"जोधपुर में 17 सूत्री मांगों के लिए हड़ताल: बैंकों से लेकर डाक तक ठप, कर्मचारियों ने केंद्र सरकार को दी चेतावनी!"
9 जुलाई 2025 को जोधपुर सहित पूरे देश में संयुक्त श्रमिक संगठन ने 17 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल की। जोधपुर में 11,000 कर्मचारियों ने बैंकों, डाक, बीमा, और आयकर विभाग के कार्य ठप किए। प्रमुख मांगों में निजीकरण पर रोक, रोजगार सृजन, रिक्त पदों की भर्ती, आठवां वेतन आयोग, सामाजिक सुरक्षा, और महंगाई नियंत्रण शामिल हैं। सुबह डाक विभाग से रैली निकाली गई, और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई।

9 जुलाई 2025 को जोधपुर सहित पूरे देश में संयुक्त श्रमिक संगठन के बैनर तले बैंकों, बीमा, डाक, और आयकर विभाग के कर्मचारियों ने 17 सूत्री मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया। इस हड़ताल का व्यापक असर राजस्थान के विभिन्न जिलों, विशेष रूप से जोधपुर में देखने को मिला, जहां लगभग 11,000 कर्मचारियों ने कार्य ठप कर विरोध प्रदर्शन किया। जोधपुर में सुबह डाक विभाग से शुरू हुई एक विशाल रैली शहर के विभिन्न हिस्सों से होते हुए निकली, जिसमें कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की।
प्रमुख मांगें:
संयुक्त श्रमिक संगठन ने केंद्र सरकार से निम्नलिखित 17 सूत्री मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है:निजीकरण पर रोक: देश में बढ़ते निजीकरण को तुरंत रोका जाए, विशेषकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा, और डाक सेवाओं में।
रोजगार के अवसर: युवाओं के लिए रोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध कराए जाएं।
रिक्त पदों की भर्ती: सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को शीघ्र भरा जाए।
आठवां वेतन आयोग: आठवें वेतन आयोग का तत्काल गठन किया जाए।
मिनिमम वेज एक्ट: न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत वेतन निर्धारण सुनिश्चित किया जाए।
श्रम कानूनों में बदलाव पर आपत्ति: श्रम कानूनों में प्रस्तावित बदलाव कर्मचारियों के लिए स्वीकार्य नहीं हैं।
सामाजिक सुरक्षा: मजदूरों और कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूत किया जाए।
आवास सुधार: कर्मचारियों के आवास की स्थिति में सुधार किया जाए।
चिकित्सा सुविधाएं: कर्मचारियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।
महिला सुरक्षा: कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
महंगाई पर नियंत्रण: बढ़ती महंगाई पर प्रभावी रोक लगाई जाए।
हड़ताल का प्रभाव:
जोधपुर में इस हड़ताल के कारण सभी प्रमुख बैंकों, बीमा कार्यालयों, डाकघरों, और आयकर विभाग के कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। आम जनता को बैंकिंग सेवाओं, डाक सेवाओं, और अन्य सरकारी कार्यों में भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। शहर के प्रमुख चौराहों पर कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। रैली के दौरान कर्मचारियों ने "हमारी मांगें पूरी करो" और "निजीकरण बंद करो" जैसे नारे लगाए, जिससे शहर में तनावपूर्ण माहौल रहा।
कर्मचारियों का कहना:
संयुक्त श्रमिक संगठन के एक प्रवक्ता ने कहा, "केंद्र सरकार की नीतियां कर्मचारी और मजदूर विरोधी हैं। निजीकरण के कारण नौकरियां खतरे में हैं, और सामाजिक सुरक्षा का अभाव मजदूरों को असुरक्षित बना रहा है। हमारी मांगें जायज हैं, और जब तक इन्हें पूरा नहीं किया जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
"स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जोधपुर प्रशासन ने हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया। हालांकि, रैली और प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, और किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। प्रशासन ने आम जनता से धैर्य बनाए रखने और वैकल्पिक व्यवस्थाओं का उपयोग करने की अपील की।
संयुक्त श्रमिक संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे भविष्य में और बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। संगठन ने अन्य श्रमिक संगठनों और नागरिकों से भी इस मुद्दे पर समर्थन मांगा है।
यह हड़ताल जोधपुर और पूरे देश में कर्मचारियों की एकजुटता और उनकी मांगों की गंभीरता को दर्शाती है। केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह कर्मचारियों की इन जायज मांगों पर ध्यान दे और त्वरित कार्रवाई करे। जोधपुर की जनता और कर्मचारी अब सरकार के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं
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