जयपुर में लालच ने बनाया हत्यारा: सब्जीवाले ने ऑनलाइन पेमेंट देख रिटायर्ड अधिकारी की हत्या.

जयपुर के जगतपुरा में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने सबको चौंका दिया। 88 वर्षीय रिटायर्ड कस्टम अधिकारी ओमप्रकाश खोबर अपने फ्लैट में मृत पाए गए, गले पर खरोंच के निशान और मोबाइल गायब। कौन था हत्यारा? चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि अपराधी कोई और नहीं, बल्कि उनका पड़ोसी सब्जीवाला कमलेश था। ऑनलाइन पेमेंट के दौरान बैंक में लाखों रुपये देखकर उसका लालच जागा। 25 जुलाई को उसने चुपके से फ्लैट में घुसकर गला घोंट दिया और 3 लाख रुपये लूट लिए। लेकिन पुलिस की पैनी नजर ने सीसीटीवी और बैंक रिकॉर्ड से कमलेश का राज़ खोल दिया, और वह सलाखों के पीछे पहुंच गया।

Aug 1, 2025 - 12:01
जयपुर में लालच ने बनाया हत्यारा: सब्जीवाले ने ऑनलाइन पेमेंट देख रिटायर्ड अधिकारी की हत्या.

जयपुर के जगतपुरा इलाके में एक सनसनीखेज हत्याकांड ने सभी को झकझोर कर रख दिया। 88 वर्षीय रिटायर्ड कस्टम अधिकारी ओमप्रकाश खोबर की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। हैरानी की बात यह है कि इस वारदात को अंजाम देने वाला कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि उनके अपार्टमेंट के सामने सब्जी बेचने वाला कमलेश कुमार शर्मा था। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और गहन जांच के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में लालच ने एक निर्दोष बुजुर्ग की जान ले ली, जिसके पीछे की कहानी चौंकाने वाली है।

घटना का विवरण

25 जुलाई 2025 की सुबह जयपुर के लोटस विला अपार्टमेंट में रहने वाले ओमप्रकाश खोबर की हत्या की खबर ने इलाके में सनसनी फैला दी। ओमप्रकाश, जो दिल्ली और गुजरात में आयकर विभाग में उच्च पद पर कार्यरत रहे थे, पिछले 14 साल से जयपुर में अकेले रह रहे थे। उनकी बेटी सुषमा के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण उन्होंने जयपुर में स्थायी रूप से रहने का फैसला किया था। 5 जुलाई को ही वे दिल्ली से जयपुर लौटे थे और महीने के अंत में फिर से दिल्ली जाने की योजना बना रहे थे। लेकिन इससे पहले ही उनकी जिंदगी का अंत हो गया।25 जुलाई की रात को पुलिस को सूचना मिली कि लोटस विला अपार्टमेंट में एक बुजुर्ग का शव मिला है। रामनगरिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और देखा कि ओमप्रकाश का शव उनके बेड पर पड़ा था। गले पर खरोंच के निशान थे और उनका मोबाइल फोन गायब था। अगले दिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि उनकी मौत गला दबाने से सांस रुकने के कारण हुई। इसके बाद सुषमा ने हत्या का मामला दर्ज करवाया, और पुलिस ने जांच शुरू की।

जांच में खुलासा: सब्जीवाले का लालच बना हत्या की वजह

पुलिस ने ओमप्रकाश के गायब मोबाइल की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) खंगाली और बैंक खातों की जांच की। जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि हत्या के दिन ओमप्रकाश के बैंक खाते से 3 लाख रुपये की ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हुई थी, जो कमलेश कुमार शर्मा (31) के खाते में ट्रांसफर की गई थी। कमलेश वही सब्जीवाला था, जो अपार्टमेंट के सामने अपनी दुकान लगाता था।पुलिस ने कमलेश को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की। शुरुआत में उसने झूठ बोला, लेकिन जब पुलिस ने बैंक ट्रांजेक्शन, मोबाइल लोकेशन और अपार्टमेंट के सीसीटीवी फुटेज के सबूत सामने रखे, तो वह टूट गया और जुर्म कबूल कर लिया। 

हत्या की साजिश और वारदात

कमलेश ने पुलिस को बताया कि ओमप्रकाश अक्सर उससे सब्जी खरीदते थे और पेमेंट ऑनलाइन करते थे। एक दिन सब्जी खरीदते समय ओमप्रकाश के मोबाइल स्क्रीन पर कमलेश ने उनके बैंक खाते का बैलेंस देख लिया, जिसमें लाखों रुपये थे। यहीं से उसके मन में लालच जागा। उसने चोरी-छिपे ओमप्रकाश के यूपीआई पिन का वीडियो बना लिया। जब ओमप्रकाश सब्जी लेने आए, कमलेश उनके पीछे-पीछे अपार्टमेंट में घुस गया। फ्लैट में अकेले पाकर उसने ओमप्रकाश का गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद वह उनका मोबाइल लेकर फरार हो गया और उसी मोबाइल से 3 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए।

हत्या के बाद की चालाकी

शाम को जब घरेलू नौकरानी राधादेवी काम के लिए ओमप्रकाश के फ्लैट पर पहुंची, तो उसने बेड पर उनका शव देखा और शोर मचाया। अपार्टमेंट के लोग इकट्ठा हो गए और शव को फर्श पर लिटाया गया। हैरानी की बात यह थी कि इस दौरान कमलेश भी मौके पर पहुंच गया और खुद को निर्दोष दिखाने के लिए छोटे-मोटे काम करता रहा। वह भीड़ में शामिल होकर सामान्य व्यवहार करने की कोशिश कर रहा था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। लेकिन पुलिस की तकनीकी जांच ने उसकी सारी चाल नाकाम कर दी। 

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

रामनगरिया थाना के SHO चंद्रभान के नेतृत्व में कॉन्स्टेबल विक्रम और राहुल ने इस मामले की गहन जांच की। मोबाइल सीडीआर, बैंक ट्रांजेक्शन और सीसीटीवी फुटेज जैसे तकनीकी साक्ष्यों ने कमलेश को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने बताया कि कमलेश ने सोचा था कि वह आसानी से बच जाएगा, लेकिन उनकी सतर्कता और सबूतों ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

परिवार का दर्द

ओमप्रकाश की बेटी सुषमा ने बताया कि उनके पिता एक सज्जन और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। वे अकेले रहते थे, लेकिन नियमित रूप से परिवार से संपर्क में रहते थे। सुषमा ने यह भी बताया कि उनके पिता ने जयपुर में शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए दिल्ली छोड़ दिया था, लेकिन इस तरह की घटना उनके लिए असहनीय है।

यह हत्याकांड लालच की उस खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो एक साधारण सब्जीवाले को हत्यारा बना सकती है। जयपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी जांच ने इस मामले को जल्दी सुलझा लिया, लेकिन यह घटना समाज में बढ़ते लालच और अपराध की प्रवृत्ति पर सवाल उठाती है।