जैसलमेर से बड़ी खबर: मोहनगढ़ डबल मर्डर केस में पुलिस का बड़ा खुलासा, पंजाब के आरोपी गुरप्रीत सिंह गिरफ्तार
जैसलमेर के मोहनगढ़ में दीपावली की रात हुए व्यापारी और मुनीम के डबल मर्डर में पुलिस ने पंजाब के गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया। लूटी गई अल्टो कार बरामद। एसआईटी ने 600 किमी सीसीटीवी स्कैन कर तीन दिन में सफलता हासिल की।
जैसलमेर, 23 अक्टूबर 2025: राजस्थान के जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र में दीपावली की पवित्र रात को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया था। अनाज व्यापारी और उनके मुनीम की निर्मम हत्या के इस डबल मर्डर केस में जैसलमेर पुलिस ने आज एक बड़ा खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। हत्या के बाद अपराधियों द्वारा लूटी गई अल्टो कार भी पुलिस ने बरामद कर ली है। यह सफलता जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) की अथक मेहनत का नतीजा है, जिसने तीन दिनों और रातों की लगातार जांच के बाद इस सफलता को हासिल किया।
घटना का विवरण: दीपावली की रात रंग लाई खून सेघटना 20 अक्टूबर की रात को मोहनगढ़ थाना क्षेत्र में घटी, जब दीपावली के उत्साह के बीच अचानक सनसनीखेज वारदात ने सबकी नींद उड़ा दी। स्थानीय अनाज व्यापारी ओर मुनीम के साथ दुकान पर थे। अचानक कुछ अज्ञात अपराधी दुकान में घुसे और दोनों पर धारदार हथियारों से हमला बोल दिया। हमलावरों ने न केवल दोनों की हत्या कर दी, बल्कि दुकान से नकदी और अन्य सामान लूट लिया। हत्या के बाद अपराधियों ने व्यापारी की अल्टो कार पर भी कब्जा कर लिया और मौके से फरार हो गए।यह घटना मोहनगढ़ के व्यस्त बाजार क्षेत्र में हुई, जहां दीपावली की रौनक चरम पर थी। सुबह जब दुकान खुलने का समय आया, तो स्थानीय लोगों ने खून से सनी लाशें देखकर चीख-पुकार मचा दी। सूचना मिलते ही मोहनगढ़ थाना पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में पता चला कि हत्या का मकसद लूटपाट ही था, क्योंकि दुकान से हजारों रुपये और अन्य कीमती सामान गायब थे। इस घटना ने न केवल व्यापारियों के बीच दहशत फैला दी, बल्कि पूरे जिले में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए। स्थानीय व्यापारी संगठनों ने पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की थी, क्योंकि यह इलाका पहले से ही अपराध की घटनाओं से जूझ रहा है।
पुलिस की अथक जांच: 600 किलोमीटर का पीछा और तकनीकी सहारा जैसलमेर पुलिस ने इस केस को प्राथमिकता देते हुए तुरंत एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया, जिसका नेतृत्व जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने संभाला। एसआईटी में 50 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल किए गए, जिन्होंने घटना के तुरंत बाद जांच की कमान संभाली। पुलिस ने तकनीकी निगरानी और फील्ड इंटेलिजेंस का सहारा लिया, जिसके तहत पूरे इलाके के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया।जांच के दौरान पुलिस ने 600 किलोमीटर से अधिक दूरी तक फैले सीसीटीवी नेटवर्क को स्कैन किया, जिसमें जैसलमेर से लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों तक के कैमरों को शामिल किया गया। तीन दिनों और रातों तक बिना रुके चली इस जांच में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मौके से मिले साक्ष्यों का विश्लेषण किया, जबकि खुफिया तंत्र ने संदिग्धों की लिस्ट तैयार की। इंटरनेट और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की गई। इन प्रयासों के फलस्वरूप पुलिस को पंजाब की ओर इशारा मिला, जहां से आरोपी गुरप्रीत सिंह की पहचान हुई।आरोपी गुरप्रीत सिंह, जो पंजाब के एक छोटे से कस्बे का निवासी है, पर स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे अपराधों का इतिहास रहा है। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह लूटपाट के इरादे से जैसलमेर आया था और हत्या वारदात में उसकी मुख्य भूमिका थी। पुलिस को शक है कि उसके साथ एक या दो अन्य साथी भी थे, जिनकी तलाश जारी है। लूटी गई अल्टो कार गुरप्रीत के कब्जे से बरामद हुई, जो अपराध के समय इस्तेमाल की गई थी। कार के नंबर प्लेट बदलने का प्रयास अपराधियों ने किया था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज ने उन्हें फंसा दिया।प्रतिक्रियाएं और आगे की कार्रवाईइस खुलासे पर जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने कहा, "हमारी टीम की मेहनत रंग लाई है।
यह सफलता न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाएगी, बल्कि अपराधियों में पुलिस की दहशत भी पैदा करेगी। जांच जारी है और बाकी आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।" स्थानीय व्यापारियों ने पुलिस की तारीफ की, लेकिन साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की मांग दोहराई। मोहनगढ़ में व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि इस घटना के बाद दुकानें रात में जल्दी बंद हो रही हैं और लोग सतर्क हैं।पीड़ित परिवारों ने पुलिस का आभार जताया, लेकिन न्याय की पूरी प्रक्रिया पूरी होने तक उनकी चिंता बरकरार है।
पुलिस ने मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 392 (डकैती) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। गुरप्रीत सिंह को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जा रही है, जिसमें अन्य संलिप्त लोगों के नाम उगलवाने का प्रयास हो रहा है।यह केस जैसलमेर जैसे रेगिस्तानी जिले में बढ़ते अपराधों की ओर इशारा करता है, जहां सीमावर्ती इलाका होने के कारण बाहरी तत्वों की घुसपैठ आसान हो जाती है। पुलिस ने सभी थानों को अलर्ट जारी किया है और सीसीटीवी नेटवर्क को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।