बासनपीर में चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 144 (नई धारा 163) लागू कर दी है, जिसके तहत पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है। इस बीच, कांग्रेस के बायतु विधायक हरीश चौधरी और बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने 19 जुलाई को बासनपीर में गांधी-राम धुन और सर्वधर्म प्रार्थना के लिए जाने की योजना बनाई थी। हालांकि, धारा 144 लागू होने के बाद विधायक चौधरी ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर इस आयोजन के लिए अनुमति मांगी है।
रविंद्र सिंह भाटी का तंज
शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इस मामले पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि प्रशासन को हरीश चौधरी और उम्मेदाराम बेनीवाल को बासनपीर जाने की अनुमति देनी चाहिए ताकि उनकी 'हकीकत' जनता के सामने आ सके। भाटी ने बिना नाम लिए बायतु विधायक पर निशाना साधते हुए कहा, "जैसलमेर जिला प्रशासन से अनुरोध है कि इनको जाने दो। ताकि यह पता लगे कि इनकी दुकान नफरत की है या दूसरी चीजों की।"
भाटी ने अल्पसंख्यक समुदाय के मुद्दों को उठाते हुए आरोप लगाया कि कुछ लोग अल्पसंख्यकों का राजनीतिक उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "जितने भी हमारे अल्पसंख्यक भाई हैं, उनका कहीं न कहीं राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है। अल्पसंख्यकों की लीडरशिप को किसने खत्म किया, यह सबको पता है। आज वैमनस्य पैदा करने के लिए प्रपंच किए जा रहे हैं।"
अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति भाटी का संदेश
भाटी ने अल्पसंख्यक समुदाय से अपील करते हुए कहा, "मेरे जितने भी अल्पसंख्यक भाई-बहन हैं, उनसे निवेदन है कि अपने असली दुश्मनों को पहचानें। कौन आपकी लीडरशिप को खत्म कर रहा है, कौन आपका राजनीतिक उपयोग कर रहा है, यह आपको सोचना है।" उन्होंने बाड़मेर-जैसलमेर में हमेशा से चले आ रहे भाईचारे को बनाए रखने की बात कही और चेतावनी दी कि कुछ लोग पंचायतीराज चुनावों के लिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व घटनाओं का जिक्र
भाटी ने हाल की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि थोड़े दिन पहले शिव में एक महिला को हिरासत में लिया गया था, तब वे स्वयं धरने पर बैठे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बायतु विधायक इतने ही संवेदनशील हैं, तो उस समय वे धरने पर क्यों नहीं बैठे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में अल्पसंख्यक समुदाय के वरिष्ठ नेता और उनके समर्थकों को जयपुर से आए कांग्रेस नेताओं (पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा) के रूट डायवर्ट होने का हवाला देकर घंटों इंतजार करवाया गया।
बासनपीर में पुलिस कार्रवाई पर सवाल
भाटी ने बासनपीर मामले में पुलिस द्वारा की गई हिरासत की कार्रवाइयों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जिन लोगों को अनावश्यक हिरासत में लिया गया है, वह गलत है। निर्दोष लोगों को नहीं पकड़ा जाना चाहिए। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो, लेकिन निर्दोषों को परेशान न किया जाए।"
भाटी का बायतु विधायक और सांसद पर निशाना
बिना नाम लिए भाटी ने हरीश चौधरी और उम्मेदाराम बेनीवाल पर तंज कसते हुए कहा, "एमपी साहब एक्टिव हुए तो पूर्व मंत्री जी को लगा कि उनकी राजनीतिक जमीन न खिसक जाए। इस चक्कर में यह सब हो रहा है।" उन्होंने दोनों नेताओं के बीच आपसी तनातनी की ओर भी इशारा किया।
बासनपीर में शांति की स्थिति
बासनपीर में फिलहाल स्थिति नियंत्रित बताई जा रही है। दोनों समुदायों के वरिष्ठ लोग एक साथ बैठकर वार्ता कर रहे हैं। भाटी ने कहा, "मुस्लिम समुदाय के साथ हमारा हमेशा भाईचारा रहा है और आगे भी रहेगा। कुछ लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता उन्हें करारा जवाब देगी।"
पंचायतीराज चुनाव और राजनीतिक रोटियां
भाटी ने आगामी पंचायतीराज चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग वोट बैंक की राजनीति के लिए सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी और कहा, "जनता बहुत समझदार है। वह ऐसे लोगों को जवाब देगी।"
बासनपीर का यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। प्रशासन की सख्ती और नेताओं के बयानों ने इस मुद्दे को और गर्मा दिया है।