शेरगढ़ में तानों से तंग युवक ने की आत्महत्या, दो पर मामला दर्ज
बार-बार तानों से परेशान एक युवक ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद दो रिश्तेदारों पर उकसाने का मामला दर्ज किया गया।

जोधपुर जिले के शेरगढ़ थाना क्षेत्र के खिराजा भोजा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां बार-बार अपमान और तानों से तंग आकर एक युवक ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान रावलराम पुत्र भंवरलाल मेघवाल के रूप में हुई है। इस मामले में मृतक के भाई शिवराम ने शेरगढ़ थाने में अपने बड़े पिता रेवतराम और उनके पुत्र हुकमाराम के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
शिवराम द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, करीब 7-8 वर्ष पहले उनके पिता की बीमारी के दौरान रेवतराम और उनके बेटे हुकमाराम ने परिवार को कुछ रुपये उधार दिए थे। यह लेन-देन परिवार के अन्य सदस्यों को जानकारी में नहीं था। हालांकि, रेवतराम और हुकमाराम ने इस उधार की राशि को लेकर बार-बार सामाजिक और पारिवारिक आयोजनों में शिवराम और उनके परिवार को ताने दिए और समाज के सामने उनका अपमान किया।
शिकायत में बताया गया कि 9 जुलाई 2025 को एक पारिवारिक कार्यक्रम में भी रेवतराम और हुकमाराम ने रावलराम के साथ अपमानजनक व्यवहार किया। इससे रावलराम गहरे मानसिक तनाव में आ गए। अगली रात, 10 जुलाई 2025 को रावलराम ने घर के पास बने पानी के टांके में कूदकर अपनी जान दे दी।
सुसाइड नोट में उजागर हुआ दर्द
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रावलराम ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने रेवतराम और हुकमाराम द्वारा बार-बार किए गए अपमान को अपनी आत्महत्या का कारण बताया। इस नोट में उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोपियों के नाम का उल्लेख किया और उनके व्यवहार से उत्पन्न मानसिक तनाव का जिक्र किया।
पुलिस कार्रवाई
शेरगढ़ थाना पुलिस ने शिवराम की शिकायत के आधार पर रेवतराम और हुकमाराम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 3(5), 318(4) और अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और घटनास्थल की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सुसाइड नोट और स्थानीय लोगों के बयानों को आधार बनाया जा रहा है।
थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और आरोपियों से पूछताछ के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या अन्य कारक भी रावलराम के इस कदम के पीछे थे।
परिवार का बयान
शिवराम ने से बातचीत में कहा, "मेरे भाई को बार-बार अपमानित किया गया। हमने कभी नहीं सोचा था कि यह ताने इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर कर देंगे। हम चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस दर्द से न गुजरे।"