जैसलमेर: पोकरण में नाड़ी में डूबने से चार मासूम भाई-बहनों की दर्दनाक मौत, परिवार में मचा कोहराम

पोकरण के नई मंगोलाई में नाड़ी में डूबने से हजूर खान के चार मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत। परिजनों और ग्रामीणों ने तलाश की, अस्पताल में मृत घोषित, पुलिस जांच शुरू।

Jul 9, 2025 - 22:29
Jul 9, 2025 - 22:35
जैसलमेर: पोकरण में नाड़ी में डूबने से चार मासूम भाई-बहनों की दर्दनाक मौत, परिवार में मचा कोहराम

जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र में बुधवार को एक हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। नई मंगोलाई गांव के पास बनी नाड़ी में खेलते-खेलते चार मासूम भाई-बहनों की डूबने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान अहमद, मोहम्मद, रिजवाना और शहनाज के रूप में हुई है, जो सभी हजूर खान के बच्चे थे। इस घटना ने परिवार पर दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है।जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम ये चारों बच्चे घर के पास खेल रहे थे। खेलते-खेलते वे पास ही स्थित नाड़ी के किनारे पहुंच गए। काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे, तो परिजनों को चिंता हुई और उन्होंने उनकी तलाश शुरू की। देर रात तक खोजबीन के बाद भी बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला। बुधवार सुबह परिजनों और ग्रामीणों ने नाड़ी में तलाश की, जहां चारों बच्चे मृत अवस्था में पाए गए। परिजनों ने तुरंत बच्चों को पोकरण के जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस जिला अस्पताल पहुंची और परिजनों से घटनाक्रम की जानकारी लेना शुरू किया। प्रारंभिक जांच में यह एक हादसा प्रतीत हो रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है।चारों मासूमों में दो लड़के (अहमद और मोहम्मद) और दो लड़कियां (रिजवाना और शहनाज) शामिल थे। एक ही परिवार के चार बच्चों की एक साथ मौत से न केवल परिवार, बल्कि पूरे गांव में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और ग्रामीण उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने नाड़ी के आसपास सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी जगहों पर चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा घेरा होना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके। जैसलमेर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। इस घटना ने एक बार फिर असुरक्षित जलाशयों के खतरों को उजागर किया है, जिस पर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। 

Yashaswani Journalist at The Khatak .