54 साल बाद देश में लोगों को युद्ध जैसे हालातों के लिए जागरूक करने के लिए होगा मॉक ड्रिल, गृह विभाग ने जारी की एडवाइज़री
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते केंद्र सरकार ने 7 मई 2025 को कई राज्यों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया, जिसमें नागरिकों को युद्ध या हमले की स्थिति में आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले (26 मौतें) के बाद बढ़े तनाव के मद्देनजर उठाया गया है। फिरोजपुर में हाल ही में ब्लैकआउट प्रैक्टिस भी की गई।

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देश के कई राज्यों को 7 मई 2025 को व्यापक स्तर पर नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह कदम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर उठाया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। सरकार का उद्देश्य युद्ध या आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें किसी भी संभावित खतरे के लिए तैयार करना है।
गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को आपात स्थिति में आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करना और देश की सुरक्षा तैयारियों को परखना है। यह अभ्यास 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है, जब युद्ध के दौरान ऐसी मॉक ड्रिल की गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह किसी भी संभावित खतरे के लिए हर स्तर पर तैयारी करना चाहती है।
मॉक ड्रिल में निम्नलिखित प्रमुख गतिविधियां शामिल होंगी:
1. एयर रेड सायरन की टेस्टिंग: हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे, जिनकी आवाज 120-140 डेसिबल तक हो सकती है। ये सायरन साइक्लिक पैटर्न में बजेंगे, ताकि लोग खतरे को समझकर तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर बढ़ सकें।
2. सिविल डिफेंस ट्रेनिंग: आम नागरिकों, छात्रों और कर्मचारियों को हमले की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के तरीके सिखाए जाएंगे। इसमें भीड़ प्रबंधन और अफवाहों से बचने के निर्देश भी शामिल हैं।
3. ब्लैकआउट प्रैक्टिस: हमले के दौरान रोशनी बंद करने की प्रक्रिया का अभ्यास किया जाएगा, जैसा कि हाल ही में पंजाब के फिरोजपुर छावनी में रविवार-सोमवार रात 9:00 से 9:30 बजे तक किया गया था।
4. कैमोफ्लाज की तैयारी: महत्वपूर्ण औद्योगिक और सामरिक ठिकानों को छिपाने की तकनीकों का अभ्यास होगा।
5. इवैक्यूएशन प्लान: आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकालने की योजना को अपडेट और रिहर्सल किया जाएगा।
### पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया तनाव पैदा कर दिया है। इस हमले में 25 पर्यटकों सहित 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाया। सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया और चिनाब नदी पर बगलिहार डैम से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को 90% तक कम कर दिया। इसके अलावा, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने, पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने और पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश जैसे कठोर कदम उठाए गए हैं।
पाकिस्तान को डर है कि भारत पहलगाम हमले का जवाब देने के लिए कड़े कदम उठा सकता है। इस बीच, पाकिस्तान ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।
### पंजाब में ब्लैकआउट प्रैक्टिस: एक शुरुआत
इस मॉक ड्रिल से पहले, पंजाब के फिरोजपुर छावनी में रविवार-सोमवार रात को आधे घंटे के लिए पूर्ण ब्लैकआउट का रिहर्सल किया गया। इस दौरान गांवों और मोहल्लों में बिजली बंद रही, ताकि युद्ध की स्थिति में दुश्मन के हवाई हमलों से बचा जा सके। फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर को लिखे पत्र में छावनी अधिकारियों ने इसे "युद्ध की मौजूदा धमकियों" के मद्देनजर जरूरी बताया।
### नागरिकों के लिए सलाह
गृह मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि 7 मई को सायरन सुनकर घबराएं नहीं, क्योंकि यह केवल एक अभ्यास है। सायरन बजने पर लोग खुले इलाकों से हटकर घरों या सुरक्षित इमारतों में जाएं, सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें और अफवाहों से बचें। असली आपात स्थिति में सायरन बजने के 5-10 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान तक पहुंचना जरूरी होता है।
### विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह मॉक ड्रिल न केवल नागरिकों को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करेगी, बल्कि सिविल डिफेंस इकाइयों के समन्वय को भी मजबूत करेगी। यह सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह हर मोर्चे पर जवाब देने के लिए तैयार है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभ्यास शहरी क्षेत्रों में भीड़ प्रबंधन और अफरा-तफरी रोकने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
### निष्कर्ष
7 मई की मॉक ड्रिल भारत की नागरिक सुरक्षा तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कदम न केवल पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देता है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी मजबूत करता है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने जिस तरह कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चों पर कदम उठाए हैं, उससे साफ है कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।