कोटा-दौसा हाइवे पर बारिश के कहर के बाद सड़कों की बदहाली.
एक बार की बारिश ने कोटा-दौसा मेगा स्टेट हाइवे को मानो मटियामेट कर दिया! सड़कें टूटीं, गड्ढों ने वाहन चालकों की नाक में दम किया, और जलभराव ने जाम का तमाशा बना दिया। बूंदी के इंद्रगढ़ और बाबई में हालात बदतर, जहां सड़कें धंस गईं और यातायात ठप हो गया। दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा, और स्थानीय लोग प्रशासन से मरम्मत की गुहार लगा रहे हैं। क्या एक बारिश इस हाइवे की सच्चाई उजागर कर गई?

कोटा-दौसा मेगा स्टेट हाइवे, जो राजस्थान के प्रमुख मार्गों में से एक है, हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बारिश के पानी ने इस हाइवे पर ऐसा कहर बरपाया कि सड़कें जगह-जगह टूट गईं, गड्ढों ने वाहन चालकों की मुश्किलें बढ़ा दीं, और कई स्थानों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। खासकर बूंदी जिले के इंद्रगढ़ और बाबई के आसपास के क्षेत्रों में सड़क की स्थिति इतनी खराब हो गई कि यह देखकर लगता है मानो मशीनों से सड़क को जानबूझकर तोड़ा गया हो।
बारिश का प्रभाव और सड़कों की स्थिति
पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के कोटा संभाग में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोटा-दौसा मेगा स्टेट हाइवे पर बूंदी के इंद्रगढ़ के पास सड़क का एक बड़ा हिस्सा बारिश के पानी के तेज बहाव से धंस गया। कई किलोमीटर तक सड़क पर गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिससे वाहनों का आवागमन लगभग असंभव हो गया है। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क की हालत इतनी खराब है कि भारी वाहनों के साथ-साथ हल्के वाहनों को भी चलाना जोखिम भरा हो गया है।
इसके अलावा, कोटा संभाग की करीब 1000 किलोमीटर सड़कें भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें कोटा-दौसा मेगा हाइवे भी शामिल है। सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) ने इन सड़कों की मरम्मत के लिए 750 करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई है, लेकिन अभी तक मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं।
यातायात और जनजीवन पर असर
भारी बारिश के कारण हाइवे पर कई जगहों पर जलभराव और कीचड़ की स्थिति बन गई है, जिससे लंबा जाम लग रहा है। खासकर माखिदा तिराहे जैसे व्यस्त चौराहों पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं, और यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इसके अलावा, हाइवे पर आवारा पशुओं की मौजूदगी और सड़कों की खराब स्थिति ने दुर्घटनाओं का खतरा और बढ़ा दिया है। हाल ही में बूंदी जिले के लाखेरी थाना क्षेत्र में कोटा-दौसा मेगा हाइवे पर दो ट्रकों की टक्कर में तीन लोगों की मौत और दो के गंभीर रूप से घायल होने की दुखद घटना भी सामने आई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। पुलिस और प्रशासनिक टीमें सड़कों से मलबा हटाने और यातायात को सुचारू करने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि बारिश के मौसम से पहले सड़कों की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण एक ही बारिश में सड़कें इस कदर बर्बाद हो गईं। लोग प्रशासन से इस हाइवे पर भारी वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण, ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाने और सड़कों की तत्काल मरम्मत की मांग कर रहे हैं।
अन्य प्रभावित क्षेत्र और चुनौतियां
कोटा संभाग में बारिश का असर केवल कोटा-दौसा हाइवे तक सीमित नहीं है। नीमच-कोटा हाइवे पर भी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यातायात बंद हो गया था। मंदसौर जिले में ब्राह्मणी और ताल नदी के उफान पर होने से कई गांवों का संपर्क कट गया। इसके अलावा, कोटा के दरा नेशनल हाइवे पर भी जलभराव और फिसलन के कारण भारी जाम की स्थिति बनी थी।
कोटा-दौसा मेगा स्टेट हाइवे पर बारिश ने जो कहर ढाया है, उसने न केवल सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रशासन की तैयारियों की पोल भी खोल दी है। एक बार की बारिश ने इस महत्वपूर्ण हाइवे को इस कदर तबाह कर दिया कि यात्री और स्थानीय लोग भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन को तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि सड़कों की मरम्मत हो सके और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।