बाड़मेर में जमीनी विवाद ने लिया खूनी रूप: सरपंच पर कब्जे का आरोप, बुजुर्ग महिला सहित 3 घायल
राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरणू चिमनजी गांव में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक बुजुर्ग महिला सहित तीन लोग घायल हो गए। एक पक्ष ने सरपंच इंद्र सिंह और उनके साथियों पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया, दावा किया कि उन्होंने सीमांकन पत्थर तोड़े और लाठी-डंडों से हमला किया। घटना का वीडियो वायरल हो गया। घायलों का इलाज चल रहा है, और पुलिस ने बयान दर्ज कर जांच शुरू की है। पुलिस पर निष्क्रियता के भी आरोप लगे हैं।

बाड़मेर जिले के सदर थाना क्षेत्र के सरणू चिमनजी गांव में बुधवार को जमीनी विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। दो पक्षों के बीच हुए इस विवाद में एक पक्ष ने सरपंच इंद्र सिंह और उनके परिवार पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिसमें एक बुजुर्ग महिला सहित तीन लोग घायल हो गए। सभी घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें मारपीट की गंभीरता साफ दिखाई दे रही है।
घायल रेखाराम ने बताया कि उनकी जमीन, जो गांव पोटलियासर में है, पर पहले से पत्थर बंदी (सीमांकन) की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरपंच इंद्र सिंह के नेतृत्व में नभजी, हिंदू सिंह और 10-20 लोगों ने जेसीबी और ट्रैक्टर के साथ उनकी जमीन पर जबरन चीण (पत्थर) खड़ी करने की कोशिश की। रेखाराम के मुताबिक, उनके परिवार में डेथ (मृत्यु) के कारण वे उस समय वहां मौजूद नहीं थे। इस दौरान हमलावरों ने उनकी बुजुर्ग मां और अन्य महिलाओं पर लाठी-डंडों से हमला किया। जब रेखाराम और उनकी भाभी बचाव के लिए पहुंचे, तो उन्हें भी मारपीट का शिकार होना पड़ा।
रेखाराम ने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और केवल मौके का मुआयना करके चली गई। इस बीच, हमलावरों ने पहले से लगी चीणें तोड़ दीं और जमीन पर कब्जे की कोशिश की।
सदर थाने के एसआई ओमप्रकाश और पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचे और घायलों के बयान दर्ज किए। पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। वायरल वीडियो और घायलों के बयानों के आधार पर पुलिस अब दोनों पक्षों की शिकायतों की गहन पड़ताल कर रही है। गांव में तनाव का माहौल है, और पुलिस स्थिति पर नजर रख रही है।
यह घटना एक बार फिर जमीनी विवादों की संवेदनशीलता को उजागर करती है, जो राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में अक्सर हिंसक रूप ले लेते हैं।