फर्जी आर्मी अफसर गिरफ्तार: प्रेमजाल में फंसाकर 25 महिलाओं से ठगे ₹40 लाख, बैंक अधिकारी भी बनी शिकार
पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया जो फर्जी आर्मी अफसर बनकर महिलाओं को ठगता था। उसने फर्जी मैट्रिमोनियल प्रोफाइल बनाई और 25 से अधिक महिलाओं से 40 लाख रुपये ठगे। आरोपी, दयाली उप्पल, छह साल से ठगी कर रहा था।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को वाराणसी में एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आर्मी अफसर बताकर महिलाओं को अपने प्रेमजाल में फंसाता था और उनसे लाखों रुपये की ठगी करता था। आरोपी की पहचान दयाली उप्पल के रूप में हुई है, जो तेलंगाना के पेडापल्ली जिले के एनटीपीसी थाना क्षेत्र का निवासी है। पुलिस के अनुसार, उसने पिछले छह वर्षों में 25 से अधिक महिलाओं को ठगा और उनसे कुल 40 लाख रुपये ऐंठे।
फर्जी मैट्रिमोनियल प्रोफाइल से ठगी
पुलिस जांच में पता चला कि दयाली उप्पल ने मैट्रिमोनियल साइट्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर खुद को आर्मी अफसर के रूप में पेश किया था। उसने मेजर अमित और मेजर जोसेफ जैसे फर्जी नामों का उपयोग करते हुए नकली नेमप्लेट और पहचान पत्र बनाए थे। इसके अलावा, उसके पास से सेना की वर्दियां, मेडल, और फर्जी पिस्तौल भी बरामद की गई हैं। वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), प्रादेशिक सेना (Territorial Army), और जम्मू-कश्मीर पुलिस सहित केंद्रीय पुलिस बलों (CAPF) के फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल करता था ताकि महिलाओं का भरोसा जीत सके।
वाराणसी के डिप्टी पुलिस कमिश्नर (क्राइम) सरवनन थंगमणि ने बताया, "आरोपी ने फर्जी मैट्रिमोनियल प्रोफाइल के जरिए महिलाओं को अपने जाल में फंसाया और उनसे धन उगाही की। उसने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की 25 से अधिक महिलाओं को निशाना बनाया।"
शिकायत के आधार पर हुई कार्रवाई
यह मामला तब सामने आया जब चंदौली जिले की एक महिला, जो वर्तमान में वाराणसी के चितईपुर थाना क्षेत्र में रह रही है, ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। महिला ने बताया कि दयाली उप्पल ने खुद को आर्मी अफसर बताकर उससे शादी की थी। शादी के बाद वह उसके साथ कंदवा मोहल्ले में रहने लगा। इस दौरान उसने घरेलू परेशानियों और नौकरी का हवाला देकर महिला से 6 लाख रुपये ऐंठ लिए। जब महिला ने शादी रजिस्टर कराने के लिए जरूरी दस्तावेज मांगे, तो आरोपी टालमटोल करने लगा। महिला को शक होने पर उसने अन्य महिलाओं के साथ उसकी चैट और तस्वीरें देखीं, जिसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए दयाली उप्पल को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह केवल नौवीं कक्षा तक पढ़ा है और पहले तेलंगाना में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। आर्मी में भर्ती होने का उसका सपना पूरा नहीं हुआ, जिसके बाद उसने ठगी का रास्ता चुना। वह पांच साल पहले तेलंगाना से गोरखपुर और फिर वाराणसी आया था।
तीन महिलाओं से की थी शादी
जांच में यह भी सामने आया कि दयाली उप्पल ने तीन महिलाओं से शादी की थी। उसकी पहली पत्नी ने उसके खिलाफ गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। पुलिस के अनुसार, वह शादी का झांसा देकर महिलाओं को अपने जाल में फंसाता था और फिर उनसे पैसे ऐंठकर फरार हो जाता था। उसने इंटरनेट से डाउनलोड किए गए दस्तावेजों का उपयोग कर फर्जी एनएसजी, एनआईए, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के पहचान पत्र बनाए थे।
पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से सेना की वर्दियां, फर्जी मेडल, नकली पहचान पत्र, और एक फर्जी पिस्तौल बरामद की है। डीसीपी काशी जोन सरवन टी. ने बताया कि आरोपी के खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज हैं, और पुलिस अन्य पीड़िताओं की तलाश में है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि जांच के दौरान और पीड़िताएं सामने आ सकती हैं।
साइबर ठगी के खिलाफ यूपी पुलिस की सक्रियता
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल के वर्षों में साइबर अपराध और ठगी के मामलों में सख्ती बढ़ाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साइबर अपराध से निपटने के लिए 57 नए साइबर पुलिस स्टेशनों का उद्घाटन किया है, जो इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हैं। इस मामले में भी वाराणसी पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े ठगी रैकेट का पर्दाफाश किया है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे मैट्रिमोनियल साइट्स पर किसी भी प्रोफाइल पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और किसी भी व्यक्ति को पैसे देने से पहले उनकी पृष्ठभूमि की अच्छी तरह जांच कर लें।