जोधपुर मंडी हड़ताल: पांचवें दिन भी जोरदार प्रदर्शन जारी, 0.5% टैक्स के खिलाफ व्यापारियों का आक्रोश.
जोधपुर की राजमाता विजयाराजे कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पांचवें दिन भी जारी है। राजस्थान सरकार के 0.5% नए मंडी टैक्स के विरोध में 14 अगस्त 2025 से शुरू हुआ यह आंदोलन अब उग्र रूप ले चुका है। मंडोर मंडी व्यापार संघ के नेतृत्व में व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। टैक्स से किसानों और छोटे व्यापारियों पर पड़ रहे वित्तीय बोझ के खिलाफ यह हड़ताल मंडी को ठप कर रही है, जिसका असर बाबा रामदेव मेले के रसोड़ों तक पहुंचा है। व्यापारी टैक्स वापसी और परामर्श की मांग कर रहे हैं, और आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं।

जोधपुर की राजमाता विजयाराजे कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल पांचवें दिन भी पूरे जोश के साथ जारी है। राजस्थान सरकार द्वारा लागू 0.5% नए मंडी टैक्स के विरोध में 14 अगस्त 2025 से शुरू हुआ यह आंदोलन अब एक बड़े जनांदोलन का रूप ले चुका है। मंडोर मंडी व्यापार संघ के अध्यक्ष राजेंद्र परिहार और सचिव धर्मेंद्र भंडारी के नेतृत्व में सैकड़ों व्यापारी जोधपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने की तैयारी की। इस हड़ताल ने न केवल स्थानीय व्यापार को ठप कर दिया है, बल्कि बाबा रामदेव मेले जैसे आयोजनों पर भी असर डाला है।
टैक्स के खिलाफ उबाल: हड़ताल का कारण
राज्य सरकार ने मंडी और उप-मंडी यार्ड में गैर-अधिसूचित कृषि उपज और खाद्य उत्पादों पर प्रति 100 रुपये पर 0.50 पैसे का अतिरिक्त यूजर चार्ज लगाया है। व्यापारियों का कहना है कि यह टैक्स छोटे व्यापारियों और किसानों पर भारी वित्तीय बोझ डाल रहा है। उनका आरोप है कि सरकार ने बिना किसी चर्चा या परामर्श के यह फैसला थोपा, जो उनकी आजीविका के लिए खतरा बन गया है। इस टैक्स से न केवल व्यापारियों की लागत बढ़ रही है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बढ़ती कीमतों का सामना करना पड़ सकता है।
पांचवें दिन का प्रदर्शन: कलेक्ट्रेट पर हुंकार
पांचवें दिन व्यापारियों ने जोधपुर कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। नारेबाजी और बैनरों के साथ व्यापारियों ने अपनी मांग को बुलंद किया कि सरकार इस टैक्स को तुरंत वापस ले। मंडी व्यापार संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन तैयार किया, जिसमें टैक्स हटाने के साथ-साथ भविष्य में मंडी नीतियों पर व्यापारियों के साथ परामर्श की मांग की गई है। प्रदर्शन में शामिल व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
मंडी ठप, मेले पर संकट
हड़ताल के कारण मंडी में व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। इसका असर जोधपुर के आर्थिक परिदृश्य के साथ-साथ बाबा रामदेव मेले पर भी पड़ रहा है। मेले में लगने वाले रसोड़े (खानपान स्टॉल) प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि मंडी से खाद्य सामग्री की आपूर्ति रुक गई है। यह मेला स्थानीय संस्कृति और व्यापार का अहम हिस्सा है, और हड़ताल के कारण इसकी रौनक फीकी पड़ने की आशंका है। व्यापारियों का कहना है कि यह टैक्स छोटे व्यापारियों और किसानों की कमर तोड़ रहा है, जो पहले ही महंगाई और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
व्यापारियों की मांग और आंदोलन की रणनीति
मंडोर मंडी व्यापार संघ ने स्पष्ट मांग की है कि 0.5% टैक्स को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। इसके साथ ही, वे चाहते हैं कि सरकार भविष्य में मंडी से जुड़े फैसले लेने से पहले व्यापारियों और मंडी समितियों से चर्चा करे। हड़ताल के पांचवें दिन कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान व्यापारियों ने एकजुटता दिखाई और सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन को और व्यापक करने की बात कही। कुछ व्यापारियों ने संकेत दिए कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो सड़क जाम और अन्य बड़े प्रदर्शन किए जा सकते हैं।
व्यापक प्रभाव और चिंताएंयह हड़ताल अब जोधपुर की मंडी तक सीमित नहीं रही। इसका असर पूरे क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ रहा है। किसान अपनी उपज बेचने में असमर्थ हैं, और उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय तक हड़ताल जारी रहने से आर्थिक नुकसान और बढ़ेगा, जिसका असर न केवल व्यापारियों, बल्कि आम जनता पर भी पड़ेगा।
हड़ताल की अनिश्चितकालीन प्रकृति इसे और गंभीर बनाती है। व्यापारी नेताओं ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे पीछे नहीं हटेंगे। दूसरी ओर, प्रशासन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है। जोधपुर के व्यापारी और आम लोग इस बात से चिंतित हैं कि अगर यह गतिरोध जल्द नहीं टूटा, तो इसका आर्थिक और सामाजिक असर और गहरा हो सकता है।
यह आंदोलन न केवल जोधपुर के व्यापारियों की एकजुटता को दर्शाता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि क्या सरकार व्यापारियों की मांगों पर ध्यान देगी और इस टैक्स को वापस लेगी। आने वाले दिन इस आंदोलन की दिशा और सरकार की प्रतिक्रिया को तय करेंगे।