रस्साकशी में डांगा को दी मात, झाड़ू से किया वार: नागौर में ज्योति मिर्धा का डबल शो ऑफ पावर

नागौर में ज्योति मिर्धा ने रस्साकशी में विधायक रेवंतराम डांगा को हराया और स्वच्छता अभियान चलाकर सियासी संदेश दिया। यह घटनाक्रम आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकता है।

Sep 22, 2025 - 18:11
रस्साकशी में डांगा को दी मात, झाड़ू से किया वार: नागौर में ज्योति मिर्धा का डबल शो ऑफ पावर

राजस्थान की राजनीति में नागौर एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने न केवल पारंपरिक खेल रस्साकशी में जीत हासिल की, बल्कि शहर की सड़कों पर झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया। इस डबल धमाके ने न सिर्फ स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों के लिए सियासी माहौल को और गर्म कर दिया।

रस्साकशी में मिर्धा की धमाकेदार जीत

21 सितंबर को नागौर में आयोजित एक सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक राजस्थानी खेल ‘रसा कक्सी’ (रस्साकशी) का आयोजन हुआ। इस मुकाबले में डॉ. ज्योति मिर्धा ने खींवसर के विधायक रेवंतराम डांगा को चुनौती दी। खेल के दौरान मिर्धा ने रस्सी को मजबूती से थामे रखा, जबकि डांगा संतुलन खोकर गिर पड़े। यह नजारा देखकर वहां मौजूद भीड़ में हंसी और तालियों की गूंज उठी। जीत के बाद मिर्धा ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “चाहे सियासत हो या खेल, जीत के लिए रस्सी को मजबूती से पकड़ना जरूरी है।” इस जीत को भाजपा समर्थकों ने उत्साह के साथ प्रचारित किया, जबकि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के कार्यकर्ताओं ने इसे हल्के में लिया।

झाड़ू अभियान: स्वच्छता के साथ सियासी तंज

रस्साकशी में जीत के तुरंत बाद डॉ. मिर्धा ने नागौर की गलियों में झाड़ू थामकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। इस प्रतीकात्मक कदम के जरिए उन्होंने न केवल शहरवासियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया, बल्कि एक गहरा सियासी संदेश भी दिया। मिर्धा ने कहा, “नागौर का असली विकास तभी संभव है, जब हमारा शहर साफ-सुथरा हो। स्वच्छता ही प्रगति की पहली सीढ़ी है।” यह अभियान न सिर्फ सामाजिक स्तर पर चर्चा का विषय बना, बल्कि इसे आरएलपी नेता हनुमान बेनीवाल के खिलाफ अप्रत्यक्ष तंज के रूप में भी देखा जा रहा है, जिन्हें हाल के उपचुनाव में खींवसर सीट पर हार का सामना करना पड़ा था।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ घटनाक्रम

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। भाजपा समर्थकों ने इसे ‘विकास और स्वच्छता’ की जीत करार दिया, जबकि आरएलपी समर्थकों ने इसे महज एक ‘राजनीतिक नाटक’ बताया। एक ट्वीट में भाजपा कार्यकर्ता ने लिखा, “डॉ. ज्योति मिर्धा ने न सिर्फ खेल के मैदान में, बल्कि स्वच्छता के मैदान में भी बाजी मारी। यह है असली नेतृत्व!” वहीं, एक आरएलपी समर्थक ने जवाब में लिखा, “यह सब दिखावा है, जनता असली मुद्दों पर ध्यान देती है।”

नागौर की सियासत में नया रंग

नागौर लंबे समय से राजस्थान की राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। हाल ही में खींवसर उपचुनाव में रेवंतराम डांगा ने हनुमान बेनीवाल को हराकर सुर्खियां बटोरी थीं। लेकिन अब मिर्धा की रस्साकशी जीत और स्वच्छता अभियान ने नया सियासी समीकरण बनाया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटनाक्रम आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों में मतदाताओं की सोच को प्रभावित कर सकता है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “मिर्धा का यह कदम न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि यह दिखाता है कि वे जनता के बीच अपनी सक्रियता और प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।”

मिर्धा का संदेश: साफ-सुथरी सियासत की जरूरत

डॉ. ज्योति मिर्धा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “यह सिर्फ एक खेल या अभियान नहीं है, बल्कि नागौर की जनता के लिए एक संदेश है। लोग अब नकारात्मक और जातिवादी राजनीति से ऊब चुके हैं। वे साफ-सुथरी और विकासोन्मुखी सियासत चाहते हैं।” उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .