देशभर में युद्धाभ्यास, एडवांस टेक्नोलॉजी का परीक्षण...

भारतीय सेना इस समय देशभर के रणनीतिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रही है। इन अभ्यासों का उद्देश्य युद्ध जैसी परिस्थितियों में सेना की ताकत, तैयारी और नई तकनीक की प्रभावशीलता का परीक्षण करना है।

Jun 1, 2025 - 18:09
Jun 1, 2025 - 18:15
देशभर में युद्धाभ्यास, एडवांस टेक्नोलॉजी का परीक्षण...

राजस्थान के जैसलमेर स्थित पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज, उत्तर प्रदेश के बबीना फील्ड फायरिंग रेंज और उत्तराखंड के जोशीमठ सहित कई स्थानों पर यह अभ्यास चल रहा है। साथ ही आगरा और गोपालपुर में वायु रक्षा उपकरणों (Air Defence Equipment) का विशेष प्रदर्शन आयोजित किया गया है।

पोकरण में बैटल एक्स डिवीजन का प्रभावशाली प्रदर्शन
रेगिस्तान में स्थित पोकरण रेंज में सेना की बैटल एक्स डिवीजन की मैकेनाइज्ड फोर्स ने अत्यधिक सटीक और प्रभावशाली फायर-पावर का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में सेना ने अपनी ऑपरेशनल तैयारियों, हथियारों की क्षमता और दुश्मन से निपटने की रणनीति को दर्शाया।

सेना प्रमुख ने बबीना रेंज में की समीक्षा
27 मई को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के बबीना फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अभ्यास की समीक्षा की और रक्षा उद्योग में शामिल साझेदारों तथा सैन्य अधिकारियों के साथ विस्तार से बातचीत की।

आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम
इस व्यापक युद्धाभ्यास और प्रदर्शनी के केंद्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल है। भारतीय सेना ने इस दौरान स्वदेशी रूप से विकसित कई अत्याधुनिक प्रणालियों का प्रदर्शन किया। इसका उद्देश्य देश की रक्षा क्षमताओं में घरेलू उद्योगों की भागीदारी को बढ़ाना और विदेशी निर्भरता को कम करना है।

प्रदर्शित एडवांस टेक्नोलॉजी और सिस्टम
अभ्यास में जिन प्रमुख रक्षा प्रणालियों और तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, उनमें शामिल हैं:

मानवरहित हवाई प्रणालियां (UAS)

यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड म्यूनिशन (ULPGM)

रनवे इंडिपेंडेंट रिमोटली पायलटेड एरियल सिस्टम (RPAAS)

काउंटर-यूएएस समाधान

विशिष्ट वर्टिकल लॉन्च (SVL) ड्रोन

बहु युद्धक सामग्री वितरण प्रणाली

एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन और इंटरडिक्शन सिस्टम (IDDIS)

निम्न स्तरीय हल्के वजन वाले रडार

VSHORADS (नेक्स्ट जेनरेशन) आईआर सिस्टम

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW) प्लेटफॉर्म

स्वदेशी नवाचार के प्रति वचनबद्धता
इन अभ्यासों और परीक्षणों के माध्यम से भारतीय सेना न केवल अपनी तकनीकी क्षमताओं का विस्तार कर रही है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर रही है कि वह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और नवाचार के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रदर्शन में देश के कई प्रमुख रक्षा उद्योग साझेदार भी शामिल हुए हैं, जो सेना और घरेलू निर्माताओं के बीच मजबूत होते तालमेल का संकेत है।

'परिवर्तन के दशक' की ओर मजबूत कदम
भारतीय सेना के ‘परिवर्तन के दशक’ के विज़न के तहत यह अभ्यास और टेक्नोलॉजी ट्रायल एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। इसका उद्देश्य भविष्य के युद्धों की बदलती जरूरतों के अनुरूप तेजी से टेक्नोलॉजी को अपनाना और राष्ट्रीय सुरक्षा को नई मजबूती देना है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .