छठ के बाद बिहार में सियासी रंग,243 सीटों पर 2 चरणों में मतदान.....

बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है! 243 सीटों पर 2 चरणों में वोटिंग—6 और 11 नवंबर को, नतीजे 14 नवंबर को। छठ के 8 दिन बाद शुरू होने वाला यह 40 दिन का सियासी महायुद्ध पारदर्शिता का नया कीर्तिमान बनाएगा। उधर, राजस्थान के अंता उपचुनाव में नरेश मीणा की संभावित एंट्री से सियासत में हलचल! क्या एनडीए फिर जीतेगा या महागठबंधन बाजी मारेगा? 14 नवंबर को होगा फैसला!

Oct 6, 2025 - 18:28
छठ के बाद बिहार में सियासी रंग,243 सीटों पर 2 चरणों में मतदान.....

नई दिल्ली/पटना: भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोमवार शाम 4 बजे आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर होने वाले इस महायुद्ध को दो चरणों में संपन्न किया जाएगा, जो छठ महापर्व के महज 8 दिन बाद शुरू होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर (गुरुवार) को और दूसरे चरण का 11 नवंबर (मंगलवार) को होगा, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर (शुक्रवार) को एक साथ की जाएगी। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए यह चुनाव समय पर ही हो रहे हैं। ईसीआई के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह चुनाव भारत के इतिहास के सबसे पारदर्शी, सुरक्षित और सुगम चुनावों का उदाहरण बनेगा।

40 दिनों की तड़क-भड़क वाली चुनावी जंग: कब-क्या होगा?

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन से लेकर मतगणना तक की पूरी प्रक्रिया ठीक 40 दिनों की होगी, जिसमें हर कदम पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। यहां चरणबद्ध तरीके से पूरी समयसीमा का विवरण है:24 अक्टूबर 2025: मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन। ईसीआई ने पहले ही जून 2025 में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की अधिसूचना जारी की थी, जिसमें सभी मतदाताओं को फॉर्म भरकर अपनी डिटेल्स अपडेट करनी थीं। अब तक 14 लाख नए युवा मतदाता जुड़े हैं, जो चुनाव को और रोमांचक बनाएंगे। 

25 अक्टूबर से 1 नवंबर 2025: उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया। पहले चरण के लिए नामांकन जमा करने की अंतिम तारीख 1 नवंबर होगी। नामांकन पत्रों की जांच 4 नवंबर को होगी।

5 नवंबर 2025: नाम वापसी की अंतिम तारीख। इस दिन तक उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी वापस ले सकते हैं, जिससे अंतिम प्रत्याशी सूची तय हो जाएगी।

6 नवंबर 2025 (पहला चरण): 243 सीटों में से लगभग आधी सीटों पर वोटिंग। ईसीआई ने रंगीन नक्शा जारी किया है, जिसमें पीले रंग से चिह्नित क्षेत्र पहले चरण के हैं। यह चरण छठ पूजा के ठीक बाद होने से मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि पार्टियां लंबे समय से पोस्ट-छठ मतदान की मांग कर रही थीं।

11 नवंबर 2025 (दूसरा चरण): बाकी सीटों पर मतदान। गुलाबी रंग से चिह्नित क्षेत्रों में वोटिंग होगी। कुल मिलाकर, 38 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं।

14 नवंबर 2025: सभी चरणों के वोटों की एक साथ गिनती। नतीजों के साथ ही नई सरकार गठन की दौड़ शुरू हो जाएगी।

ईसीआई ने बताया कि चुनाव के लिए 500 से अधिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियां तैनात की गई हैं, जो 5,000 से ज्यादा जवान हैं। मतदाताओं से अपील की गई है कि वे अपनी वोटर आईडी चेक करें और यदि नाम न हो तो बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) से संपर्क करें। सीईओ बिहार वेबसाइट और सी-विजिल ऐप के जरिए शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं।

सियासी दलों की प्रतिक्रियाएं: एनडीए का दावा, विपक्ष की चेतावनी

चुनावी बिगुल बजते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एनडीए सरकार बिहार को 'जंगल राज' से मुक्ति दिलाएगी और विकास की गति को तेज करेगी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भरोसा जताया कि एनडीए को 2/3 बहुमत मिलेगा। वहीं, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 2020 के चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि महागठबंधन फिर सत्ता में लौटेगा। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने ईसीआई से निष्पक्ष चुनाव की अपील की। आम आदमी पार्टी (आप) ने भी 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है।पिछले 2020 चुनावों में तीन चरणों में हुए मतदान के दौरान एनडीए (भाजपा-43, जेडीयू-74) ने 125 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन (आरजेडी-75, कांग्रेस-19, वामपंथी-16) को 110 मिलीं। इस बार कोविड जैसी महामारी न होने से मतदान सुगम होगा, लेकिन वोटर लिस्ट विवाद (जैसे तेजस्वी का नाम हटाने का आरोप, जो ईसीआई ने खारिज किया) अभी भी चर्चा में है।

राजस्थान का अंता उपचुनाव: नरेश मीणा की संभावित एंट्री से सस्पेंस!

उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईसीआई ने राजस्थान सहित सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखें भी घोषित कीं। राजस्थान की अंता (बारां जिला) सीट पर उपचुनाव 11 नवंबर को ही होगा, जो बिहार के दूसरे चरण से टकराएगा। भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को मई 2025 में एसडीएम को पिस्टल दिखाने के मामले में तीन साल की सजा और अयोग्य घोषित होने के बाद यह सीट खाली हुई। सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिव्यू पिटीशन लंबित है, लेकिन उपचुनाव तय माना जा रहा है।सियासी गलियारों में कांग्रेस विद्रोही नरेश मीणा का नाम जोर-शोर से चर्चा में है। 2023 में छबड़ा से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में 44,000 वोट हासिल करने वाले नरेश (जो 2024 में देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोप में जेल गए थे) अंता से मैदान संभाल सकते हैं। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया जैसे कांग्रेसी नेता भी दावेदारी कर रहे हैं। अंता में 2,26,227 मतदाता हैं (1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिला), और पोलिंग बूथ 247 से बढ़ाकर 268 कर दिए गए हैं। वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 1 अक्टूबर को हो चुका है।

ईसीआई ने सभी उपचुनावों के लिए भी वही सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। बिहार और अंता दोनों चुनावों से लोकतंत्र की परीक्षा होगी, जहां युवा वोटर और महिलाओं की भागीदारी निर्णायक साबित हो सकती है।