पुरुषों की सेहत का छिपा खतरा: जो बाइडेन को हुआ प्रोस्टेट कैंसर, जानें लक्षण, जांच और बचाव
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को अग्रेसिव प्रोस्टेट कैंसर हुआ है, जो हड्डियों तक फैल चुका है। भारत में हर साल 33,000-42,000 नए मामले सामने आते हैं, जिसके लिए समय पर स्क्रीनिंग और जागरूकता जरूरी है।

हाल ही में खबर आई है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर का पता चला है। यह कैंसर अग्रेसिव स्टेज में है और उनकी हड्डियों तक तेजी से फैल रहा है। यह खबर न केवल उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता पैदा करती है, बल्कि प्रोस्टेट कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक मौका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, साल 2020 में दुनियाभर में प्रोस्टेट कैंसर के 14 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए थे, और यह संख्या हर साल बढ़ रही है। भारत में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है, जिसके बारे में जागरूकता और समय पर जांच बेहद जरूरी है।
प्रोस्टेट कैंसर क्या है?
प्रोस्टेट पुरुषों में पाई जाने वाली एक छोटी ग्रंथि है, जो मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने होती है। यह ग्रंथि वीर्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब इस ग्रंथि की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो इसे प्रोस्टेट कैंसर कहते हैं। यह कैंसर शुरुआती चरणों में बिना लक्षणों के हो सकता है, लेकिन उन्नत चरणों में यह हड्डियों और अन्य अंगों तक फैल सकता है, जैसा कि जो बाइडेन के मामले में देखा गया है।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती चरणों में अक्सर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, यही कारण है कि नियमित स्क्रीनिंग जरूरी है। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
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पेशाब से संबंधित समस्याएं: बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में, पेशाब में रुकावट, कमजोर धार, या पेशाब करने में दर्द।
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खून का दिखना: पेशाब या वीर्य में खून आना।
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हड्डियों में दर्द: खासकर कमर, कूल्हों या जांघों में लगातार दर्द, जो कैंसर के हड्डियों तक फैलने का संकेत हो सकता है।
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जननांगों में दर्द: प्रोस्टेट क्षेत्र में असहजता या दर्द।
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थकान और कमजोरी: अस्पष्ट थकान, वजन कम होना, या भूख में कमी।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग टेस्ट
यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ यूरोलॉजी कांग्रेस में प्रस्तुत एक स्टडी के अनुसार, जो पुरुष नियमित स्क्रीनिंग नहीं कराते, उनमें प्रोस्टेट कैंसर से मृत्यु का जोखिम 45% तक बढ़ जाता है। स्क्रीनिंग से शुरुआती चरण में ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है, जिससे इलाज की संभावना बढ़ जाती है। प्रमुख स्क्रीनिंग टेस्ट में शामिल हैं:
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PSA टेस्ट (Prostate-Specific Antigen): यह एक रक्त परीक्षण है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा बनाए गए प्रोटीन के स्तर को मापता है। उच्च PSA स्तर कैंसर का संकेत हो सकता है।
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डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन (DRE): इसमें डॉक्टर प्रोस्टेट ग्रंथि की असामान्यताओं की जांच के लिए शारीरिक परीक्षण करते हैं।
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बायोप्सी: अगर PSA या DRE में असामान्यता मिलती है, तो प्रोस्टेट ऊतक का नमूना लेकर कैंसर की पुष्टि की जाती है।
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MRI और इमेजिंग टेस्ट: कैंसर के प्रसार का पता लगाने के लिए।
50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को, खासकर जिनका पारिवारिक इतिहास हो, नियमित स्क्रीनिंग करानी चाहिए।
प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम किसे ज्यादा है?
कुछ कारक प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं:
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उम्र: 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में जोखिम ज्यादा होता है।
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पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर रहा हो, तो जोखिम बढ़ जाता है।
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जातीय कारक: अफ्रीकी मूल के पुरुषों में यह कैंसर ज्यादा देखा जाता है।
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जीवनशैली: अस्वास्थ्यकर खानपान, मोटापा, और धूम्रपान जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
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जेनेटिक म्यूटेशन: BRCA1 और BRCA2 जीन में म्यूटेशन से जोखिम बढ़ता है।
भारत में प्रोस्टेट कैंसर की स्थिति
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, भारत में हर साल 33,000 से 42,000 नए प्रोस्टेट कैंसर के मामले सामने आते हैं, जो कुल कैंसर मामलों का लगभग 3% है। साल 2040 तक यह संख्या दोगुनी होकर 71,000 तक पहुंच सकती है। भारत में सबसे बड़ी चुनौती है समय पर जांच की कमी। ज्यादातर मामले उन्नत चरण में पता चलते हैं, जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है।
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के तरीके और सावधानियां
प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
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नियमित स्क्रीनिंग: 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को सालाना PSA टेस्ट और DRE कराना चाहिए। पारिवारिक इतिहास होने पर 40 साल की उम्र से स्क्रीनिंग शुरू करें।
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स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, और साबुत अनाज खाएं। रेड मीट और ज्यादा फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
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वजन नियंत्रण: मोटापा जोखिम बढ़ाता है, इसलिए नियमित व्यायाम करें।
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धूम्रपान और शराब से बचें: ये कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।
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जागरूकता: लक्षणों के बारे में जानकारी रखें और असामान्य संकेत मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जो बाइडेन का प्रोस्टेट कैंसर का मामला हमें इस बीमारी के प्रति जागरूक होने की जरूरत को दर्शाता है। प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर जांच और सही जीवनशैली से इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। भारत में बढ़ते मामलों को देखते हुए, पुरुषों को अपनी सेहत के प्रति सजग रहना चाहिए। अगर आपकी उम्र 50 से अधिक है या परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो आज ही अपने डॉक्टर से स्क्रीनिंग के बारे में बात करें। जागरूकता और समय पर कार्रवाई आपकी जान बचा सकती है।