साइक्लोन’ का तूफान: आईजी विकास कुमार सिंह और उनकी टीम ने 400 दिनों में 101 कार्रवाइयों से लिखी रियल हीरोगिरी की दास्तां
जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार सिंह के नेतृत्व में साइक्लोन टीम ने 400 दिनों में 101 बड़ी कार्रवाइयां कर इतिहास रचा। पेपर लीक माफियाओं, नशा तस्करों और हार्डकोर अपराधियों पर नकेल कसने के साथ-साथ, रियाण में अफीम-डोडा की मनुहार पर रोक और सामाजिक जागरूकता जैसे नवाचार किए। ऑपरेशन लल्लनटॉप, नश्वर जैसे यूनिक अभियानों ने अपराधियों में खौफ पैदा किया और जनता में विश्वास जगाया। यह उपलब्धि राजस्थान पुलिस और जोधपुर संभाग के लिए गर्व का विषय है।

फिल्मी अंदाज में शुरू हुआ अपराधियों के अंत का सफर, जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार सिंह और उनकी साइक्लोन टीम ने महज 400 दिनों में 101 बड़ी कार्रवाइयों का आंकड़ा छूकर इतिहास रच दिया। देश के हर कोने से बदमाशों को ढूंढ-ढूंढकर सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली इस टीम ने न सिर्फ अपराधियों में खौफ पैदा किया, बल्कि सामाजिक सुधारों और नवाचारों के जरिए समाज में नई उम्मीद जगाई। आईजी विकास और उनकी टीम को आज जोधपुर संभाग ही नहीं, बल्कि पूरा देश ‘रियल हीरो’ के रूप में सलाम कर रहा है।
साइक्लोन का उदय: अपराध के खिलाफ एक तूफान
जब आईजी विकास कुमार सिंह ने जोधपुर रेंज की कमान संभाली, तो उन्होंने अपराधियों को साफ संदेश दिया—‘अब न भागने की जगह बचेगी, न छिपने की।’ उनके नेतृत्व में गठित साइक्लोन टीम ने ऑपरेशन लल्लनटॉप, ऑपरेशन टटपुंजिया, ऑपरेशन डॉक्टर फिक्सिट और ऑपरेशन नश्वर जैसे यूनिक कोडनेम वाले अभियानों के जरिए अपराधियों के होश उड़ा दिए। ड्रोन, खुफिया निगरानी और सोशल मीडिया की ताकत से लैस यह टीम किसी सुपरहीरो स्क्वॉड से कम नहीं। पुणे से लेकर मणिपुर तक, हर उस ठिकाने को खंगाला गया, जहां अपराधी छिपे थे।
पेपर लीक माफियाओं का अंत
रीट-2021 और SI भर्ती पेपर लीक जैसे सनसनीखेज मामलों में शामिल मास्टरमाइंड्स को साइक्लोन टीम ने बख्शा नहीं। ओमप्रकाश ढाका, किरण जाट और भंवरी बिश्नोई जैसे शातिर अपराधी, जो लंबे समय से फरार थे, अब जेल की सलाखों के पीछे हैं। इन कार्रवाइयों ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में विश्वास बहाल किया, बल्कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का संदेश भी दिया।
नशे के सौदागरों पर नकेल
जोधपुर रेंज में नशे के कारोबार को जड़ से उखाड़ने के लिए साइक्लोन टीम ने ऑपरेशन नश्वर जैसे अभियान चलाए। 30,000 रुपये के इनामी तस्कर नरेंद्र कुमार बिश्नोई और 40,000 रुपये के इनामी स्वरूप सिंह को गिरफ्तार कर नशे के नेटवर्क को ध्वस्त किया। स्वरूप सिंह को तो होली के बाद तस्करी शुरू करने की योजना बनाते हुए मंदिर में मन्नत मांगते वक्त दबोचा गया। यह कार्रवाइयां नशे के खिलाफ सख्त रुख का प्रतीक बनीं।
हार्डकोर अपराधियों में दहशत
1 लाख रुपये के इनामी तस्कर हनुमान उर्फ लादेन, जो दो देशों और छह राज्यों में नेटवर्क चला रहा था, को 20 फीट ऊंची दीवार कूदकर पकड़ा गया। ऑपरेशन रेड प्रेयरी में 50,000 रुपये के इनामी भजनलाल धोरीमन्ना और रूपाराम सेड़वा जैसे कुख्यात बदमाश भी साइक्लोन के हत्थे चढ़े। इन कार्रवाइयों ने अपराधियों में इस कदर खौफ पैदा किया कि कई बदमाश आईजी विकास के तबादले की अफवाहों पर कान लगाए बैठे थे।
सामाजिक सुधारों की अनुकरणीय पहल
आईजी विकास कुमार सिंह ने सिर्फ अपराध नियंत्रण ही नहीं, बल्कि सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए भी अनुकरणीय कदम उठाए। रियाण में अफीम और डोडा चूरा की मनुहार पर रोक लगाने की उनकी पहल ने सामाजिक जागरूकता को नई दिशा दी। इस अभियान के तहत गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें ग्रामीणों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। इसके अलावा, सामाजिक कार्यक्रमों के जरिए पुलिस और जनता के बीच विश्वास का सेतु बनाया गया। साइक्लोन टीम ने स्कूलों और कॉलेजों में जाकर युवाओं को नशे और अपराध से दूर रहने की प्रेरणा दी।
यूनिक ऑपरेशनों के नाम, फिल्मी अंदाज
साइक्लोन टीम के ऑपरेशनों के नाम इतने यूनिक और आकर्षक हैं कि वे जनता के बीच चर्चा का विषय बन गए। ऑपरेशन लल्लनटॉप से लेकर ऑपरेशन डीप ब्लू तक, हर अभियान का नाम न केवल पुलिस की रणनीति को दर्शाता है, बल्कि जनता में उत्साह भी जगाता है। सोशल मीडिया पर इन ऑपरेशनों की कहानियां वायरल हुईं, और लोग आईजी विकास और उनकी टीम को ‘रियल लाइफ हीरो’ कहकर पुकारने लगे।
400 दिन, 101 कार्रवाइयां: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
महज 400 दिनों में 101 बड़ी कार्रवाइयां पूरी करना किसी चमत्कार से कम नहीं। पेपर लीक माफियाओं, नशे के सौदागरों और हार्डकोर अपराधियों सहित 100 से अधिक बदमाशों को गिरफ्तार किया गया। ड्रोन, फर्जी कॉल ट्रेसिंग और कमांडो-शैली की रणनीतियों के साथ साइक्लोन टीम ने पुलिसिंग को नया आयाम दिया। आईजी विकास ने अपने आवास पर बने विशेष कार्यालय से हर ऑपरेशन की बारीकी से निगरानी की, जिससे हर अभियान को अभूतपूर्व सफलता मिली।
जनता का हीरो, पुलिस का गर्व
साइक्लोन टीम की कार्रवाइयों ने जोधपुर संभाग को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत नींव रखी है। सोशल मीडिया पर जनता ने इसे “फिल्मी हीरोगिरी का धरातल पर उतरना” करार दिया। नशे के खिलाफ अभियान, सामाजिक सुधार और अपराधियों पर सख्ती ने जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना जगाई है।
आईजी विकास कुमार सिंह और उनकी साइक्लोन टीम ने न केवल अपराधियों को सबक सिखाया, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की मिसाल भी कायम की। यह जोधपुर रेंज के लिए गर्व का पल है, और राजस्थान पुलिस के लिए एक प्रेरणा, जो दर्शाती है कि सच्चा हीरो वही है, जो समाज के लिए जीता है और अपराध के खिलाफ डटकर लड़ता है।
जय हिंद, जय साइक्लोन!