खाटूश्याम में बनेगा भव्य मंदिरनुमा रेलवे स्टेशन, रींगस-खाटू रेल लाइन के लिए 115 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहण की तैयारी.

खाटूश्याम के श्याम भक्तों के लिए खुशखबरी! रींगस से खाटू तक 17.49 किमी की नई रेल लाइन बिछेगी, जिसके लिए 254 करोड़ रुपये की लागत से 115 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। अगले महीने से शुरू होगा काम, और जल्द ही मंदिरनुमा भव्य रेलवे स्टेशन बनेगा, जहां श्याम कथा की आकृतियां और शेखावाटी शैली की पेंटिंग्स भक्तों का मन मोहेंगी। स्टेशन के सामने होगा खूबसूरत पार्क, और रेल लाइन से दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से सीधी कनेक्टिविटी! मार्च 2026 तक प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद, जिससे धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम।

Aug 8, 2025 - 14:02
खाटूश्याम में बनेगा भव्य मंदिरनुमा रेलवे स्टेशन, रींगस-खाटू रेल लाइन के लिए 115 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहण की तैयारी.

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर, जो बाबा श्याम के भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है, अब जल्द ही रेल मार्ग से सीधे जुड़ने वाला है। रेल मंत्रालय ने रींगस से खाटूश्यामजी तक 17.49 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए 254 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना से लाखों श्याम भक्तों को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी, खासकर बुजुर्गों और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा विशेष रूप से लाभकारी होगी।

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया

इस रेल लाइन के निर्माण के लिए 115 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि पहले 99 हैक्टेयर जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव था। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अगले महीने से शुरू होने की उम्मीद है, जिसमें रींगस, कोटड़ी धायलान, चारणवास, पीरावली, देवीपुरा, लांपुवा, तपीपल्या, आभावास, कैरपुरा और खाटूश्यामजी जैसे गांवों की जमीन शामिल होगी। रेल मंत्रालय ने 8 अगस्त 2024 को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मॉडल के तहत टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। 

मंदिरनुमा रेलवे स्टेशन का डिजाइन

खाटूश्यामजी में बनने वाला रेलवे स्टेशन मंदिर की थीम पर आधारित होगा, जो श्याम भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा। स्टेशन का निर्माण चारण मैदान से 100 मीटर दूर केरपुरा-लामियां रोड के पास किया जाएगा। स्टेशन का प्रवेश द्वार खाटूश्यामजी मंदिर के गुंबद की तरह डिजाइन किया जाएगा, जिसमें शेखावाटी क्षेत्र की सांस्कृतिक पेंटिंग्स और श्याम कथा से संबंधित आकृतियां स्टेशन को और आकर्षक बनाएंगी। स्टेशन के सामने एक बड़ा पार्क भी विकसित किया जाएगा, जो यात्रियों को सुकून भरा माहौल प्रदान करेगा। 

 रेल लाइन की विशेषताएं

17.49 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर तीन लूप लाइनें बनाई जाएंगी, जो मुख्य रेल लाइन के साथ 750 मीटर लंबी सहायक लाइनें होंगी। ये लूप लाइनें ट्रेनों के संचालन को और सुगम बनाएंगी। रेल लाइन के रास्ते में पड़ने वाले गांवों की सड़कों के लिए अंडरपास का निर्माण किया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन में कोई असुविधा न हो। परियोजना को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद खाटूश्यामजी दिल्ली, मुंबई, सूरत, कोलकाता, हैदराबाद और अन्य प्रमुख शहरों से सीधे रेल मार्ग से जुड़ जाएगा।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं

वर्तमान में खाटूश्यामजी मंदिर जाने वाले भक्तों को रींगस रेलवे स्टेशन पर उतरना पड़ता है, जो मंदिर से लगभग 17 किलोमीटर दूर है। इसके बाद श्रद्धालु बस, कार या अन्य साधनों से मंदिर पहुंचते हैं। नई रेल लाइन के बनने से यह सड़क यात्रा की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। रेल मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 43 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इसके अलावा, खाटूश्यामजी से सालासर और सुजानगढ़ तक रेल लाइन विस्तार की योजना पर भी काम चल रहा है, जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इस विस्तार पर अनुमानित 1800 करोड़ रुपये की लागत आएगी। 

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

खाटूश्यामजी मंदिर में हर साल करीब एक करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, खासकर फाल्गुन महीने में आयोजित लक्खी मेले के दौरान 30-40 लाख भक्तों की भीड़ होती है। नई रेल लाइन और स्टेशन के निर्माण से धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत खाटूधाम के विकास के लिए 40.08 करोड़ रुपये और हाल ही में 87.87 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही, राजस्थान सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर खाटूश्यामजी कॉरिडोर विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इन योजनाओं से मंदिर परिसर, दर्शन व्यवस्था, साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं का विकास होगा।

स्थानीय विरोध और समाधान

रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर कुछ गांवों में किसानों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि प्रस्तावित मार्ग में बदलाव के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है। हालांकि, रेल मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। किसानों की मांगों का सकारात्मक समाधान निकालने के लिए रेल मंत्री से चर्चा की जा रही है। 

रींगस-खाटूश्यामजी रेल लाइन और मंदिरनुमा रेलवे स्टेशन का निर्माण बाबा श्याम के भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना न केवल यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि खाटूश्यामजी को विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में और मजबूत करेगी। अगले कुछ वर्षों में यह रेल लाइन और स्टेशन श्याम भक्तों के लिए आस्था और सुविधा का नया प्रतीक बनकर उभरेगा।