GST 2.0: क्या स्मार्टफोन और लैपटॉप सस्ते होंगे या टीवी-एसी पर मिलेगी राहत?

जीएसटी 2.0 से 22 सितंबर 2025 से टीवी, एसी जैसे सामान 10% तक सस्ते होंगे, लेकिन स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमतों में कोई बदलाव नहीं। यह सुधार टैक्स को सरल बनाएगा और उपभोक्ताओं को राहत देगा।

Sep 21, 2025 - 18:53
GST 2.0: क्या स्मार्टफोन और लैपटॉप सस्ते होंगे या टीवी-एसी पर मिलेगी राहत?

भारत सरकार की नई जीएसटी सुधार योजना 'जीएसटी 2.0' कल यानी 22 सितंबर से लागू हो रही है। इससे उपभोक्ताओं को कई सामानों पर राहत मिलेगी, लेकिन स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमतों में कोई कमी नहीं आएगी। जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्लैब को सरल बनाते हुए 5% और 18% की दो मुख्य दरें तय की हैं, जिससे कुल 375 वस्तुओं पर टैक्स कम होगा।

जीएसटी 2.0 के प्रमुख बदलाव

जीएसटी 2.0 का उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाना है। पहले 28% की ऊंची दर वाले कई सामान अब 18% पर आ गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ये सुधार भारत की आर्थिक वृद्धि को तेज करेंगे। प्रभावी तिथि 22 सितंबर से है, जो दूध, कारों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक कई क्षेत्रों को प्रभावित करेगी।

स्मार्टफोन और लैपटॉप पर कोई राहत नहीं

अच्छी खबर यह है कि मोबाइल फोन और लैपटॉप पहले से ही 18% जीएसटी स्लैब में हैं, इसलिए इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, आईफोन, सैमसंग या डेल लैपटॉप जैसे उत्पादों पर टैक्स रेट वही रहेगा। हालांकि, आयात शुल्क या अन्य कारकों से प्रभावित होकर कीमतें बदल सकती हैं, लेकिन जीएसटी से कोई सीधी कमी नहीं।

अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते होंगे

दूसरी ओर, टीवी, एयर कंडीशनर, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे उत्पाद 28% से घटकर 18% पर आ जाएंगे। इससे इनकी कीमतें 2,000 से 25,000 रुपये तक कम हो सकती हैं, ब्रांड और कैटेगरी के आधार पर। उदाहरण के तौर पर, 50,000 रुपये का एक एलईडी टीवी अब करीब 4,000 रुपये सस्ता हो सकता है।

उपभोक्ताओं के लिए क्या मतलब?

ये बदलाव उपभोक्ताओं को सालाना हजारों रुपये की बचत दिलाएंगे, खासकर घरेलू सामान खरीदने वालों को। लेकिन स्मार्टफोन खरीदने वालों को इंतजार करना पड़ेगा। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फेस्टिवल सीजन से पहले मौजूदा ऑफर्स चेक करें। कुल मिलाकर, जीएसटी 2.0 अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .