"बाड़मेर में पुलिस की बड़ी कामयाबी: 10 महीने की मशक्कत के बाद कुख्यात ड्रग तस्कर रमेश कुमार गिरफ्तार"
बाड़मेर जिले में लंबे इंतजार के बाद बड़ा अपराधी दबोचा गया राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस ने एक कुख्यात नशीले पदार्थों के तस्कर को उसके अंडरग्राउंड जीवन से बाहर खींच लिया है। यह आरोपी, जो डोडा चूरा और पोस्त जैसे प्रतिबंधित मादक द्रव्यों की आपूर्ति करने का मास्टरमाइंड माना जाता है, करीब दस महीनों की कड़ी मशक्कत के बाद जाल में फंस गया। इस सफलता ने स्थानीय प्रशासन को राहत दी है, क्योंकि यह तस्करी नेटवर्क इलाके में युवाओं के बीच नशे की लत को बढ़ावा देने का एक प्रमुख कारण था। घटना का पृष्ठभूमि और गिरफ्तारी की प्रक्रिया बाड़मेर,12 सितंबर :बाड़मेर जो थार मरुस्थल के किनारे बसा एक सीमावर्ती जिला है, हमेशा से नशीले पदार्थों की तस्करी का केंद्र रहा है। यहां की रेतीली जमीन और दूर-दराज के गांव नेटवर्क को छिपाने के लिए आदर्श जगह प्रदान करते हैं। आरोपी, रमेश कुमार पुत्र गेनाराम निवासी डुगेरो का ताला पिछले साल एक बड़े छापे के दौरान फरार हो गया था। उस समय पुलिस को उसके पास से बड़ी मात्रा में डोडा चूरा और पोस्त जब्त हुई थी, जो अफगानिस्तान से भारत की सीमा पार करके राजस्थान पहुंचते हैं। पुलिस की विशेष टीम ने लगातार निगरानी, मुखबिरों की मदद और तकनीकी साधनों का सहारा लिया। दस महीनों तक चली यह कार्रवाई आखिरकार सफल रही, जब आरोपी को जिले के एक छिपे हुए ठिकाने पर दबिश देकर पकड़ा गया। वह इस दौरान नाम बदलकर और अलग-अलग जगहों पर रहकर अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए था। गिरफ्तारी के समय उसके कब्जे से कुछ नकदी, मोबाइल फोन और तस्करी से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए, जो उसके नेटवर्क को और मजबूत करने वाले सबूत साबित हो सकते हैं। आरोपी का आपराधिक इतिहास यह तस्कर कोई नौसिखिया नहीं है। उसके खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज हैं, जिनमें नशीले पदार्थों की बिक्री, परिवहन और वितरण शामिल हैं। डोडा चूरा, जो ओपियम का एक रूप है, और पोस्त, जो अफीम उत्पादन का कच्चा माल है, इनका अवैध व्यापार न केवल कानूनी अपराध है बल्कि सामाजिक बुराई भी। इलाके में यह नेटवर्क स्कूलों और कॉलेजों के आसपास सक्रिय था, जिससे दर्जनों युवा नशे के शिकार हो चुके थे। पुलिस का अनुमान है कि आरोपी का कारोबार लाखों रुपये का था, जो स्थानीय स्तर पर ही नहीं, पड़ोसी जिलों तक फैला हुआ था। पिछले साल की घटना के बाद वह फरार होने के बावजूद अपने साथियों के जरिए सप्लाई चेन को बनाए रख रहा था। अब इस गिरफ्तारी से उसके सहयोगियों पर भी नकेल कसने की उम्मीद है। स्थानीय थाने के अधिकारी ने बताया कि यह ऑपरेशन जिला पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया, जिसमें कई घंटों की घेराबंदी शामिल थी। आरोपी रमेश कुमार पर 10 हजार इनाम रखा हुआ था।
