जैसलमेर में ISI का जासूस पकड़ा: पठान खान ने खोले चौंकाने वाले राज, पाकिस्तान में ली थी ट्रेनिंग
एक पाकिस्तानी जासूस की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। 40 वर्षीय पठान खान, जो करमो की ढाणी, चांधन का निवासी है, को राजस्थान इंटेलिजेंस और केंद्रीय एजेंसियों ने 26 मार्च 2025 को उसके खेत से गिरफ्तार किया था। गुरुवार, 1 मई 2025 को औपचारिक रूप से ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923 के तहत उसकी गिरफ्तारी दर्ज की गई।

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जैसलमेर, राजस्थान के संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्र से एक पाकिस्तानी जासूस की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। 40 वर्षीय पठान खान, जो करमो की ढाणी, चांधन का निवासी है, को राजस्थान इंटेलिजेंस और केंद्रीय एजेंसियों ने 26 मार्च 2025 को उसके खेत से गिरफ्तार किया था। गुरुवार, 1 मई 2025 को औपचारिक रूप से ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923 के तहत उसकी गिरफ्तारी दर्ज की गई। पूछताछ में पठान खान ने कई सनसनीखेज खुलासे किए, जिनसे भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान में जासूसी की ट्रेनिंग और ISI से गहरा नाता
पठान खान ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने 2013 में पहली बार पाकिस्तान की यात्रा की थी, जहां वह अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था। इस दौरान वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के अधिकारियों के संपर्क में आया। मोटी रकम के लालच में उसने पाकिस्तान में जासूसी की विशेष ट्रेनिंग ली। इसके बाद वह भारत लौटा और जैसलमेर के अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में भारतीय सेना की गतिविधियों की संवेदनशील जानकारी ISI को भेजने लगा। उसने सेना के सैन्य अभ्यास, मूवमेंट, और तैनाती से जुड़े वीडियो और फोटो सोशल मीडिया और मोबाइल के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजे।
पठान खान 2013 के बाद भी कई बार पाकिस्तान गया और ISI अधिकारियों से मुलाकात करता रहा। उसने बताया कि उसे हर बार गोपनीय जानकारी साझा करने के बदले मोटी रकम मिलती थी। यह रकम विभिन्न माध्यमों से उसे पहुंचाई जाती थी, जिसने उसे लगातार जासूसी के लिए प्रेरित किया।
भारतीय सिम से हनीट्रैप का जाल
पठान खान की गतिविधियों का सबसे खतरनाक पहलू यह था कि उसने 2019 में पाकिस्तान यात्रा के दौरान ISI को भारतीय सिम कार्ड उपलब्ध करवाए। इन सिम कार्ड्स का उपयोग पाकिस्तानी एजेंट्स भारतीय सैनिकों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए करते थे। महिला अधिकारियों के जरिए सैनिकों को लुभाकर संवेदनशील जानकारी हासिल की जाती थी। इस खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती पेश की है, क्योंकि यह भारतीय सैन्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
खेत से गिरफ्तारी: कैसे चढ़ा इंटेलिजेंस के हत्थे
पठान खान का खेत जैसलमेर के नहरी इलाके में जीरो आरडी-आरडी पर स्थित है। खुफिया एजेंसियों को उसके मोबाइल से पाकिस्तान में लगातार होने वाली बातचीत पर शक हुआ, जिसके बाद उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई। 26 मार्च 2025 की रात करीब 3 बजे, सुरक्षा एजेंसियों और मोहनगढ़ थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उसे उसके खेत से हिरासत में लिया। उसे तुरंत जयपुर ले जाया गया, जहां उसके मोबाइल डेटा की गहन जांच की गई। पठान ने डेटा डिलीट करने की कोशिश की थी, लेकिन एजेंसियों ने इसे रिकवर कर लिया, जिसमें सेना की गतिविधियों से जुड़े वीडियो और फोटो मिले।
जयपुर में संयुक्त पूछताछ और आगे की जांच
जयपुर के सेंट्रल इन्वेस्टीगेशन सेंटर में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों, जिसमें CID, IB, और अन्य खुफिया इकाइयां शामिल हैं, ने पठान खान से गहन पूछताछ की। ADG इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल ने बताया कि पूछताछ अभी जारी है और इससे देश की सुरक्षा से जुड़े कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि पठान खान का और किन-किन लोगों से संपर्क था और उसने अब तक कौन-कौन सी जानकारियां ISI को पहुंचाईं।
जैसलमेर: सामरिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र
जैसलमेर, पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है। यहां भारतीय सेना और BSF की लगातार गतिविधियां होती हैं, और सैन्य अभ्यास नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। पठान खान द्वारा इन गतिविधियों की जानकारी लीक करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा था। उसकी गिरफ्तारी को हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा
पठान खान की गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। कई यूजर्स ने उसे "गद्दार" करार देते हुए सख्त सजा की मांग की है। एक यूजर ने लिखा, "देश के अंदर रहकर दुश्मन की मदद करने वाला कोई भी व्यक्ति माफी के लायक नहीं है।" यह गिरफ्तारी राजस्थान इंटेलिजेंस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।